उत्तराखंड

उत्तराखंड बजट 2021-22 : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेश किया 57 हजार 432 करोड़ रुपये का बजट

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Uttarakhand Budget 2021 : सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैण में अपना पांचवां बजट पेश किया.

Uttarakhand Budget 2021 : सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैण में अपना पांचवां बजट पेश किया.

त्रिवेंद्र सरकार का ये 5वां बजट है. इससे पहले आज सुबह 11 बजे विधानसभा सत्र के चौथे दिन सदन की कार्यवाही के दौरान आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 की रिपोर्ट रखी गई.

देहरादून. उत्तराखंड (Uttarakhand) की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (Garsain) में आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (CM Trivendra Singh Rawat) ने वित्तीय वर्ष 2021-22 (Financial Year 2021-22) के लिए 57 हजार 432 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. आपको बता दें कि त्रिवेंद्र सरकार का ये 5वां बजट है. इससे पहले आज सुबह 11 बजे विधानसभा सत्र के चौथे दिन सदन की कार्यवाही शुरू हुई और इस दौरान सदन के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 की रिपोर्ट रखी गई.

मुख्यमंत्री रावत ने जो बजट पेश किया उसके मुताबिक, वित्तीय वर्ष 21-22 के लिए 44151.24 करोड़ राजस्व आय का अनुमान जताया गया है. उम्मीद की गई है कि कर के रूप में 20195.43 राजस्व प्राप्ति होगी. कुल प्राप्तियां 57024.22 करोड़ रुपये हो सकने का अनुमान है. वित्त वर्ष 20-21 में कुल 57400.32 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान इस बजट में जताया गया है. सरकार ने कहा कि वेतन भत्तों पर लगभग 16422.51 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं. इसी तरह पेंशन मद पर 6400.19 करोडु रूपए खर्च होने का अनुमान है. पेश किए गए बजट में कोई राजस्व घाटे का अनुमान नहीं, लेकिन राजकोषीय घाटा 8984.53 करोड़ रुपये आंका गया है.

इस बजट में 2022 तक किसानों की आय दुगना करने का संकल्प जताते हुए मुख्यमंत्री ने इस दिशा में परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत 87 करोड़ 56 लाख रुपये का प्रावधान किया है. आपको ध्यान दिला दें कि बतौर वित्त मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहली बार बजट पेश किया है. 2021-22 का बजट पेश करते हुए उन्होंने बताया कि इस बार गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए बजट में 245 करोड़ रुपये का प्रावधान गया है. उत्तराखंड सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री धस्यारी कल्याण योजना के लिए इस बजट में 25 करोड़ रुपये रखे गए हैं. इसी तरह जमरानी परियोजना के लिए भी की 240 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. सरकार ने सौंग पेयजल योजना के लिए 150 करोड़ रुपये और ग्रामीण जल जीवन मिशन के लिए 667 करोड़ 67 लाख रुपये रखे गए हैं.






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