Weather Update: नैनीताल में इंद्रदेव हुए मेहरबान, अचानक मौसम ने बदली करवट और झमाझम हुई बारिश
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बीमारियों का भी खतरा बारिश नहीं होने पर भी बना हुआ था.
कई महीनों बाद हुई बारिश से स्थानीय लोगों ने राहत महसूस की. साथ ही बारिश की वजह से गर्मी से भी लोगों को निजात मिली है.
जरूरी थी पहाड़ में बारिश
दरअसल, इस साल बारिश नहीं होने से मौसम पर असर पड़ा है तो जनवरी महीने से ही कुमाऊं के पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चंपावत और नैनीताल में जंगलों में आग लग रही है. आग से हजारों एकड़ जंगलजलकर राख हो गए हैं. वनों की जानकारी रखने वाले के एस सजवाण बताते हैं कि पिछले महीनों के बारिश नहीं होने से जंगल ड्राई हो गए थे. इसके चलते आग की घटनाओं में तेजी आई थी. अब बारिश हुई है तो अब इससे नमी मिलेगी और जंगल आग से बचेंगे. हालांकि, अब बारिश होने से जंगलों की आग से राहत मिली है, जिससे वन विभाग ने राहत की सांस ली है.
नई बुआई के लिए बारिश से नमी मिलेगीकई महीनों से सपना बनी बारिश के बाद नैनीझील को भी कुछ राहत मिली है. हालांकि, इस बारिश के बाद पहाड़ में सूखने के कगार पर पहुंची खेती को भी जान मिली है. नैनीताल के पास खुर्पाताल के ग्रामीण मनमोहन कनवाल कहते हैं कि कई महीनों से बारिश नहीं हुई थी जिसके चले खेती सूख गई थी. खेती को काफी नुकसान हुआ है. हालांकि, नई बुआई के लिए बारिश से नमी मिलेगी.
नैनीताल में भी बढ़ने लगी थी गर्मी
दरअसल, लंबे समय से बारिश नहीं होने से नैनीताल में गर्मी तेजी से बढ़ने लगी थी. लेकिन तेज बारिश और ओला गिरने से शहर में ठंडक लौट आयी है. नैनीताल में कारोबारी संजय नागपाल कहते हैं कि नैनीताल के लिए बारिश जरूरी थी. सिर्फ झील के लिए नहीं बल्कि तापमान में कमी भी बारिश से मिला है. वहीं, कई बीमारियों का भी खतरा बारिश नहीं होने पर भी बना हुआ था.
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