Uttarakhand Election: क्या फिर बनेगी BJP सरकार या चलेगा AAP का जादू? जानें कांग्रेस को कितनी सीटें- सर्वे
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देहरादून. विधानसभा चुनाव से चंद महीने दूर खड़ी उत्तराखंड बीजेपी (Uttarakhand BJP) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. यह बात सामने आई है कि कांग्रेस से आए विधायक बीजेपी में अलग से संगठन बनाए हुए हैं. इससे देहरादून (Dehradun) से दिल्ली तक बीजेपी में हलचल है. रायपुर सीट से विधायक उमेश शर्मा काऊ (Umesh Sharma Kau) और धामी सरकार (Dhami Government) में मंत्री धन सिंह रावत के बीच एक कार्यक्रम में विवाद क्या हुआ कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए नेताओं की अंदरूनी लड़ाई खुलकर सामने आ गई. वर्ष 2016 में कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए उमेश शर्मा काऊ के समर्थन में हरक सिंह रावत से लेकर सतपाल महाराज ने भी बाहें चढ़ा ली हैं. मौके की नजाकत को भांपते हुए खुद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी (Pushkar Dhami) को मोर्चे पर आना पड़ा और उन्होंने नाराज विधायक उमेश शर्मा काऊ और हरक सिंह से बात की.
कई मौकों पर खुद उपेक्षा का शिकार हो चुके सतपाल महाराज भी उमेश शर्मा काऊ के पक्ष में खड़े हो गए हैं. उनका कहना है कि विधायक की बात सुनी जानी चाहिए. उन्होंने काऊ को आश्वस्त किया कि वो पार्टी फोरम पर इस मुद्दे को उठाएंगे. उन्होंने कहा कि वो काऊ के साथ खड़े हैं.
बहरहाल, मामला बढ़ता देख दिल्ली भी अलर्ट हो गई है. पार्टी हाईकमान द्वारा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को दिल्ली तलब कर लिया है. इसी महीने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा का उत्तराखंड दौरा होना है. ऐसे में पार्टी की कोशिश होगी कि उनके आने से पहले इस मामले का निपटारा कर लिया जाए.
अपने विधानसभा क्षेत्र में विरोधी गुट के कार्यकर्ताओं को देख उमेश शर्मा काऊ भड़क गए
दरअसल, उमेश शर्मा काऊ रायपुर से विधायक हैं. यहां बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं और काऊ के बीच समय-समय पर विवाद सामने आता रहा है. इसी हफ्ते रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री धन सिंह रावत के साथ विरोधी गुट के कार्यकर्ताओं को देख काऊ भड़क गए थे. उनका कहना था कि कार्यक्रम उनके विधानसभा क्षेत्र में है और ऐसे लोगों को कार्यक्रम में किसने बुला दिया, जो उनके विरोधी हैं.
विधायक ने मंत्री धन सिंह रावत से कहा कि यदि आप इन लोगों को लाए हैं, तो आप ही कार्यक्रम करो. इसके बाद कार्यकर्ताओं और विधायक के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गया. विवाद इतना बढ़ा कि काऊ दूसरे ही दिन मंत्री धन सिंह रावत की शिकायत करने दिल्ली पहुंच गए. चर्चा यह भी है कि धन सिंह रावत श्रीनगर की अपनी सीट को छोड़कर रायपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं.
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