NDRF – India Times https://indiatimes24x7.com National News Portal Mon, 19 Jul 2021 13:47:25 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://indiatimes24x7.com/wp-content/uploads/2021/12/cropped-india-times-24x7-1-32x32.png NDRF – India Times https://indiatimes24x7.com 32 32 उत्तराखंड में बारिश ने मचाई तबाही, 3 लोगों की मौत, 250 सड़कें बंद https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a4%9a/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a4%9a/#respond Mon, 19 Jul 2021 13:47:25 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2877

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देहरादून. उत्तराखंड में आसमानी आफत ने तबाही मचाई हुई है. पिछले 24 घंटे से भी अधिक समय से जारी मूसलधार बारिश ने प्रदेश के कई हिस्सों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. राज्य के गढ़वाल रीजन के उत्तरकाशी जिले में सोमवार रात मूसलधार बारिश के बीच बादल फटने से मांडों, कंकराडी समेत तीन गांवों में जमकर तबाही मची. मांडों में एक ही परिवार के तीन लोगों की दर्दनाक मौत मलबे में दबकर हो गई. कंकराड़ी गांव से होते हुए जब जलजला मांडों गांव के बीच से बहने वाले गदेरे में पहुंचा तो कई मकानों को मलबे से पाटता हुआ आगे बढ़ गया. दोनों गांवों में करीब डेढ़ दर्जन मकान प्रभावित हुए हैं. कंकराड़ी गांव में दो मकान पूरी तरह वॉश आउट हो गए.

मांडों गांव से 3 शव मिले

मांडों में रात ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की टीमों ने मोर्चा संभाला. ग्रामीणों की मदद से सोमवार सुबह मांडों गांव से दो महिलाओं समेत एक बच्चे का शव बरामद किया गया. कंकराड़ी गांव में एक व्यक्ति अभी भी लापता है. यहां एसडीआरफ, एनडीआरफ की टीमें सर्च अभियान चला रही हैं. दूसरी ओर कुमाऊं रीजन में भी बारिश का सिलसिला जारी है. बागेश्वर में एक महिला नदी में बह गई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना जताते हुए प्रशासन को पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद पहुंचाने का निर्देश दिया है.

रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई

प्रदेश में उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में सबसे अधिक 185 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई. दूसरे नंबर पर रहा टिहरी का धनौल्टी क्षेत्र. यहां 125 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई. तो इसी से लगे मसूरी में 94 एमएम बारिश हुई. चमोली के कर्णप्रयाग एरिया में 79 तो अल्मोड़ा के रानीखेत में 75 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई है. यूएसनगर के जसपुर, गदरपुर और काशीपुर में 70 एमएम बारिश हुई है जबकि देहरादून में 62 तो ऋषिकेश में 64 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है.

250 सड़कें अभी भी बंद

सोमवार सुबह तक प्रदेश भर में 300 से अधिक सड़कें बंद हो गई थीं, जिनमें से तकरीबन 65 सड़कें खोली जा चुकीं हैं. अभी भी 250 से अधिक सड़कें अभी भी बंद हैं. इससे जनजीवन बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ है. राजधानी देहरादून में भी करीब 7 स्थानों पर जलभराव होने के कारण लोग भारी परेशानियों में रहे.

बारिश अभी होती रहेगी, अलर्ट जारी

मौसम विभाग के अनुसार पूरे प्रदेश में बारिश अभी बनी रहेगी. उत्तरकाशी, देहरादून, हरिद्वार में सोमवार को हैवी रेन और कहीं-कहीं एक्सट्रीमली हैवी रेन की संभावना जताई गई है. विभाग ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट रहने को कहा है. विभाग ने 20 जुलाई को कुमाऊं रीजन में मध्यम गति की बारिश की संभावना जताई है. 20 जुलाई को हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी, देहरादून के लिए अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार यहां हैवी रेन फॉल हो सकता है.

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Uttarakhand News: जंगल की आग को बुझाने के लिए उत्तराखंड पहुंचे 2 हेलीकॉप्‍टर, देखें Video https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-news-%e0%a4%9c%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%97-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%9d%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2/ https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-news-%e0%a4%9c%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%97-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%9d%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2/#respond Mon, 05 Apr 2021 07:02:53 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=1321

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Uttarakhand News: हेलीकॉप्‍टर की मदद से जंगल की आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. यह आग तेजी से अन्‍य क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले रहा है.

