उत्तराखंड

सीएम योगी ने किया केरल के देवस्थानम बोर्ड को लेकर ट्वीट, गरमा गई उत्तराखंड की राजनीति

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/योगी आदित्यनाथ के ट्वीट के बाद विपक्ष को उत्तराखंड में फिर मुद्दा मिला. (File photo)

/योगी आदित्यनाथ के ट्वीट के बाद विपक्ष को उत्तराखंड में फिर मुद्दा मिला. (File photo)

सीएम योगी ने ट्वीट किया ‘केरल में LDF सरकार ने देवस्थानम बोर्ड के नाम पर यहां के हिंदुओं की आस्था के साथ खेलवाड़ करना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझ लिया है. जो भी खेलवाड़ करे, उसकी जमानत जब्त होनी चाहिए.’

पिथौरागढ़. केरल (Kerala) और उत्तराखंड (uttarakhand) के देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam Board) को लेकर एक बार फिर सियासत गरमाने लगी है. इस बार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सीएम योगी आदित्यनाथ के ट्वीट के बाद विरोधी उत्तराखंड सरकार के फैसले की आड़ में उन पर पलटवार कर रहे हैं.

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा ‘केरल में LDF की सरकार ने देवस्थानम बोर्ड के नाम पर यहां के हिंदुओं की आस्था के साथ खेलवाड़ करना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझ लिया है. केरल की जनता की भावनाओं और आस्था के साथ जो भी खेलवाड़ करे, उसकी जमानत जब्त होनी चाहिए.’

लेकिन योगी का ये ट्वीट तब उन पर भारी पड़ गया, जब उत्तराखंड के देवस्थानम बोर्ड को लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा. बीजेपी की त्रिवेंद्र सरकार ने उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड बनाया था. देवस्थानम बोर्ड ही चारधाम यात्रा संचालित करता है. जिसका पुरोहित समाज ने जमकर विरोध किया था. यहां तक कि बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड पर अपनी घोर नाराजगी जाहिर की थी. स्वामी इस मामले को लेकर कोर्ट की शरण में भी गए थे.

यूपी के सीएम योगी के ट्वीट के बाद अब आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने पलटवार किया है. मोहनिया ने ट्वीट कर योगी से पूछा है ‘योगी जी, यह बात अपने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ रावत को बताएं कि उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड के नाम पर हिंदुओं की आस्था से खेलवाड़ बंद करें, अन्यथा उनकी भी जमानत जब्त होगी.’उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड बनने के बाद पंडा-पुरोहित समाज इसे अपने पारंपरिक अधिकार पर चोट बताता रहा है. वहीं विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार को आए दिन घेरते आए हैं. लेकिन यह पहला मौका है जब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ केरल के एलडीएफ सरकार पर तो हमलावर हैं, लेकिन उत्तराखंड की बीजेपी सरकार को उन्होंने कभी इस मुद्दे पर कोई हिदायत नहीं दी.







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