pithoragarh news – India Times https://indiatimes24x7.com National News Portal Thu, 04 Nov 2021 09:52:52 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://indiatimes24x7.com/wp-content/uploads/2021/12/cropped-india-times-24x7-1-32x32.png pithoragarh news – India Times https://indiatimes24x7.com 32 32 पहाड़ी वनस्पति घी च्यूरा और प्लास्टिक की बोतलों से युवाओं ने बनाए ईको फ्रेंडली दिए https://indiatimes24x7.com/the-youth-made-eco-friendly-given-from-pahari-vanaspati-ghee-cheura-and-plastic-bottles/ https://indiatimes24x7.com/the-youth-made-eco-friendly-given-from-pahari-vanaspati-ghee-cheura-and-plastic-bottles/#respond Thu, 04 Nov 2021 08:54:37 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%b5%e0%a4%a8%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%aa%e0%a4%a4%e0%a4%bf-%e0%a4%98%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%82%e0%a4%b0%e0%a4%be/

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पिथौरागढ़. जिले की हरेला सोसायटी (Harela Society) ने बेकार पड़ी प्लास्टिक की बोतलों से अनोखा प्रयोग किया है. पिथौरागढ़ (Pithoragarh) की हरेला सोसायटी से जुड़े युवाओं ने पर्यावरण के लिए खतरनाक हो चुकी बोतलों में एक से बढ़ कर एक वनस्पति घी के दीए बनाएं हैं. ये दीए पर्यावरण के लिए भी काफी फायदेमंद (Eco Friendly Diya) हैं. पहाड़ की लोककला ऐपण से सजे दिए भले ही आम लग रहे हों, लेकिन ये कई मायनों में खास हैं. असल में हरेला सोसायटी से जुड़े युवाओं ने इन्हें पर्यावरण के लिए खतरनाक हो चुकी प्लास्टिक की बोतलों में बनाया है. युवाओं ने जगह-जगह बिखरी प्लास्टिक की बोतलों को सजा कर इन्हें सुंदर दीयों में बदल दिया है. यही नहीं दीयों में वैक्स की जगह च्यूरे का इस्तेमाल किया गया है.

च्यूरा पहाड़ में होने वाला वनस्पति घी है. सोसायटी के सदस्य संजू शर्मा ने बताया उनकी टीम अक्सर जंगलों में सफाई अभियान चलाती है. इस दौरान उन्हें प्लास्टिक की कई खाली बोतलें मिलती थीं, जिन्हें जलाना पर्यावरण के लिए काफी खतरनाक हो सकता था. ऐसे में उनकी टीम ने इनकी मदद से ईको फ्रेंडली दीए बनाने की योजना बनाई, जो सफल हो रही है.

8 से 10 घंटे तक लगातार जलते हैं च्यूरे के बने दीए
च्यूरे से बने होने के कारण ये दीए पूरी तरह ईको फ्रेंडली हैं. इनके जलने पर किसी तरह का कार्बन नहीं निकलता है. च्यूरे से बना दीया 8 से 10 घंटों तक लगातार जल सकता है. यह बात और है कि इसकी कीमत आम दीयों के मुकाबले कुछ ज्यादा है. यही वजह है कि मीडिल क्लास में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. पूरी तरह स्थानीय उत्पादों से बने होने के कारण लोगों को भी इसका फायदा मिल रहा है.

खदीददार नीलाम्बर पुनेड़ा का मानना है कि इन दीयों का इस्तेमाल करने से, जहां पर्यावरण संरक्षित रहेगा, वहीं स्थानीय उत्पादों को भी बाजार मिल सकेगा. ईको फ्रेंडली दीयों को बनाने से युवाओं के एक वर्ग को सीजनल रोजगार भी मिल रहा है. युवा ऐसे दीए बनाकर समाज को यह संदेश दे रहे हैं कि बेकार पड़ी चीजों का सही इस्तेमाल कैसे हो सकता है. यही नहीं पर्यावरण को बचाने में भी इनकी गंभीरता दिख रही है, जिसकी दरकार आज के दौर में सबसे अधिक है.

