उत्तराखंड

सीएम धामी के सपनों को सच करते पिटकुल एमडी पी.सी. ध्यानी

जाफरपुर-रुद्रपुर रेललाइन पर अब बिजली से दौड़ेंगी रेल, विद्युतीकरण कार्य पूरा

42 किलोमीटर लंबी पिथौरागढ़-चम्पावत ट्रांसमिशन लाइन में भी बिजली पारेषण शुरू”

पिटकुल की बड़ी उपलब्धि, एमडी पी.सी. ध्यानी ने सीएम धामी को दी रिपोर्ट

देहरादून। बहुप्रतीक्षित जाफरपुर-रुद्रपुर रेल लाइन का अब विद्युतीकरण कर दिया गया है। इसके बाद अब इस रेलवे लाइन पर बिजली से ट्रेंनों का संचालन किया जा सकेगा। पिटकुल ने इस विवादित प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया है। इस निर्माण कार्य से अब उत्तराखंड में रेलवे लाइन का विद्युतीकरण का कार्य शत-प्रतिशत पूरा हो गया है। इसके अलावा 42 किलोमीटर लंबी पिथौरागढ़-चम्पावत ट्रांसमिशन लाइन का कार्य भी पूरा हो चुका है। 132 केवी की इस लाइन के निर्माण होने से चम्पावत और पिथौरागढ़ में कम वोल्टेज और ट्रिपिंग की समस्या का समाधान हो सकेगा। पिटकुल के प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी ने कहा कि यह दोनों प्रोजेक्ट तय समय पर पूरे किये गये हैं। उन्होंने इस कार्य के संपादन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया।

पिटकुल ने 220 केवी जाफरपुर-रुद्रपुर रेलवे लाइन तथा 132 के0वी0 पिथौरागढ़-लोहाघाट जनपद चम्पावत लाइन के विद्युतीकरण कर लिया है। पिटकुल के प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी ने रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर इस आशय की जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया कि उनके मार्गदर्शन में यह दोनों अहम प्रोजेक्ट समय पर पूरे हो सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें तय पर कार्य करने के लिए सभी निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया था। पिटकुल प्रबंध निदेशक ने मुख्य सचिव डा. एस.एस. सन्धू, पिटकुल की अध्यक्ष और अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और ऊर्जा सचिव मीनाक्षीसुन्दरम का भी आभार जताया।

गौरतलब है कि जाफरपुर-रुद्रपुर रेलवे पारेषण लाइन का निर्माण कार्य किसानों के भारी विरोध व विषम परिस्थितियों के कारण काफी समय से लम्बित था। प्रबन्ध निदेशक पीसी ध्यानी ने लगातार स्थलीय निरीक्षण, अनुश्रवण तथा लाईन निर्माण के लिए आवश्यक तकनीकी परिवर्तन और रुट परिवर्तन का निर्णय लिया और इस कार्य को पूरा कर दिया। प्रबंध निदेशक पी सी ध्यानी ने बताया कि इस कार्य के पूरा होने से अब उत्तराखंड में रेलवे लाइन का विद्युतीकरण का कार्य शत-प्रतिशत पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि रेल विद्युतीकरण के प्रसार में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उक्त रेलवे लाईन के ऊर्जीकरण से जीरो-कार्बन एमिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने में वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण कदम है।

लगभग 42 किलोमीटर लंबी 132 केवी पिथौरागढ़-लोहाघाट (चम्पावत) पारेषण लाइन का निर्माण कार्य भी विगत 6 वर्षों से लंबित था। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यह कार्य काफी चुनौती पूर्ण था। इस चुनौती को पिटकुल के प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी ने स्वीकारा और विभिन्न तकनीकी एवं स्थलीय समस्याओं का निराकरण करवाते हुये उन्होंने इस महत्वकांक्षी परियोजना को संशोधित तय तिथि से पहले पूर्ण कर लिया।

पिटकुल के प्रबंध निदेशक ध्यानी ने बताया कि इस परियोजना के पूर्ण होने से सम्पूर्ण चम्पावत जिले में लो-वोल्टेज व ट्रिपिंग की समस्याओं का निराकरण होगा। इस लाइन के विद्युतीकरण के बाद 33 केवी लाइन के ब्रेकडाउन की संख्या लगभग नगण्य हो जायेगी तथा लाइन-लौस में कमी एवं जनपद चम्पावत को होने वाले विद्युत आपूर्ति में व्यापक सुधार होगा।

रेल हादसे पर जताया शोक
प्रबन्ध निदेशक पीसी ध्यानी ने बालासोर (उड़ीसा) रेल दुर्घटना में हुई मानवीय क्षति के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हुये अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की तथा दुर्घटना में हुये घायलों के शीघ्र स्वास्थय लाभ की कामना की। उक्त अवसर पर पिटकुल के मुख्य अभियन्ता, इला चन्द्र, कम्पनी सचिव, अरुण कुमार सभरवाल, उपमहाप्रबन्धक (वित्त) मनोज कुमार, अधीक्षण अभियन्ता पंकज चौहान, संतोष कुमार, सायमा कमाल, उपमुख्य कार्मिक अधिकारी विवेकानन्द, अधिशासी अभियन्ता मीनाक्षी भारती, बलवन्त सिंह पांगती एवं राजीव सिंह आदि मौजूद थे।

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