पिथौरागढ़: भारत-चीन सीमा सड़क काली नदी में समाई, दूरस्थ क्षेत्रों में सामान की आपूर्ति बाधित
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भारत-चीन सीमा पर बलुवाकोट में सड़क काली नदी में बह गई.
इसी सड़क से होकर लिपुलेख और दारमा घाटी के बॉर्डर इलाकों तक आवाजाही होती है.
पिथौरागढ़ जिले में टनकपुर-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा बलुवाकोट में काली नदी के उफान में बह चुका है, जिससे बार्डर इलाकों से लगे इलाकों का संपर्क कट चुका है. धारचूला मुख्यालय समेत बॉर्डर की 40 हजार से अधिक आबादी पूरी तरह कट चुकी है. इतना ही नहीं, नेशनल हाइवे बंद होने से चीन और नेपाल बॉर्डर के लिए भी संपर्क पूरी तरह टूट चुका है. इसी सड़क से होकर लिपुलेख और दारमा घाटी के बॉर्डर इलाकों तक आवाजाही होती है. सड़क टूटने से दूरस्थ क्षेत्रों में जरूरी सामान के साथ-साथ सेना की भी आपूर्ति भी बाधित हुई है.
चीन और नेपाल बॉर्डर से लगे पिथौरागढ़ जिले की लाइफलाइन कहा जाने वाला घाट-पिथौरागढ़ मार्ग पांच दिन बाद आवाजाही के लिए खुल गया. सामरिक नजरिए से अहम इस नेशनल हाइवे को खोलने के लिए अतिरिक्त मशीनें लगाई गई थीं. मार्ग खुलने पर फंसे हुए सैकड़ों वाहन अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच पाए. वहीं जिले के 48 आंतरिक मार्ग पांच दिन बाद भी बंद पड़े हुए हैं.
बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते दारमा घाटी को जोड़ने वाला तवाघाट-दुग्तु मोटरमार्ग जगह-जगह बंद पड़ा है. हालात यह हैं कि यहां लोग अपने जरूरी कार्यों के चलते जान जोखिम में डालकर खतरनाक रास्तों से सफर करने को मजबूर हैं. चीन सीमा से लगे क्षेत्र दारमा और व्यास घाटी को जोड़ने वाला पैदल मार्ग भी टूट चुका है, जिससे इस क्षेत्र में जरूरी सामान की आपूर्ति बाधित हो गई है.
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