उत्तराखंड

Diwali 2021: धनतेरस से भाईदूज तक होगा दिवाली सेलिब्रेशन, जानें हर दिन क्या रहेगा शुभ मुहूर्त

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Diwali 2021: दिवाली (Diwali)हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है. देशभर में इस त्यौहार को धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है. पांच दिन चलने वाले दीपोत्सव महापर्व की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras) के दिन से होती है. इसके बाद अगला दिन रुप चौदस का होता है. रुप चौदस के अगले दिन दिवाली मनाई जाती है. इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) का पूजन कर सुख शांति एवं समृद्धि की कामना की जाती है. दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है. इस दिन पशुपालक अपने जानवरों को सजाते हैं, वहीं दीपोत्सव पर्व का समापन भाईदूज के साथ होता है. इस साल धनतेरस 02 नवंबर को मनायी जाएगी. इसी के साथ दीपोत्सव की शुरुआत हो जाएगी.

5 दिनों तक होता है दिवाली सेलिब्रेशन

1. धनतेरस – दिवाली की तैयारियां वैसे तो कई दिनों पहले से ही होने लगती हैं, लेकिन दिवाली की शुरुआत धनतेरस के दिन से मानी जाती है. इस दिन सोना,चांदी, घर के बर्तन या अन्य कोई सामान खरीदने की परंपरा है. इस साल 02 नवंबर (मंगलवार) को धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन भगवान धन्वंतरि, कुबेर देवता, माता महालक्ष्मी और यमराज का पूजन किया जाता है. ज्योतिषाचार्य पंडित चंद्रभूषण व्यास के अनुसार यह दिन मकान, दुकान आभूषण या वाहन की खरीदी के लिए भी काफी शुभ माना जाता है.

शुभ मुहूर्त

धनतेरस – 02 नवंबर, मंगलवार
धन त्रयोदशी पूजन मुहूर्त

लाभ – प्रात: 11.31 से 12.10 तक
अभिजित – प्रात: 11.48 से 12.33 तक
अमृत – दोपहर 12.10 से 01.34 तक
लाभ – शाम 07.23 से 08.59 तक
शुभ – रात्रि 10.35 से 12.35 तक

नोट – राहू काल दोपहर 2.59 से 04.23 तक मुहूर्त का अभाव रहेगा.

2. नरक चतुर्दशी – धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर विधि-विधान से पूजा अर्चना करने पर
व्यक्ति को नरक से मुक्ति मिलती है और स्वर्ग की प्राप्ति होती है. नरक चतुर्दशी की रात में दिवाली की रात की तरह ही घर को दीपों से रोशन किया जाता है. इसी वजह से यह छोटी दिवाली कहलाती है. इस साल 03 नवंबर (बुधवार) को यह पर्व मनाया जाएगा.

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3. दिवाली – नरक चतुर्दशी के अगले दिन दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है. यह त्यौहार हिंदुओं का मुख्य त्यौहार है. इस दिन शुभ मुहूर्त में धन की देवी मां लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन किया जाता है. दिवाली इस बार 04 नवंबर (गुरुवार) को सेलिब्रेट की जाएगी. इस दिन विधि-विधान से पूजन अर्चन करने से जीवन में सुख-शांति एवं समृद्धि प्राप्त होती है. आचार्य पं. नवीन उपाध्याय के अनुसार इस दिन गोधुली बेला में घरो में मां लक्ष्मी का पूजन किया जाना चाहिए.

शुभ मुहूर्त

दीपोत्सव विधि मूहूर्त

कार्तिक कृष्ण अमावस्या दिनांक 4:11: 2021 गुरुवार

प्रातः 06.16 – 08.54 शुभ वेला
दिवा 11.00 – 12.42 चंचल वेला
दिवा 11.58 – 12.42 अभिजीत वेला
दिवा 12.21 – 01.30 लाभ वेला
दिवा 04.28 – 05.50 शुभ वेला

गोधूलि वेला 05.50 – 08.26

वृश्चिक लग्न प्रातः 07.50 – 10.06
कुंभ लग्न दिवा 01.54 – 03.24
वृषभ लग्न सायं 06.30 – 08.25
सिंह लग्न रात्रि 12.57 – 03.13

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गोवर्धन पूजा – दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. इस दिन पशुपालक अपने जानवरों को सजाते हैं. इस दिन गायों की सेवा करने का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान
श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को इंद्रदेव के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था. इस बार 05 नवंबर (शुक्रवार) को यह त्यौहार मनाया जाएगा.

शुभ मुहूर्त

प्रात: 06:35 से 10:46 बजे तक
दोपहर 12:10 से 1:34 बजे तक

भाई दूज – गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है. यह दिवाली के पांच दिनी महापर्व का आखिरी दिन है. इस दिन बहनें अपने भाईयों को रक्षासूत्र बांधती है. भाई की लंबी उम्र के लिए यम के नाम का दीपक घर के बाहर जलाया जाता है. इससे अकाल मृत्यू का भय दूर होता है. इस बार भाई दूज 06 नवंबर (शनिवार) को मनाई जाएगी.

शुभ मुहूर्त

प्रात: 07:59 से 09:23 बजे तक
दोपहर 12:10 से 4:23 बजे तक

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