Uttarakhand rains updates : अल्मोड़ा में हज़ारों फंसे और जीवन ठप, इधर CM ने किया 4 लाख मुआवजे का ऐलान
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देहरादून/अल्मोड़ा. अल्मोड़ा में तीन दिनों की बारिश ने सरकारी सिस्टम की पोल खोलकर रख दी. हज़ारों की संख्या में यहां पर्यटक फंसे हैं तो 6 लोग अकाल मौत के शिकार हो चुके हैं. वहीं, सड़कें, संचार और बिजली पानी सेवाएं ठप होने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. इधर, उत्तराखंड में भारी बारिश से हुई तबाही के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की राहत राशि मुआवज़े के तौर पर देने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने पीड़ितों को फौरी राहत के लिए सभी ज़िला कलेक्टरों के लिए भी राहत फंड की घोषणा की. तीर्थयात्रा सुचारू करने के लिए बन्द रास्तों को खोलने के भी निर्देश धामी ने दिए.
मुख्यमंत्री ने बुधवार को आपदाग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वे और राहत कार्यों की समीक्षा के लिए बैठकें कीं. मृतकों के परिवारों को मुआवज़े के साथ ही, बताया जा रहा है कि भवन नुकसान, पशुधन क्षति पर भी मानकों के अनुरूप सहायता राशि जल्द दी जाएगी. धामी ने कहा कि 10 करोड़ की रकम प्रत्येक ज़िला कलेक्टर के राहत फंड में दी गई है, जिससे फौरी राहत कार्य हो सकें. इधर, अल्मोड़ा से आ रही खबरों के मुताबिक पहाड़ का इलाका मैदान से पूरी तरह कट चुका है.

सीएम धामी द्वारा मृतकों के परिवारों को मुआवज़े के ऐलान संबंधी एएनआई ने ट्वीट किया.
लोगों की मुश्किलें और प्रशासन की कोशिशें
डीएम ने ज़िले में अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि 2 लोगों को बचाया गया है. इधर ज़िले में आपदा के बीच भूख बड़ी समस्या बन गई है. ज़िले के निवासी खीम सिंह ने बताया कि उनके चार बच्चे हैं. पिछले दो माह से सस्ता गल्ला विक्रेताओं की हड़ताल के चलते सस्ता राशन नहीं मिल पा रहा. लगातार बारिश होने से उनका रोज़गार भी खत्म हो जाने से उनके घर में खाने के लाले हैं. पिछले दो माह से राशन न मिलने की समस्या पर अब जनप्रतिनिधि और कर्मचारी दीपावली से पहले सभी गरीबों को राशन वितरण करेंगे.
फंस गए हैं हज़ारों पर्यटक
अल्मोड़ा में तमाम सड़कें टूटने, अवरुद्ध हो जाने से हज़ारों की संख्या में पर्यटक फंस गए हैं. पर्यटक रोहित का कहना है कि वह दिल्ली से परिवार सहित पहाड़ घूमने आये थे. अल्मोड़ा पहुंचने पर तेज़ बारिश शुरू हुई तो पिछले तीन दिनों से होटल के कमरें में ही हैं. अब वह वापस दिल्ली जाना चाहते हैं, लेकिन रास्ते बंद होने से लौट नहीं पा रहे. अब जोखिम उठाकर रानीखेत-भतरौजखान-रामनगर सड़क लौटने के अलावा विकल्प नहीं बचा है. इधर, प्रशासन का कहना है कि सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनें लगी हैं. जल्द स्थिति को सामान्य किया जाएगा.
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