कोरोना काल में नौकरी गई तो घर लौटे युवा, खोज निकाला ‘भुरमुनी वॉटरफॉल’
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उत्तराखंड राज्य का पिथौरागढ़ जिला अपनी खूबसूरत वादियों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि इसे मिनी कश्मीर भी कहा गया है. इन दिनों इसकी सुंदरता में भुरमुनी वॉटरफॉल चार चांद लगा रहा है. मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर यह झरना स्थित है. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह वॉटरफॉल चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ है, जिसके नजारे अपनी आंखों में उतारने के लिए लोग यहां खिंचे चले आ रहे हैं.
कोरोना काल में बेरोजगार होकर घर लौटे भुरमुनी के युवाओं द्वारा इस झरने की खोज की गई. इसे खोज निकालने के बाद इन युवाओं ने आपसी सहयोग से यहां तक पहुंचने का रास्ता भी तैयार किया. जिसके बाद प्रकृति की इस अनमोल धरोहर का लोगों को पता चला.
इस झरने का दीदार करने के लिए अब हर रोज हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं. यह बात अलग है कि अभी भी यहां तक पहुंचना आसान नहीं है. बावजूद इसके युवा हो या बच्चे या फिर महिलाएं, सभी इन खूबसूरत नजारों को अपनी आंखों में कैद करना चाहते हैं.
स्थानीय युवाओं ने काफी मेहनत कर इस झरने को इस लायक बनाया है कि लोग यहां आकर इसका आनंद उठा सकें. झरने के आसपास साफ-सफाई के लिए युवाओं ने प्रति पर्यटक 30 रुपये की फीस तय की है.
अब तक जंगलों के बीच छिपे इस खूबसूरत झरने को सबके सामने लाकर स्थानीय युवाओं ने अपनी अहम भूमिका निभाई है. अब जरूरत है तो भविष्य में इस वॉटरफॉल को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित कर इस जगह को और सुगम बनाने की. फिलहाल यहां पहुंचने के लिए तीन किलोमीटर की कच्ची सड़क और एक किलोमीटर का पैदल रास्ता तय करना पड़ता है.
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