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नेपाल ने अपने नक्शे में दिखाए ये गांव, भारत ने 11 हजार फीट ऊपर शिवोत्सव कर दिया तगड़ा जवाब https://indiatimes24x7.com/nepal-has-shown-this-village-in-its-map-india-has-given-a-strong-answer-to-shivotsav-above-11-thousand-feet/ https://indiatimes24x7.com/nepal-has-shown-this-village-in-its-map-india-has-given-a-strong-answer-to-shivotsav-above-11-thousand-feet/#respond Mon, 01 Nov 2021 17:39:26 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b6%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%a6%e0%a4%bf/

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पिथौरागढ़. चीन और नेपाल (China and Nepal) से सटे गुंजी में पहली बार शिवोत्सव (Shivotsav) का आयोजन किया गया. 11 हजार फीट की ऊंचाई पर होने के कारण तो इस आयोजन ने खासी सुर्खियां बटोरी हैं, लेकिन इसके जरिए भारत ने नेपाल को एक संदेश भी दिया है.

हिमालय पर बसे गुंजी, नाबी और कुटी गांव को नेपाल ने अपने राजनीतिक नक्शे में शामिल किया है. नेपाल का ये दावा है कि बॉर्डर के ये तीनों गांव उसके हैं. नेपाल के दावों का भारत ने गुंजी में शिवोत्सव कर जबाव दिया है. 11 हजार फीट की ऊंचाई पर पहली बार इतना बड़ा आयोजन किया गया. केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट का कहना है कि ये महोत्सव शिव की धरती पर आयोजित किया गया है. इसलिए इसका खास महत्व है.

वहीं डीएम पिथौरागढ़ और महोत्सव के आयोजक आशीष चौहान का कहना है कि महोत्सव का मकसद बॉर्डर के गांवों के प्रति अपनी गंभीरता जाहिर करना भी है. शिवोत्सव के जरिए नेपाल का दिया करारा जवाब. चीन और नेपाल बॉर्डर पर महोत्सव कर भारत ने एक साथ कई संदेश दिए हैं. इसके जरिए सीमाओं पर रहने वालों को भी मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश की गई. साथ ही बॉर्डर इलाकों को लेकर खुद की गंभीरता भी दिखाई है.

गुंजी लिपुलेख दर्रे के पास अंतिम गांव है. इसी दर्रे को पार कर चीन पहुंचा जाता है. इस इलाके को लम्बी जद्दोजहद के बाद रोड से जोड़ा गया है. बावजूद इसके यहां पहुंच पाना अभी भी आसान नही है. यही वजह है कि महोत्सव में कुछ खामियां भी नजर आईं.

उत्तराखंड के जाने-माने गायक बीके सामंत का कहना है कि महोत्सव में कई खामियां रहीं. जिस कारण लोगों को दिक्कतें भी उठानी पड़ीं. वहीं क्षेत्रीय विधायक हरीश धामी का कहना है कि गुंजी जैसे दुर्गम इलाके में पहली बार इतना बड़ा आयोजन हुआ है तो जाहिर है कि कुछ दिक्कतें होंगी ही.

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पिथौरागढ़ में पेट्रोल-डीजल के बाद अब पानी की किल्लत, आपदा से सप्लाई पर असर https://indiatimes24x7.com/after-petrol-and-diesel-in-pithoragarh-now-the-water-shortage-will-affect-the-supply-due-to-the-disaster/ https://indiatimes24x7.com/after-petrol-and-diesel-in-pithoragarh-now-the-water-shortage-will-affect-the-supply-due-to-the-disaster/#respond Tue, 26 Oct 2021 03:21:32 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a5%9d-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%b2-%e0%a4%a1%e0%a5%80%e0%a4%9c/

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स्रोत

स्रोत से पानी भरते लोग.

आपदा से पिथौरागढ़ की तमाम पेयजल योजनाएं बाधित हो गई हैं, जिससे पिथौरागढ़ के नगरीय इलाकों में पानी सप्लाई पर असर पड़ा है.

पिथौरागढ़ (Pithoragarh Rain) में बारिश के बाद जरूरी सामानों की आपूर्ति के साथ ही पीने के पानी की समस्या भी देखने को मिल रही है. जिले के कई इलाके ऐसे हैं, जहां पेयजल आपूर्ति ठप पड़ी हुई है. आपदा से पिथौरागढ़ की तमाम पेयजल योजनाएं बाधित हो गई हैं, जिससे पिथौरागढ़ के नगरीय इलाकों में पानी सप्लाई पर असर पड़ा है. लोग पीने के पानी के लिए स्रोतों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उन्हें कई किलोमीटर दूर जाकर पानी भरना पड़ रहा है. पिथौरागढ़ के टकारी क्षेत्र के ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय आकर अधिकारियों को पानी की किल्लत के बारे में बताया.

पिथौरागढ़ जिले में पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति भी बाधित होने से तेल भराने के लिए पंपों पर लोगों की काफी भीड़ लग रही है. जिले में पेट्रोल 105 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. सड़क मार्ग बंद होने से रोजमर्रा की चीजों की कमी होने लगी है. जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा ले रहे उत्तराखंड के पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने जल्द ही पेयजल व्यवस्था के सुचारू होने की बात कही है.

बताते चलें कि उत्तराखंड में बीते दिनों बारिश के रूप में आई आपदा से पिथौरागढ़ में हुए नुकसान से निपटने की कोशिशें लगातार जारी हैं. कुदरत के बरसाए कहर से जिले में कई जगह जरूरी आपूर्ति बाधित हुई है, तो वहीं करीब 40 सड़कें अभी भी बंद हैं. इस वजह से क्षेत्र की जनता को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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पिथौरागढ़: भारत-चीन सीमा सड़क काली नदी में समाई, दूरस्थ क्षेत्रों में सामान की आपूर्ति बाधित https://indiatimes24x7.com/pithoragarh-india-china-border-road-blocked-the-supply-of-goods-in-remote-areas-covered-in-kali-river/ https://indiatimes24x7.com/pithoragarh-india-china-border-road-blocked-the-supply-of-goods-in-remote-areas-covered-in-kali-river/#respond Sat, 23 Oct 2021 13:58:12 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%b8/

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भारत-चीन

भारत-चीन सीमा पर बलुवाकोट में सड़क काली नदी में बह गई.

इसी सड़क से होकर लिपुलेख और दारमा घाटी के बॉर्डर इलाकों तक आवाजाही होती है. 

पिथौरागढ़ जिले में टनकपुर-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा बलुवाकोट में काली नदी के उफान में बह चुका है, जिससे बार्डर इलाकों से लगे इलाकों का संपर्क कट चुका है. धारचूला मुख्यालय समेत बॉर्डर की 40 हजार से अधिक आबादी पूरी तरह कट चुकी है. इतना ही नहीं, नेशनल हाइवे बंद होने से चीन और नेपाल बॉर्डर के लिए भी संपर्क पूरी तरह टूट चुका है. इसी सड़क से होकर लिपुलेख और दारमा घाटी के बॉर्डर इलाकों तक आवाजाही होती है. सड़क टूटने से दूरस्थ क्षेत्रों में जरूरी सामान के साथ-साथ सेना की भी आपूर्ति भी बाधित हुई है.

चीन और नेपाल बॉर्डर से लगे पिथौरागढ़ जिले की लाइफलाइन कहा जाने वाला घाट-पिथौरागढ़ मार्ग पांच दिन बाद आवाजाही के लिए खुल गया. सामरिक नजरिए से अहम इस नेशनल हाइवे को खोलने के लिए अतिरिक्त मशीनें लगाई गई थीं. मार्ग खुलने पर फंसे हुए सैकड़ों वाहन अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच पाए. वहीं जिले के 48 आंतरिक मार्ग पांच दिन बाद भी बंद पड़े हुए हैं.

बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते दारमा घाटी को जोड़ने वाला तवाघाट-दुग्तु मोटरमार्ग जगह-जगह बंद पड़ा है. हालात यह हैं कि यहां लोग अपने जरूरी कार्यों के चलते जान जोखिम में डालकर खतरनाक रास्तों से सफर करने को मजबूर हैं. चीन सीमा से लगे क्षेत्र दारमा और व्यास घाटी को जोड़ने वाला पैदल मार्ग भी टूट चुका है, जिससे इस क्षेत्र में जरूरी सामान की आपूर्ति बाधित हो गई है.

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पिथौरागढ़ में पर्यटकों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, कारोबार पर भी आपदा का असर https://indiatimes24x7.com/the-impact-of-the-disaster-on-the-ongoing-business-of-tourists-rescue-operation-in-pithoragarh/ https://indiatimes24x7.com/the-impact-of-the-disaster-on-the-ongoing-business-of-tourists-rescue-operation-in-pithoragarh/#respond Sat, 23 Oct 2021 13:57:46 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%9f%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95/

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रेस्क्यू

रेस्क्यू किए गए पर्यटक सेना के जवानों के साथ.

अभी तक 70 से ज्यादा पर्यटकों को रेस्क्यू कर जिला मुख्यालय पहुंचाया जा चुका है.

पिथौरागढ़ (Pithoragarh Rain) में कुदरत के बरसाए कहर के बाद जिले में पर्यटन कारोबार एक बार फिर से चौपट हो गया है. कई पर्यटक अभी भी पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंसे हुए हैं. उनके रेस्क्यू के लिए अभियान जारी है. आदि कैलाश गए महाराष्ट्र के एक पर्यटक की गुंजी में मौत हो गई. पिथौरागढ़ से लगे बागेश्वर जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में सुंदरढूंगा ग्लेशियर ट्रैक पर गए 5 पर्यटकों की भी मौत हो चुकी है. एक लापता है. अभी तक 70 से ज्यादा पर्यटकों को रेस्क्यू कर जिला मुख्यालय पहुंचाया जा चुका है.

उत्तराखंड में तीन दिन की बारिश के बाद पर्यटन कारोबार काफी प्रभावित हुआ है, जिसका असर पिथौरागढ़ में भी देखने को मिला है. जिले से लगे उच्च हिमालयी क्षेत्रों का दीदार करने लोग दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं, लेकिन अचानक बदले मौसम से आदि कैलाश और ओम पर्वत गए तमाम पर्यटक भारी बर्फबारी और बारिश से मार्ग बंद होने के कारण वहीं फंसकर रह गए, जिसका असर यह हुआ कि मुनस्यारी पहुंचे तमाम पर्यटक वापस लौट चुके हैं और एडवांस हुई बुकिंग भी कैंसिल हो चुकी है.

सैलानियों के वापस लौटने से पर्यटन कारोबारियों को लाखों का नुकसान हुआ है. कोरोना के बाद आर्थिक तंगी से उबरते कारोबारियों के सामने एक बार फिर मुश्किलें आ गई हैं. उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला तो थम चुका है, लेकिन उसके नुकसान से निपटने के लिए प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती है.

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पिथौरागढ़ में पेट्रोल-डीजल और गैस का संकट, 200 रुपये किलो बिक रहा टमाटर https://indiatimes24x7.com/petrol-diesel-and-gas-crisis-in-pithoragarh-tomato-being-sold-for-rs-200-a-kg/ https://indiatimes24x7.com/petrol-diesel-and-gas-crisis-in-pithoragarh-tomato-being-sold-for-rs-200-a-kg/#respond Fri, 22 Oct 2021 04:18:13 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%b2-%e0%a4%a1%e0%a5%80/

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पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ में पेट्रोल-डीजल की किल्लत हो गई है.

ज्यादातर पंप पर पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया है, जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पिथौरागढ़ की लाइफलाइन घाट-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन के कारण चार दिन से बंद पड़ा है, जिस वजह से शहर में रोजमर्रा की चीजों की आपूर्ति पर खासा असर देखने को मिल रहा है. जिले का अन्य दुनिया से संपर्क कट जाने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. पिथौरागढ़ में इस समय टमाटर 200 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. बारिश थमने के तीन दिन बाद भी पिथौरागढ़ को जोड़ने वालीं सभी सड़कें बंद पड़ी हैं, जिसके चलते जिले में अब जरूरी सामान की किल्लत शुरू होने लगी है. जिले के ज्यादातर पंप पर जहां पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया है, तो वहीं रसोई गैस और सब्जी जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई भी बाधित है.

पिछले चार दिनों से देश और दुनिया से कटे सीमांत जिले पिथौरागढ़ में अब जरूरी सामान की किल्लत होने लगी है. जिले के अधिकतर पंप पर पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया है, जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोग सुबह से शहर के विभिन्न पेट्रोल पंप के चक्कर काट रहे हैं.

कुछ ऐसा ही हाल रसोई गैस और सब्जी जैसी जरूरी चीजों का भी है. सड़कें बंद होने से पिथौरागढ़ के लिए मैदानी इलाकों से आने वाली गैस और सब्जी की गाड़ियां रास्ते में फंसी हुई हैं, जिससे यहां इन चीजों की भारी किल्लत होने लगी है. ऐसे में अगर सड़कें जल्द नहीं खुलीं तो हालात और भी खराब हो सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार, घाट-पिथौरागढ़ मुख्य राजमार्ग (ऑल वेदर रोड) के शुक्रवार को खुलने के आसार हैं.

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पिथौरागढ़ में फंसे पर्यटकों को बचाया, सेना के हेलीकॉप्टर से चलाया गया ‘रेस्क्यू ऑपरेशन’ https://indiatimes24x7.com/rescue-operation-carried-out-by-army-helicopter-to-rescue-tourists-trapped-in-pithoragarh/ https://indiatimes24x7.com/rescue-operation-carried-out-by-army-helicopter-to-rescue-tourists-trapped-in-pithoragarh/#respond Fri, 22 Oct 2021 04:10:38 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ab%e0%a4%82%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%9f/

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100

100 से ज्यादा पर्यटक उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंस गए थे.

बॉर्डर इलाकों की सड़कें भारी मलबा आने से बंद पड़ी हैं, जिनके खुलने में अभी कुछ और समय लग सकता है.

पिथौरागढ़ (Pithoragarh Rain) में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बेमौसम अचानक हुई बर्फबारी के चलते दारमा घाटी और आदि कैलाश गए पर्यटक मार्ग बंद होने की वजह से वहीं फंस गए थे. प्रशासन ने भारतीय सेना की मदद से चिनूक हेलीकॉप्टर से सैलानियों को रेस्क्यू किया और जिला मुख्यालय पहुंचाया. भारी बर्फबारी के कारण आदि कैलाश दर्शन को गए पर्यटक गुंजी में ही फंसकर रह गए थे. जिला प्रशासन और सेना ने सभी यात्रियों को सुरक्षित निकालने का जिम्मा उठाया और गुंजी और दारमा में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित जिला मुख्यालय तक पहुंचाया.

पिथौरागढ़ में आसमानी कहर के थमने के बाद घायलों और गर्भवती महिलाओं को एयरलिफ्ट कर हल्द्वानी अस्पताल तक पहुंचाया गया. घायलों में एक महिला और एक बच्चा भी शामिल है, जिनका हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज चल रहा है. सभी पर्यटक जिला मुख्यालय पहुंचकर काफी खुश नजर आए और सभी ने प्रशासन और सेना की इस मदद की जमकर तारीफ की.

100 से ज्यादा पर्यटक पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंस गए थे. चीन बॉर्डर से लगे ये इलाके धार्मिक पर्यटन और ट्रेकिंग के लिए जाने जाते हैं. यहां से आदि कैलाश और ओम पर्वत के दिव्य दर्शन होते हैं. यहीं से होकर कैलाश मानसरोवर भी जाया जाता है. बॉर्डर इलाकों की सड़कें भारी मलबा आने से बंद पड़ी हैं, जिनके खुलने में अभी कुछ और समय लग सकता है.

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Pithoragarh News: धार्मिक कार्यक्रम से लौटते वक्त खाई में गिरी कार, रिटायर्ड ब्रिगेडियर समेत 5 की मौत https://indiatimes24x7.com/pithoragarh-news-5-including-retired-brigadier-died-when-car-fell-into-ditch-while-returning-from-religious-program/ https://indiatimes24x7.com/pithoragarh-news-5-including-retired-brigadier-died-when-car-fell-into-ditch-while-returning-from-religious-program/#respond Fri, 22 Oct 2021 04:09:45 +0000 https://indiatimes24x7.com/pithoragarh-news-%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%95-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%ae-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b2/

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इस

इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई.

मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले वह गांव के लोगों के साथ एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कर्णप्रयाग गए थे.

पिथौरागढ़ की थल-मुवानी रोड पर एक फॉर्च्यूनर कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी. इस हादसे में एक रिटायर्ड ब्रिगेडियर समेत 5 लोगों की मौत हो गई. ब्रिगेडियर विनोद चंद अपने गांव के लोगों के साथ एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने कर्णप्रयाग गए थे. वापस लौटते समय उनकी गाड़ी थल-मुवानी रोड पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से मृतकों के शवों और घायलों को बाहर निकाला. घायलों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. फिलहाल दोनों लोग खतरे से बाहर हैं.

बताया जा रहा है कि रिटायर्ड ब्रिगेडियर विनोद चंद ने अपने गांव बुंगा में मंदिर की स्थापना की थी. मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले वह गांव के लोगों के साथ एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कर्णप्रयाग गए थे. वहां से लौटते समय थल-मुवानी रोड पर यह हादसा हो गया. खबर मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया. मृतकों में दो लोग नेपाल के रहने वाले हैं. लगातार बारिश और संचार सेवा प्रभावित होने से काफी देर बाद दुर्घटना का पता चला.

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पिथौरागढ़ में बारिश का कहर थमने के बाद शुरू हुआ मुश्किलों का दौर! https://indiatimes24x7.com/trouble-started-in-pithoragarh-after-the-rain-stopped/ https://indiatimes24x7.com/trouble-started-in-pithoragarh-after-the-rain-stopped/#respond Fri, 22 Oct 2021 04:09:17 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a5%9d-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%b0/

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गांव

गांव में मलबा हटाने में जुटी जेसीबी मशीन.

भारी बारिश से पिथौरागढ़ जिले के कुल 44 मुख्य एवं ग्रामीण संपर्क मार्ग मलबा आने से बंद हो गए थे. 

पिथौरागढ़ (Pithoragarh Rain) में लगातार तीन दिन तक हुई बारिश ने जिले में भारी तबाही मचाई है. अब बारिश थम चुकी है लेकिन मुसीबतें कम नहीं हुई हैं. जिले के कुछ हिस्सों में संचार व्यवस्था अभी भी बाधित है. इंटरनेट कनेक्टिविटी की वजह से बैंकों का कामकाज प्रभावित हुआ, जिससे बैंक आए ग्राहकों को मायूस लौटना पड़ा. रोडवेज स्टेशन पर सवारी बसों का इंतजार करती रहीं. मुख्य मार्ग बंद होने से जिले में पेट्रोल-डीजल की भी किल्लत देखने को मिली. वहीं बाजार में सब्जियों के भाव भी बढ़ गए हैं.

भारी बारिश से पिथौरागढ़ जिले के कुल 44 मुख्य एवं ग्रामीण संपर्क मार्ग मलबा आने से बंद हो गए थे. युद्ध स्तर पर कार्य किए जाने के बाद कुछ मार्ग खोले जा सके हैं. जिलाधिकारी डॉक्टर आशीष चौहान ने सड़क निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बंद मार्गों को कम से कम समय में खोला जाए. जिलाधिकारी ने खुद भी मौके पर पहुंचकर मलबा हटाने के कार्यों का जायजा लिया.

बताते चलें कि भारी बारिश से गुरना, दिल्ली बैंड, मीना बाजार और घाट बैंड के पास सड़क बंद हो गई थी. गुरना में आया मलबा हटा दिया गया है.

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गुरना माता मंदिर में जरूर रुकते हैं वाहन, जानिए क्या है इसकी वजह? https://indiatimes24x7.com/vehicles-definitely-stop-in-gurna-mata-temple-know-what-is-the-reason-for-this/ https://indiatimes24x7.com/vehicles-definitely-stop-in-gurna-mata-temple-know-what-is-the-reason-for-this/#respond Fri, 15 Oct 2021 04:14:16 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9c%e0%a4%b0%e0%a5%82%e0%a4%b0/

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पिथौरागढ़ मुख्य शहर से 13 किलोमीटर दूर टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुरना माता का मंदिर (Gurna Mata Temple) स्थित है. इस मंदिर का वास्तविक नाम पाषाण देवी मंदिर है, लेकिन गुरना गांव के समीप होने से यह गुरना माता मंदिर के नाम से विख्यात है. 1952 से पूर्व इस मंदिर का छोटा सा रूप सड़क के नीचे था, जहां ग्रामीण व अन्य श्रद्धालु रोजाना पूजा किया करते थे.

1950 में पिथौरागढ़ में यातायात सेवा शुरू होने के बाद इस क्षेत्र में काफी सड़क दुर्घटनाएं होती थीं. बताया जाता है कि एक दिन मंदिर के पुजारी को सपने में आभास हुआ कि गुरना मंदिर को सड़क के आसपास स्थापित करने से देवी मां जरूर अपने भक्तों पर कृपा करेंगी. पुजारी ने सपने में जो कल्पना की, ठीक वैसा ही हुआ. मंदिर सड़क के पास बनाया गया और तब से इस क्षेत्र में दुर्घटनाओं का दौर थम सा गया.

मां गुरना की इतनी मान्यता है कि मनोकामना पूर्ण होने पर भक्तगण आए दिन यहां भंडारा, पूजा-पाठ व अन्य आयोजन कराते हैं. इसे वैष्णो देवी मंदिर के रूप में भी माना जाता है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात को यहां पर अक्सर बाघ दिखाई देता है और जिसे वह दिखता है, उस पर माता की कृपा हमेशा बनी रहती है.

मंदिर मुख्य राजमार्ग पर होने से हजारों यात्री मां के दर्शन कर धन्य हो जाते हैं. प्रत्येक गाड़ी यहां पर रुककर मां के आशीर्वाद के रूप में धूप-अगरबत्ती अपने वाहन के आगे लगाकर अपनी यात्रा की शुरुआत करते हैं और गुरना माता से सफल यात्रा की कामना करते हैं. श्रद्धालुओं द्वारा आने-जाने पर मंदिर की घंटिया बजाई जाती हैं, जिसे सफल यात्रा होने का शुभ संकेत माना जाता है.

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