उत्तराखंड

उत्तराखंड में आपदा की वजह सड़क चौड़ीकरण और पनबिजली परियोजनाएं: चारधाम समिति– News18 Hindi

[ad_1]

नई दिल्ली. उत्तराखंड में चारधाम (Char Dham) राजमार्ग परियोजना की निगरानी कर रही उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट को लिखा है कि पनबिजली परियोजनाओं (Hydro Power Project) के निर्माण और सड़क को चौड़ा करने से हिमालयी परिस्थितिकी को अपूरणीय नुकसान पहुंच रहा है जिसके कारण चमोली जिले (Chamoli Avalanche) में अचानक बाढ़ रूपी आपदा आई. समिति के अध्यक्ष रवि चोपड़ा ने अदालत को लिखे पत्र में कहा कि वर्ष 2013 में केदारनाथ में हुए हादसे के बाद एक विशेषज्ञ समिति ने पनबिजली परियोजनाओं के प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए एक रिपोर्ट सौंपी थी, और उसमें व्यक्त की गई चिंताओं और अनुशंसाओं पर ध्यान दिया जाता तो ऋषिगंगा और तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजनाओं में जान-माल के व्यापक नुकसान से बचा जा सकता था.

‘उपलब्ध साक्ष्यों (सबूतों) और 2013 में हुए हादसे के मद्देनजर वैज्ञानिक विश्लेषण पर आधारिक हमारी रिपोर्ट की सराहना करने के बजाय, यह बेहद खेदजनक है कि 15 जनवरी, 2021 के अपने हलफनामे में रक्षा मंत्रालय ने मकसद की असंवेदनशीलता पर सवाल उठाए.’

बता दें कि बीते सात फरवरी को चमोली के तपोवन में ग्लेशियर टूटने की घटना हुई थी. इससे आए जल प्रलय की चपेट में सैकड़ों गांव आ गए थे. इस हादसे के शिकार अभी तक 58 लोगों के शव बरामद किए गए हैं जबकि डेढ़ सौ से ज्यादा लोग लापता हैं. इस आपदा में मलबे के ढेर में ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. लापता लोगों की तलाश में यहां टनल में मलबा हटाने का काम चल रहा है. (भाषा से इनपुट)



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *