उत्तराखंड

VIDEO: बिजली के पोल के अंदर फंस गई थी ये ‘खास’ चिड़िया, 24 घंटे बाद किया गया रेस्क्यू

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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थानीय लोगों ने मैना को 24 घंटे बाद बिजली के पोल से जीवित बचा लिया.

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थानीय लोगों ने मैना को 24 घंटे बाद बिजली के पोल से जीवित बचा लिया.

रुद्रप्रयाग जिले के मक्कूमठ का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक पक्षी मैना को स्थानीय लोगों ने अपनी सूझबूझ से बिजली के खंभे से सुरक्षित निकाल लिया.


  • Last Updated:
    April 8, 2021, 10:38 PM IST

रुद्रप्रयाग. आपने हाथी, शेर, भैंस या घोड़े के रेस्क्यू होते सुना होगा, लेकिन यहां पर हम आपको बता रहे हैं एक चिड़िया के रेस्क्यू के बारे में. मामला रुद्रप्रयाग जिले के मक्कूमठ में. जहां पर बिजली के खंभे में फंसी मैना चिड़िया (Myna bird) को 24 घंटे बाद जीवित निकाल लिया गया. मैना को बचाने का वीडियो वायरल हो गया है और ये वीडियो न्यूज 18 आपके लिए लाया है. इसमें एक पक्षी मैना 6 अप्रैल को बिजली के खंभे के अंदर गिर गई थी. पहले तो इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया. लेकिन 7 अप्रैल को भी जब खंबे के अंदर से  मैना के चीखने की आवाज आई तो लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. लेकिन विभागीय अधिकारियों ने भी एक चिड़िया के लिए कोई एक्शन लेना जरूरी नहीं समझा.

Youtube Video

वन विभाग की ओर से जब पक्षी को रेस्क्यू करने कोई नहीं पहुंचा तो स्थानीय निवासी भुवन चन्द्र मैठाणी ने खुद पहल की और कटर की मदद से खंबे पर एक छोटी खिड़की काटी गई. ताज्जुब देखिए कि मैना कुछ ही देर बाद इस खिड़की पर आ गई. कुछ देर मैना खिड़की पर बैठकर ही इधर-उधर देखती रही और फिर रोज की तरह खुले आसमान में उड़ गई. शायद उसको भी विश्वास नहीं था कि वो बचा ली जाएगी.

उत्तराखंड वन विभाग यूं तो संकट में फंसी वाइल्ड लाइफ के लिए कई रेस्क्यू अभियान चलाता रहता है, लेकिन शायद इस मामले में उसे भी उम्मीद नहीं रही होगी कि ऐसा भी हो सकता है. एक चिड़िया को बचाने के इस प्रयास की फारेस्ट अफसर भी सराहना कर रहे हैं. उत्तराखंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के चीफ जेएस सुहाग, फारेस्ट चीफ राजीव भरतरी ने वाइल्ड लाइफ को लेकर स्थानीय लोगों की इस संवेदनशीलता की सराहना की है.उत्तराखंड इस समय भीषण फारेस्ट फ़ायर का सामना कर रहा है. फॉरेस्ट फायर से अभी तक 17 जानवरों की मौत हो चुकी है.इसमें वाइल्ड लाइफ का तो कोई आंकड़ा ही नहीं है. करीब 19 सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल अभी तक आग की चपेट में आ चुका है.







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