Uttarakhand News: हेलीकॉप्‍टर की मदद से जंगल की आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. यह आग तेजी से अन्‍य क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले रहा है.

Uttarakhand News: हेलीकॉप्‍टर की मदद से जंगल की आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. यह आग तेजी से अन्‍य क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले रहा है.

देहरादून. उत्तराखंड (Uttarakhand) के जंगलों में लगी आग कम होने के बजाए विकराल रूप ही लेती जा रही है. इससे वन क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों के साथ-साथ सरकार की भी चिंता बढ़ गई है. अब जंगल की आग धीरे-धीरे आबादी क्षेत्रों में भी पहुंचने लगी है. एनडीआरएफ (NDRF) की तैनाती का भी फैसला लिया गया है. साथ ही वन विभाग के सभी अफसरों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. इसी बीच खबर है कि आग को बुझाने के लिए दो हेलीकॉप्‍टर उत्तराखंड पहुंच गए हैं. इनका इस्‍तेमाल आग बुझाने में किया जा रहा है. इसके लिए अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं. गढ़वाल में आईएफएस धर्म सिंह मीणा और कुमांऊ में आईएफएस टीआर बिजूलाल (IFS TR Bijulal) इस ऑपरेशन के नोडल अफसर होंगे.

बता दें कि उत्तराखंड में अभी  40 जगहों पर आग लगी है. चौबीस घंटों में ही 63 हेक्टेअर जंगल बर्बाद हो गए हैं. वहीं, आग बुझाने के लिए 12 हजार कर्मचारी जुटे हुए हैं. ‘फायर वॉचर्स’ को 24 घंटे निगरानी रखने को कहा गया है. पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक करके उनसे सूखी झाड़ियां साफ करवाई जा रही हैं. वहीं, महाकुंभ मेला क्षेत्र के बैरागी कैंप में रविवार को एक बार फिर आग लगने से कई झोपड़ियां राख हो गईं. पुलिस ने बताया कि हवा के कारण आग तेजी से फैल रही है. बजरी वाला बस्ती में लगी आग पर काबू पाने में दमकल की छह गाड़ियों को मशक्कत करनी पड़ी.

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जंगल आग की चपेट में आ गए थेगढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक आग ने तांडव मचाया है. राज्य सरकार अब आग बुझाने के लिए एयर फोर्स की मदद लेने जा रही है. एयर फोर्स ने राज्य सरकार की रिक्वेस्ट पर दो चौपर देने को हरी झंडी दे दी है. ये चौपर ऑन डिमांड हर समय तैनात रहेंगे. मुख्य वन संरक्षक, फॉरेस्ट फायर मान सिंह का कहना है कि हम ग्राउंड प्लान तैयार कर रहे हैं कि सबसे पहले कहां चौपर को उतारा जाए. कहां से चौपर पानी भरेंगे ताकि रिस्पॉस टाइम कम से कम हो. उत्तराखंड में ऐसा ही प्रयोग 2016 में किया जा चुका है. 2016 में साढे चार हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में जंगल आग की चपेट में आ गए थे.







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उत्तराखंड के जंगलों में 40 से ज्यादा जगहों पर दहक रही आग, अब आबादी क्षेत्र भी जद में https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-40-%e0%a4%b8/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-40-%e0%a4%b8/#respond Mon, 05 Apr 2021 05:09:40 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=1327

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 बजरी वाला बस्ती में लगी आग पर काबू पाने में दमकल की छह गाड़ियों को मशक्कत करनी पड़ी.

बजरी वाला बस्ती में लगी आग पर काबू पाने में दमकल की छह गाड़ियों को मशक्कत करनी पड़ी.

उत्तराखंड (Uttarakhand) में अभी 40 जगहों पर आग लगी है. चौबीस घंटों में ही 63 हेक्टेअर जंगल बर्बाद हो गए हैं. वहीं, आग बुझाने के लिए 12 हजार कर्मचारी जुटे हुए हैं.

