उत्तराखंड

Uttarakhand News: पेड़ों को बचाने के लिए 48 साल बाद उत्‍तराखंड में फिर ‘चिपको’ आंदोलन, जानें पूरा मामला

[ad_1]

Uttarakhand News:पेड़ों को कटने से बचाने के लिए उनमें लिपटीं महिलाएं. (न्‍यूज 18 हिन्‍दी)

Uttarakhand News:पेड़ों को कटने से बचाने के लिए उनमें लिपटीं महिलाएं. (न्‍यूज 18 हिन्‍दी)

Uttarakhand News: बागेश्‍वर जिले के जाखनी गांव में मोटर मार्ग के लिए बड़ी संख्‍या में पेड़ों को काटने का काम चल रहा है. ऐसे में स्‍थानीय लोग पेड़ों को बचाने के लिए उनमें लिपट जा रहे हैं.

बागेश्वर. उत्‍तराखंड के बागेश्वर जिले के जाखनी गांव में एक बार फिर से चिपको आंदोलन शुरू हो गया है. कमेड़ीदेवी-रंगधरा-मजगांव-चौनाला मोटर मार्ग के लिए कट रहे पेड़ों को बचाने के लिए लोग पेड़ों में लिपट जा रहे हैं. महिलाओं के पेड़ों में लिपटने से एक बार फिर 1973 के चिपको आंदोलन की याद आ गई है. उस समय गौरा देवी के नेतृत्व में चलाया गया था.

ग्राम प्रधान ईश्वर सिंह मेहता का कहना है कि गांव में 600 की आबादी है. 8 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले जंगल में बांज, बुरांश और उतीस के 10 हजार से अधिक पेड़ हैं. इसमें 90 फीसदी तो बांज के पेड़ हैं, जिन्हें ग्रामीणों ने अपने बच्चों की तरफ पाला है. जो सर्वे सड़क के लिए हुई है वह पूरी तरह से जंगल मार्ग से हुई है, जिससे वन का अधिकांश हिस्‍सा समाप्त हो जाएगा.

हिमानी मेहता का कहना है कि जिस तरह से हम बच्चे बड़े होते रहे वैसे ही हमारे परिजनों ने पेड़ों को भी पाला है. लेकिन, प्रशासन द्वारा सड़क बनाने के नाम पर पेड़ों को काटा जा रहा है, जिन्हें हम किसी भी हालात में कटने नहीं देंगे. पहले हमें काटेंगे इसके बाद ही पेड़ों को काटेंगे.

इस मुहिम का हिस्‍सा बनीं एक अन्‍य महिला हेमा देवी का कहना है कि हम लोगों ने पानी की परेशानी को देखते हुऐ जंगल बनाया है जिसे आग से बचाया है. यहां तक कि गांव के लोग पेड़ों को लकड़ी जलाने के लिए भी नहीं काटते हैं, तो फिर सड़क के नाम पर हजारों पेड़ों को क्यों काटने दें? हम पेड़ों पर लिपटे हैं, जब विभाग हमें काटेगा तब पेड़ों पर आरी चलाने देंगे.क्या था 1973 का चिपको आंदोलन?
चिपको आंदोलन पर्यावरण रक्षा का आंदोलन था. आंदोलन चमोली जिले में 1973 में शुरु हुआ था. यह एक दशक के अंदर पूरे राज्य में फैल गया था. इस आंदोलन का नेतृत्व रैणी गांव की गौरा देवी ने किया था. जो पेड़ों को बचाने के लिए पेड़ों से चिपक गई थीं.






[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *