Uttarakhand: पहाड़ों में बदला मौसम, सर्दियां बिना बर्फबारी की गुजरी, मानसून में सूखे जैसे हालात
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इस साल मौसम चक्र में लगातार बदलाव दिखा है. जब फसलों को बारिश की दरकार थी, उस वक्त सूखा पड़ा रहा और जब फसलों के कटने का समय आया, भारी बारिश ने तांडव मचाया. मौसम का ये बदलाव खेती के साथ ही बागवानी पर भी भारी पड़ रहा है. विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान शाला के निदेशक डॉ. लक्ष्मीकांत बताते हैं कि जिस प्रकार इस बार मौसम चक्र बदला है, उससे खेती और बागवानी दोनों को भारी नुकसान हुआ है.
पहाड़ों में इस बार 60 फीदी कम हुई बारिश
पहाड़ों में इस बार जाड़ों की बारिश 60 फीसदी कम हुई थी. हालात तो ये थे कि निचले इलाकों में कहीं भी बर्फ नजर नहीं आई. ऊंचे इलाकों में भी उतनी बर्फ इस साल नहीं गिरी, जितनी आमतौर पर गिरा करती थी. बरसात में बारिश नहीं होने से पेयजल संकट भी गहरा रहा है. बीते सालों तक पहाड़ों में लोकल मानसून भी जमकर बरसा करते थे. लेकिन इस बार समुद्री मानसून भी कहां ठहर गया, किसी को पता नहीं है. 0147.
मौसम चक्र में हो रहे इस बदलाव की बारीक स्टडी अब निहायती जरूरी हो गई. इसी आधार पर ये भी तय हो सकेगा कि किन महीनों में कौन सी फसल किसान बोए ताकि खेती और बागवानी बच सके और किसान को हो रहे नुकसान से भी कम किया जा सके.
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