देहरादून. उत्तराखंड (Uttarakhand) के जंगलों में लगी आग कम होने के बजाए विकराल रूप ही लेती जा रही है. इससे वन क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों के साथ-साथ सरकार की भी चिंता बढ़ गई है. अब जंगल की आग धीरे-धीरे आबादी क्षेत्रों में भी पहुंचने लगी है. एनडीआरएफ (NDRF) की तैनाती का भी फैसला लिया गया है. साथ ही वन विभाग के सभी अफसरों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं. सभी को अपने-अपने इलाकों (Localities) में रहने का आदेश दिया गया है.

जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड में अभी  40 जगहों पर आग लगी है. चौबीस घंटों में ही 63 हेक्टेअर जंगल बर्बाद हो गए हैं. वहीं, आग बुझाने के लिए 12 हजार कर्मचारी जुटे हुए हैं. ‘फायर वॉचर्स’ को 24 घंटे निगरानी रखने को कहा गया है. पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक करके उनसे सूखी झाड़ियां साफ करवाई जा रही हैं. वहीं, महाकुंभ मेला क्षेत्र के बैरागी कैंप में रविवार को एक बार फिर आग लगने से कई झोपड़ियां राख हो गईं. पुलिस ने बताया कि हवा के कारण आग तेजी से फैल रही है. बजरी वाला बस्ती में लगी आग पर काबू पाने में दमकल की छह गाड़ियों को मशक्कत करनी पड़ी.

जंगल आग की चपेट में आ गए थे
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि उत्तराखंड में जंगल की आग बेकाबू हो चुकी है. गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक आग ने तांडव मचाया है. राज्य सरकार अब आग बुझाने के लिए एयर फोर्स की मदद लेने जा रही है. एयर फोर्स ने राज्य सरकार की रिक्वेस्ट पर दो चौपर देने को हरी झंडी दे दी है. ये चौपर ऑन डिमांड हर समय तैनात रहेंगे. मुख्य वन संरक्षक, फॉरेस्ट फायर मान सिंह का कहना है कि हम ग्राउंड प्लान तैयार कर रहे हैं कि सबसे पहले कहां चौपर को उतारा जाए. कहां से चौपर पानी भरेंगे ताकि रिस्पॉस टाइम कम से कम हो. उत्तराखंड में ऐसा ही प्रयोग 2016 में किया जा चुका है. 2016 में साढे चार हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में जंगल आग की चपेट में आ गए थे.







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Chamoli Tragedy: आपदा के 18 दिन, अब तक 70 शव बरामद, 134 लापता लोगों के लिए सर्च ऑपरेशन जारी https://indiatimes24x7.com/chamoli-tragedy-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-18-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%85%e0%a4%ac-%e0%a4%a4%e0%a4%95-70-%e0%a4%b6%e0%a4%b5-%e0%a4%ac%e0%a4%b0%e0%a4%be/ https://indiatimes24x7.com/chamoli-tragedy-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-18-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%85%e0%a4%ac-%e0%a4%a4%e0%a4%95-70-%e0%a4%b6%e0%a4%b5-%e0%a4%ac%e0%a4%b0%e0%a4%be/#respond Wed, 24 Feb 2021 13:45:36 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=655

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चमोली आपदा में अभी 134 लोग लापता हैं.

चमोली आपदा में अभी 134 लोग लापता हैं.

Chamoli Glacier Burst Tragedy: चमोली जिले में आपदा में अब मरने वालों की संख्‍या 70 हो गई है. हालांकि 134 लापता लोगों की तलाश और बचाव के लिए अभियान अभी जारी है.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    February 24, 2021, 7:15 PM IST

चमोली. उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा (Chamoli Glacier Burst Tragedy) प्रभावित क्षेत्रों में बुधवार को 18वें दिन भी तलाश और बचाव अभियान जारी रहा. आपदा के बाद से अब तक 70 शव निकाले जा चुके हैं. इस बात की जानकारी पुलिस की ओर से जारी बुलेटिन में दी गयी है. चमोली पुलिस (Chamoli Police) की ओर से जारी मीडिया बुलेटिन में बताया गया है कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से अब तक 70 शव और 29 मानव अंग बरामद हो चुके हैं जिनमें से 40 शवों और एक मानव अंग की पहचान की जा चुकी है.

इसके अलावा जोशीमठ पुलिस थाने में मंगलवार को एक और लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है. तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना में कार्यरत ऋत्विक कंपनी ने अपने एक और कामगार के लापता होने की सूचना थाने को दी है. त्रासदी के बाद से अब तक 134 लोग लापता हैं जिनकी तलाश के लिए लगातार तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. बुलेटिन में कहा गया है कि 58 शवों, 28 मानव अंगों तथा आपदा का शिकार हुए लोगों के 110 परिजनों के डीएनए नमूने देहरादून स्थित फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में मिलान के लिए भेज दिए गए हैं.

बता दें कि चमोली में 7 फरवरी को आई आपदा में लापता लोगों की तलाश के लिए चमोली की ऋषिगंगा और धौलीगंगा घाटी के साथ ही तपोवन टनल और बैराज साइट पर पिछले 18 दिन से सर्च अभियान लगातार जारी है. अब इन सभी लापता 134 लोगों को मृत घोषित करने के लिए सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. केंद्र से मिले दिशा निर्देशों के बाद उत्तराखंड सरकार ने यह कदम उठाया है. यही नहीं, चमोली ग्लेशियर हादसे में एनटीपीसी के तपोवन में स्थित पावर प्रोजेक्ट में 140 लोग बाढ़ की चपेट में आ गए थे. एनटीपीसी ने इन सभी लोगों के परिजनों को 20-20 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है. कई परिवारों को यह मुआवजा दिया भी जा चुका है. इसके अलावा राज्य सरकार ने 4 लाख और केंद्र ने प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपए देने की घोषणा की है.






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Chamoli Disaster: वो देवदूत जिन्होंने अपनी तत्परता से आपदा की भयावहता को कम कर दिया– News18 Hindi https://indiatimes24x7.com/chamoli-disaster-%e0%a4%b5%e0%a5%8b-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b5%e0%a4%a6%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%b9%e0%a5%8b%e0%a4%82%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%aa/ https://indiatimes24x7.com/chamoli-disaster-%e0%a4%b5%e0%a5%8b-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b5%e0%a4%a6%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%b9%e0%a5%8b%e0%a4%82%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%aa/#respond Sun, 14 Feb 2021 10:45:00 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=447

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चमोली. चमोली आपदा (Chamoli Disaster) में राहत एवं बचाव कार्य अभी भी जारी है. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना और लोकल पुलिस सब अपनी-अपनी तरह से अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं. इस आपदा में बहुतेरे लोग देवदूत की तरह उतरे हुए हैं. ऑपरेशन साइट पर इनकी कर्मठता और हौसलों को देखकर लगता है कि ये नहीं होते तो शायद आपदा की भयावहता और विकराल हो जाती. ऐसा ही एक नाम है आईटीबीपी में बतौर डॉक्टर कार्यरत असिटेंट कमांडेंट डॉक्टर ज्योति (Assistant Commandant Dr. Jyoti ) का. ज्योति तपोवन साइट (Tapovan Site) से 7 फरवरी की रात को टनल से रेसक्यू किये गए 12 मजदूरों के लिए देवदूत साबित हुई.

हरियाणा के हिसार निवासी आईटीबीपी में असिटेंट कमांडेंट डॉक्टर ज्योति आईटीबीपी के जोशीमठ  हॉस्पिटल में कार्यरत हैं. ज्योति आठ महीने की प्रैग्नेंट हैं. प्रैग्नेंसी नजदीक होने के कारण ज्योति लीव पर जाने के लिए अपना बैग पैक कर रही थी. तभी सात फरवरी को अचानक सूचना आई कि ऋषिगंगा में बाढ़ आ गयी और तपोवन में बहुत से मजदूर फंस गए हैं. आईटीबीपी को रेस्क्यू की कमान मिली सीनियर डॉक्टर प्रदीप कुमार भी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए  और ज्योति ने अपनी लीव कैंसिल कर अस्पताल में मोर्चा संभाल लिया. 12 लोग अस्पताल में लाए गए. ज्योति अपनी चिंता छोड़ पूरे मनोयोग से घायलों के उपचार में जुट गई. डॉ. ज्योति कहती हैं कि शुरुआती तीन दिन बेहद टप थे. पेशेंट को मेंटल सपोर्ट भी देना था. डॉक्टर ज्योति घायलों से इतना घुल मिल गयी कि उन्हें सात घंटे तक टनल में फंसे इन मजदूरों का एक-एक पल कैसे गुजरा पूरा याद है. प्रैग्नेंट होने के बावजूद शुरुआती तीन दिन वो सोई तक नहीं.

