उत्तराखंड

हल्द्वानी और ऋषिकेश में बन रहे अस्पतालों में 50 ICU बिस्तर बच्चों के लिए आरक्षित

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 दोनों अस्पतालों का संचालन अगले माह तक शुरू होने की संभावना है.  (फाइल फोटो)

दोनों अस्पतालों का संचालन अगले माह तक शुरू होने की संभावना है. (फाइल फोटो)

नेगी (Negi) ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नयी व्यवस्था विकेंद्रीकृत कोविड-19 मरीज देखभाल प्रणाली लागू की जा रही है जो शहरी के साथ ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी लागू होगी.

देहरादून. हल्द्वानी और ऋषिकेश (Haldwani And Rishikesh) में बन रहे कोविड अस्पतालों (Covid Hospitals) में वेंटिलेंटर सहित 50 आईसीयू बिस्तर बच्चों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे. उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘ इन दोनों अस्पतालों में से प्रत्येक में 25-25 बिस्तर बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगे.’’ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा ऋषिकेश के आइडीपीएल कैंपस में तथा हल्द्वानी में कोविड मरीजों के लिए अस्पताल बनाए जा रहे हैं. दोनों अस्पतालों का संचालन अगले माह तक शुरू होने की संभावना है. नेगी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नयी व्यवस्था विकेंद्रीकृत कोविड-19 मरीज देखभाल प्रणाली लागू की जा रही है जो शहरी के साथ ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी लागू होगी. इसके तहत हर ब्लॉक में एक कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र और एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल जांच प्रयोगशाला का भी प्रयास किया जा रहा है जो गांव-गांव जाकर लोगों के नमूनों की जांच करेगी. 1,98,530 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं वहीं, कल खबर सामने आई थी कि उत्तराखंड में रविवार को कोविड-19 के 4496 नए मामले आए जबकि गत 24 घंटे में 188 संक्रमितों मौत दर्ज की गई. यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना वायरस (Corona virus) से संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या 2,87,286 हो चुकी है. बुलेटिन के मुताबिक, सर्वाधिक 1248 नए मामले देहरादून जिले में आए जबकि हरिद्वार में 572, टिहरी में 498, उधमसिंह नगर में 393, पौडी में 391, रूद्रप्रयाग में 356 और उत्तरकाशी में 351 और लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई. बुलेटिन के मुताबिक प्रदेश में अब तक कुल 4811 कोरोना वायरस संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं. प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 78,802 हैं जबकि 1,98,530 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं.





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