Pritam Singh – India Times https://indiatimes24x7.com National News Portal Tue, 12 Oct 2021 19:38:10 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://indiatimes24x7.com/wp-content/uploads/2021/12/cropped-india-times-24x7-1-32x32.png Pritam Singh – India Times https://indiatimes24x7.com 32 32 Uttarakhand Politics : चार साल बाद कांग्रेस में यशपाल आर्य की वापसी, लेकिन सूत्रधार कौन? https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-politics-yashpal-arya-returns-to-congress-after-four-years-but-who-is-the-facilitator/ https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-politics-yashpal-arya-returns-to-congress-after-four-years-but-who-is-the-facilitator/#respond Tue, 12 Oct 2021 02:01:02 +0000 https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-politics-%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a5%87/

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देहरादून. उत्तराखंड की भाजपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री यशपाल आर्य की एंट्री से कांग्रेस में हरीश रावत, प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल के साथ एक बड़ा नाम जुड़ गया लेकिन सवाल है कि यशपाल आर्य की घर वापसी का सूत्रधार कौन था? वो भी तब, जबकि हरीश रावत आज भी वहीं हैं, जिनसे नाराज़ होकर यशपाल आर्य से कांग्रेस छोड़ी थी. इस बारे में जो चर्चा हो रही है और​ जिस तरह के संकेत स्पष्ट नज़र आ रहे हैं, उनसे यही माना जा सकता है कि उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का नाम इस मामले में अग्रणी रहा, लेकिन कैसे?

उत्तराखंड में 7 सालों तक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे यशपाल आर्य फिर कांग्रेस के हो गए, लेकिन आर्य की वापसी की ज़मीन किसने तैयार की, कांग्रेस के भीतर इस बात की चर्चा ज़ोरों पर है. सवाल इसलिए बड़ा है कि गणेश गोदियाल को अभी अध्यक्ष बने ज़्यादा वक्त नहीं हुआ है और पूर्व सीएम हरीश रावत से नाराज़गी की वजह से ही आर्य ने 2017 चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ी थी. ऐसे में आर्य की वापसी के काम को आखिर किसने अंजाम दिया!

क्या और कैसी रही प्रीतम सिंह की भूमिका?
चर्चा है कि 4 साल प्रदेश अध्यक्ष रहे और अब नेता विपक्ष प्रीतम सिंह का इसमें बड़ा रोल रहा, जो 3 दिनों से लगातार दिल्ली में डटे हुए थे और फिर दिल्ली में कांग्रेस के मंच से प्रीतम और आर्य ने जो कहा, उसने सब कुछ साफ कर दिया. प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष के तौर पर वह लगातार आर्य के संपर्क में रहे. इस दौरान बातचीत होती रही और आखिरकार वही आर्य कांग्रेस में आ गए.

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यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

रावत और गोदियाल ने तो खुद किया था इनकार!
प्रीतम सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भी ‘राजनीति में दरवाज़े हमेशा खुले’ होने की बात कही. वहीं बीते कुछ महीनों में चर्चाएं ये भी रहीं कि बीजेपी के कुछ नेता कांग्रेस के बड़े नेताओं के संपर्क में हैं लेकिन अक्सर गोदियाल और हरीश रावत ने ऐसी किसी बात से इनकार किया. न्यूज़ 18 को दिए इंटरव्यू में भी रावत ने यही कहा था. रावत ने कहा था कि कोई नेता फिलहाल उनके सीधे संपर्क में नहीं है.

कांग्रेस में आर्य की एंट्री पूरी पार्टी के लिए किसी राहत से कम नहीं है क्योंकि इसी साल जून में इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ था. प्रीतम सिंह की प्रदेश अध्यक्ष पद से विदाई हुई, तो सारे समीकरण बदल गए, लेकिन आर्य की वापसी करवाकर प्रीतम सिंह ने अपनी सियासी हुनर ज़रूर साबित किया है.

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Uttarakhand: कांग्रेस के नये प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने टीम प्रीतम पर चलाया ‘चाबुक’, पूर्व अध्‍यक्ष ने कही ये बात https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a4%af%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%85/ https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a4%af%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%85/#respond Wed, 04 Aug 2021 08:16:43 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=3169

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ऋषिकेश. उत्तराखंड कांग्रेस (Uttarakhand Congress Crisis) में विवाद थमने का नाम नहीं ने रहे हैं. ताजा मामला पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह (Pritam Singh) के फैसलों को पलटने से जुड़ा है. दरअसल, प्रीतम सिंह ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में जो ब्लॉक अध्यक्ष बनाए थे, उनको नये कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल (Ganesh Godiyal) ने कैंसिल कर दिया. हालांकि इस समय ऋषिकेश में कांग्रेस का मंथन शिविर चल रहा है.