डॉ. ज्योति जिंदाबाद के नारे लगाना नहीं भूले

डिजास्टर की खबर सुनकर ज्योति के घर वालों की चिंता भी बढ़ने लगी थी. ज्योति को घर से भी फोन आने लगे कि वो कब आ रही है. ज्योति कहती हैं कि पहली प्राथमिकता जॉब है. जो घायल थे उनकी देखरेख पहली प्राथमिकता थी. इसीलिए बार-बार फोन आते थे तो फोन बंद कर देती थी. ज्योति अब भी लीव को लेकर कन्फ्यूज हैं कि लीव लें या नहीं. क्योंकि, अभी भी टनल में  फंसे लोगों की को लेकर स्थिति साफ नहीं. ये डॉक्टर ज्योति उनके सीनियर डॉक्टर प्रदीप कुमार के सेवाभाव का ही नतीजा था कि जब सभी 12 घायल ठीक होकर घर लौटे तो वो आईटीबीपी जिंदाबाद, डॉ. ज्योति जिंदाबाद के नारे लगाना नहीं भूले.



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Uttarakhand Glacier Burst: चमोली जिले में 2 दिन फिर होगी बारिश व बर्फबारी, रेस्क्यू ऑपरेशन पर पड़ेगी भारी!– News18 Hindi https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-glacier-burst-%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-2-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%ab%e0%a4%bf%e0%a4%b0/ https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-glacier-burst-%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-2-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%ab%e0%a4%bf%e0%a4%b0/#respond Fri, 12 Feb 2021 01:32:00 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=427

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नई दिल्ली. उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से मची तबाही के बाद अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. भारी तबाही के बीच 204 लोग लापता थे. लेकिन रेस्क्यू टीम ने 34 लोग के शव बरामद कर लिए हैं. लेकिन अभी भी 170 लोग लापता हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी तमाम एजेंसियां लापता लोगों को तलाशने में जुटी हुई हैं.

उधर, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) ने 14 और 15 फरवरी के मौसम पूर्वानुमान को जारी करते हुए कहा है कि 2 दिनों में उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है. इसको लेकर मौसम विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. मौसम विज्ञान विभाग की ओर से पूर्वानुमान जारी करते हुए यह भी कहा है कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते उत्तराखंड के चमोली जिले के कई क्षेत्रों में 14 और 15 फरवरी को बारिश और बर्फबारी होगी.

13 फरवरी तक मौसम शुष्क रहेगा

उत्तराखंड के उत्तरी क्षेत्र के हिस्सों में होने वाली बारिश और बर्फबारी से रेस्क्यू ऑपरेशन भी प्रभावित हो सकता है. लेकिन 11 से 13 फरवरी तक वहां का मौसम शुष्क रहेगा. इन दिन 3 दिन बारिश और बर्फबारी नहीं होगी.

न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना 

अनुमान जताया है कि मौसम विभाग के मुताबिक चमोली जिले के तपोवन, जोशीमठ क्षेत्र में 11 से 13 फरवरी तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई है‌. इस दिन इन 3 दिनों तक अधिकतम तापमान 17 डिग्री और न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना जताई गई है. हालांकि 13 फरवरी को न्यूनतम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक बढ़कर 4 डिग्री सेल्सियस पहुंच सकता है.

बारिश 1 सेंटीमीटर और बर्फबारी 10 सेंटीमीटर तक होने की संभावना 

इसके अलावा 14 फरवरी को बारिश 1 सेंटीमीटर और बर्फबारी 10 सेंटीमीटर तक होने की संभावना जताई है. अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस होने की संभावना है. 15 फरवरी को भी अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस रहने की प्रबल संभावना है.



