Uttarakhand Weather : मई में इतनी सरप्लस बारिश हुई कि पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूटा
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प्री मानसून बारिश से तरबतर हुआ उत्तराखंड.
Monsoon in Uttarakhand : पिछले साल के मुकाबले इस साल मई के महीने में 150% से ज़्यादा बारिश हुई. इस बारिश ने कहीं कहर ढाया जो कहीं मौसम को सुहाना बना दिया. जानिए प्री मानसून के आखिरी महीने की बारिश ने राज्य को कैसे तरबतर किया.
देहरादून. मई के महीने में एक तरफ उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप सबसे ज़्यादा रहा तो दूसरी तरफ, पिछले दस सालों के रिकॉर्ड तोड़ देने वाली बारिश भी हुई. प्रादेशिक मौसम केंद्र की मानें तो इस साल मई में राज्य में 168% सरप्लस बारिश हुई, जो कि पिछले एक दशक में रिकॉर्ड है. 1 मई से लेकर 31 मई के तक राज्य भर में 175.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई जबकि इस महीने में अपेक्षा 65.6 एमएम की थी. बताया जा रहा है कि राज्य में अगले कुछ महीनों में भी सामान्य से ज़्यादा बारिश होने का अनुमान है.
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक राज्य के सभी 13 ज़िलों में मई के महीने में अपेक्षा से ज़्यादा बारिश हुई जबकि चंपावत, बागेश्वर और उधम सिंह नगर में सामान्य से 300% तक ज़्यादा बरसात दर्ज की गई. वहीं, अल्मोड़ा, नैनीताल और हरिद्वार में 200%, देहरादून में 173% और चमोली में 146% अतिरिक्त वर्षा हुई. प्री मानसून के तीन महीनों का समय भी मई के साथ खत्म हो चुका है और अब राज्य में मानसून आने की राह देखी जा रही है.
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2018 और 2019 में सामान्य और अपेक्षा से काफी कम बारिश उत्तराखंड में हुई थी.
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आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के मुताबिक उत्तराखंड में 19 और 20 मई को 48 घंटे के दौरान जितनी बारिश हुई, उतनी सामान्य तौर पर मई के पूरे महीने में राज्य में होती है. इस दो दिनों में बारिश के कारण 5 मौतें भी रिपोर्ट हुईं. गौरतलब है कि फरवरी के महीने से राज्य में बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाओं के कारण मई में अत्यधिक बारिश हुई. वहीं, चक्रवातों ने भी इसके पीछे भूमिका निभाई. बता दें कि 2020 में मई के महीने में 9%, 2019 में -58% और 2018 में -22% बारिश हुई थी.
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