श्री अन्न मिलिट्स महोत्सव :- 20 हजार लोग, 2 करोड़ का भोजन, नहीं हुआ पेट का पूजन
देहरादून। कृषि विभाग द्वारा आयोजित चार दिवसीय उत्तराखंड श्री अन्न मिलिट्स महोत्सव के उद्घाटन समारोह में राज्यभर के लगभग 20 हजार से अधिक कृषकों ने हिस्सा लिया है। सर्वे ग्राउंड हाथीबड़कला में खचाखच भरे पांडाल में कहीं कोई जगह नही बची थी कि लोग एक दूसरे से मिल पाए। हालांकि विभाग का कहना है कि उन्होंने 24 हजार लोगो को आमंत्रित किया हुआ था। खचाखच भरे पांडाल के मंच से मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने किसानों के दर्द पर मरहम लगाने की पूरी कोशिश की है।
इधर बताया गया की इसी पंडाल में ही आमंत्रित 24 हजार लोगो के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई थी। ताज्जुब हो कि सरकार के इस आयोजन में जिस तरह से लोगो ने बढ़चढकर हिस्सा लिया उसी तरह लोगो ने विभाग के भोजन व्यवस्था की भी धज्जियां उड़ा दी है। यहां अधिकांश लोगो को पूर्ण भोजन मिला ही नहीं है। अव्यवस्थाओं का आलम यह था कि यदि चावल मिल गया तो उसके साथ दाल नहीं मिल पा रही है। यदि रोटी मिल गई तो सब्जी नहीं मिल रही है। इस तरह सर्वाधिक खाना थालियों में ही लोगो ने छोड़ दिया है।
यह भी देखा गया कि यदि 20 हजार लोग यहां एकत्रित हुए है तो उन्हें भोजन परोसने के लिए विधिवत व्यवस्था नजर नहीं आई है। उदाहरण के लिए सिर्फ व सिर्फ पांच जगह तंदूरी का अड्डा लगा रखा था। जो लोगो तक रोटी नहीं पहुंचा पा रहे थे। आलम यह था कि विशेष व्यक्तियों और पत्रकारों के लिए बनाए गए बुफे पर भी भोजन परोसने की बहुत खराब व्यवस्था सामने आई है।
कुलमिलाकर “उत्तराखंड श्री अन्न मिलिट्स महोत्सव” में उद्घाटन के दिन से ही अव्यवथाओ का हस्र सामने आया है। जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उद्घाटन के अपने वक्तव्य में कहा कि यह महोत्सव सिर्फ महोत्सव नही है। यह किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने बाबत एक खास प्रकार का कार्यक्रम है। वे उत्तराखंड के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय फलक पर पहुंचना चाहते है। उत्तराखंड के मोटे अनाज पौष्टिक और सुपाच्य है। इसलिए मिलिट्स वर्ष के मार्फत वे उत्तराखंड के अनाजों को किसानों की आजीविका से जोड़ना चाहते है।
इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सफल प्रस्तुति हुई है। गायिका करिश्मा शाह और माया उपाध्याय ने लोगो की भूख को संगीत व नृत्य में बदल दिया है।
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