Uttarakhand News: जॉलीग्रांट एयरपोर्ट को जोड़ने वाली एप्रोच रोड धंसी, NH के तीन इंजीनियर सस्पेंड
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सरकार ने एक महीने में पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है.
Dehradun News: दो साल पहले बनकर तैयार हुई अप्रोच रोड के धंसने के मामले में उत्तराखंड सरकार ने तीन इंजीनियरों को सस्पेंड (Suspend) कर दिया है.
देहरादून. जॉलीग्रांट एयरपोर्ट (Jollygrant Airport) को जोड़ने वाले थानों मोटर मार्ग पर दो साल पहले बनकर तैयार हुए फ्लाई ओवर की अप्रोच रोड ध्वस्त हो गई. अब इस मामले में उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने बड़ी कार्रवाई की है. नेशनल हाईवे के चीफ एसके बिड़ला की शरुआती रिपोर्ट के आधार पर सचिव आरके सुधांशु ने अधिशासी अभियंता समेत तीन इंजीनियरों को तत्तकाल प्रभाव से सस्पेंड (Engineer Suspend) कर दिया है. सस्पेंड हुए इंजीनियरों में अधिशासी अभियंता जीत सिंह रावत, सहायक अभियंता अनिल कुमार, शैलेंद्र मिश्रा का नाम शामिल है. तीनों इंजीनियरों को पौड़ी खण्ड से अटैच कर दिया गया है.
सहायक अभियंता शैलेंद्र मिश्रा पहले भी एक मामले में रिवर्ट किए जा चुके हैं. वे अधिशासी अभियंता से सहायक अभियंता पद पर रिवर्ट किए गए थे. शासन ने तीनों को सस्पेंड करने के साथ ही पूरे मामले की जांच चीफ इंजीनियर अशोक कुमार को सौंपी है. उन्हें एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट शासन को सबमिट करनी होगी.
फ्लाई ओवर भी धंसा
दूसरी ओर, देहरादून- हरिद्वार हाईवे पर डोईवाला मार्केट को कनेक्ट करने के लिए बनाए गए फ्लाई ओवर भी धंस गई है. इस फ्लाई ओवर को बने हुए अभी 6 महीने का समय भी नहीं बीता है. नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ने इसका निर्माण किया था. शासन ने इसे गम्भीरता से लेते हुए नेशनल हाइवे ऑथोरिटी के रिजिनल ऑफिसर सीके सिंह को तलब कर पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है. गौरतलब है कि थानों मोटर मार्ग पर 2018 में भी भोपालपानी में बने पुल की एप्रोच रोड ध्वस्त हो गई थी. तब भी तीन इंजीनियरों को सस्पेंड करने के साथ ही एक सहायक अभियंता कांडपाल को रिवर्ट कर दिया गया था.जानकारों की मानें तो भोपालपानी और बड़ासी पुल को बनाने में रिवर्ट किए गए इंजीनियर कांडपाल की महत्वपूर्ण भूमिका थी. इसमें डिजाइन की सरासर अनदेखी की गई थी. आरसीसी वाल की जगह एप्रोच रोड में ब्लॉग बनाकर रिटेनिग वॉल खड़ी कर दी गई और सड़क में लूज मलबा भर दिया गया, जो अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. जानकर कहते हैं कि विभाग को अब दोनों फ्लाई ओवर की एप्रोच रोड नए सिरे से बनानी होगी, तब जाकर सड़क टिक पाएगी.
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