ब्लॉक अध्यक्ष मामले पर प्रीतम सिंह ने कहा कि जब मैं अध्यक्ष बना, तो मैंने 2-3 साल तक किशोर उपाध्याय की टीम के साथ काम किया, लेकिन अब नये कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल मेरे साथ चले लोगों को हटाना चाहते हैं, ये उनका अधिकार है.

गणेश गोदियाल ने कही ये बात
वहीं, उत्तराखंड कांग्रेस के नये प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि किसी को हटाया नहीं जा रहा है बल्कि बदला जा रहा है. जबकि पौड़ी जिले के मामले में पर्यवेक्षकों से रिपोर्ट मांगी गई है. कुल मिलाकर मंथन शिविर के बीच कांग्रेस के मौजूदा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष में विवाद शुरू हो गया है.

क्या नई कांग्रेस में थमेंगे विवाद?
उत्तराखंड कांग्रेस पर विवादों को थामना नये प्रदेश अध्यक्ष के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. बीते करीब 4 सालों में कांग्रेस अपने बड़े नेताओं के विवादों की वजह से बदनाम रही है. ऐसे में चुनाव से पहले विवादों को थामना कांग्रेस के बड़े नेताओं के लिए जरूरी है. वहीं, गणेश गोदियाल के ऊपर इस बात की भी जिम्मेदारी है कि वो सबको साथ कर चलें, लेकिन सीनियर लीडर इंद्रा हिरदेश के निधन के बाद कांग्रेस में फिलहाल दो बड़े गुट हैं. वो हैं हरीश रावत और प्रीतम सिंह गुट. बता दें कि इसी फॉर्मूले पर सबको साधते हुए प्रदेश अध्यक्ष के साथ 4 कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए, लेकिन ब्लॉक अध्यक्षों को हटाने एक नया विवाद खड़ा हो गया है.

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उत्तराखंड कांग्रेस की चिंता : इंदिरा हृदयेश के निधन से खाली हुई जगह की कैसे हो भरपाई https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a4%bf/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a4%bf/#respond Mon, 14 Jun 2021 12:18:47 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2245

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पंचतंत्व में विलीन हुईं कांग्रेस की कद्दावर नेता इंदिरा हृदयेश.

पंचतंत्व में विलीन हुईं कांग्रेस की कद्दावर नेता इंदिरा हृदयेश.

इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद उत्तराखंड कांग्रेस दो चेहरों पर आकर टिक गई है – हरीश रावत और प्रीतम सिंह. इन दोनों नेताओं के आसपास अब कांग्रेस के भविष्य की राजनीति घूमेगी और यही नेता तय करेंगे की इंदिरा हृदयेश की कमी कैसे पूरी होगी?

देहरादून. कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं. लेकिन अपने जाने के साथ वे उस कांग्रेस पार्टी के लिए उत्तराखंड में कई मोर्चों पर सवाल छोड़ गई हैं, जिसकी सेवा उन्होंने करीब 4 दशक तक की. अब कांग्रेस को सोचना है कि इंदिरा के बाद क्या?

सोमवार को कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. करीब 4 दशक तक इंदिरा हृदयेश ने कांग्रेस पार्टी की सेवा की. उत्तराखंड में तो वे कई मोर्चों पर अकेली नेता थीं, जहां पार्टी दम ठोक कर कहती थी कि इंदिरा जी हैं न. उत्तराखंड कांग्रेस में नारायण दत्त तिवारी के बाद इंदिरा हृदयेश बड़ी ब्राह्मण नेता रहीं. वे उत्तरप्रदेश से लेकर उत्तराखंड के 21 साल में सबसे बड़ी महिला नेता रहीं. उत्तराखंड कांग्रेस में हमेशा उनकी गिनती ताकतवर और बड़े चेहरों में हुई. हल्द्वानी शहर इंदिरा हृदयेश का गढ़ रहा, जहां से उन्होंने कुमाऊं की राजनीति को साधा. मौजूदा वक्त में वे नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रही थीं.

इंदिरा ह्रदयेश अब नहीं है, कई बड़े चेहरे 2016 में बीजेपी के हो चुके हैं. यशपाल आर्य के बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस में कोई बड़ा दलित चेहरा नहीं बचा और ऐसे में कई मोर्चों पर कांग्रेस के अंदर कोई विकल्प नहीं दिखता. इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद उत्तराखंड कांग्रेस दो चेहरों पर आकर टिक गई है – हरीश रावत और प्रीतम सिंह. इन दोनों नेताओं के आसपास अब कांग्रेस के भविष्य की राजनीति घूमेगी और यही नेता तय करेंगे की इंदिरा हृदयेश की कमी कैसे पूरी होगी?

लोकतंत्र में चुनाव भले ही पार्टी लड़ती हो, राजनीति भले ही पार्टी के नाम पर चलती होती हो, लेकिन जनता में नेता का चेहरा और नाम काम आता है. ऐसे में इंदिरा हृदयेश के जाने के बाद कांग्रेस को सबसे बड़ी कसरत इसी मोर्चे पर करनी होगी.







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