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Uttarakhand Glacier Burst: चमोली में और ना आ जाए आफत, प्रशासन अलर्ट, बड़ा बचाव दल तैयार!– News18 Hindi https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-glacier-burst-%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%86-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%8f-%e0%a4%86%e0%a4%ab/ https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-glacier-burst-%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%86-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%8f-%e0%a4%86%e0%a4%ab/#respond Fri, 12 Feb 2021 01:31:00 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=459

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नई दिल्‍ली. उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) में आई आपदा के बाद से जहां रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. वहीं अब धौलीगंगा (Dhauli Ganga) और ऋषि गंगा (Rishi Ganga) में एक बार फिर से पानी की बढ़ोतरी होने से कुछ परेशानी होने की संभावना जताई जा रही हैं.

इस  के चलते रेस्क्यू अभियान में जुटी एजेंसियों ने अपनी आगे की तैयारी भी कर ली हैं. एक बड़े बचाव दल को स्टैंडबाई मोड पर रखा गया है जो कि जरूरत पड़ने के साथ ही तुरंत रेस्क्यू स्पोर्ट पर रवाना कर दिया जाएगा.

धौलीगंगा और ऋषि गंगा में पानी का बहाव शुरू होने से आसपास के लोगों को चिंता सताने लगी है. रैणी गांव और दूसरे आसपास के गांवों में अभी भी दहशत का माहौल बना हुआ है. लेकिन बचाव मेें जुटी सभी सरकारी एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हैं. वह जहां पहले ही बचाव अभियान में जुटी हुई है वही नया दल भी स्टैंडबाई मोड पर रखा हुआ है.

रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन काे स्‍टैंडबाई मोड़ में रखे दल में रखे हैं यह सभी      

जानकारी के मुताबिक आइटीबीपी के 400 जवानों को मातली, महीडाण्डा, देहरादून में स्टैंडबाई रखा हुआ है जिनको जरूरत पड़ने पर तुरंत रेस्क्यू अभियान के लिए भेजा जा सके. इसके अलावा 220 जवान आर्मी और जोशीमठ पर 3 आर्मी चॉपर भी स्टैंडबाई हैं. इसके अतिरिक्त हेल्थ विभाग की 4 मेडिकल टीम व 5 एंबुलेंस और फायर विभाग के 39 फायरमैन भी प्रशासन की ओर से स्टैंडबाई रखे हुए हैं.

170 लापता लोगों का अभी पता नहीं चल सका  

इस बीच देखा जाए तो देहरादून के राज्य आपातकालीन परीक्षण केंद्र की ओर से एक डिटेल भी जारी की गई है जिसमें आपदा आने से लापता 204 लोगों में से 34 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं जिनमें से 10 की शिनाख्त की जा चुकी है 24 अभी भी अज्ञात हैं. प्रशासन इन सभी का पता लगाने में जुटा हुआ है. वही 170 लापता लोगों का अभी पता नहीं चल सका है. वहीं, धौलीगंगा और ऋषि गंगा में पानी की बढ़ोतरी अब एक बार फिर से शुरू हो गई है.

प्रशासन का मानना है कि टनल में अभी भी 25 से 35 लोग फंसे हैं. प्रशासन इन सभी को निकालने की पुरजोर कोशिश में है. बताया जाता है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी तक आईटीबीपी के 425 जवान, एसडीआरएफ के 100, एनडीआरएफ के 176, एसएसबी की एक टीम, आर्मी के 124  जिसमें नेवी के 16 व एयर फोर्स के दो हेलीकॉप्टर, 3 आर्मी मेडिकल टीम में दो मेडिकल टीम, दो एंबुलेंस, हेल्थ विभाग की चार मेडिकल टीम जिनमें एक रैणी गांव, तीन तपोवन और चार एंबुलेंस स्वास्थ्य विभाग की और 5 एंबुलेंस 108 की एंबुलेंस आदि सभी रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई हैं. वहीं, 26 सिविल पुलिस कर्मी, 16 फायरमैन के अलावा राजस्व विभाग, पुलिस दूरसंचार और आईटीडीए के भी स्टाफ रेस्क्यू अभियान में जुटे हुए हैं.



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उत्तराखंड आपदा : तपोवन सुरंग में मौत से जंग के वो 7 घंटे, 3 लोगों की जुबानी, उनकी कहानी– News18 Hindi https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%a4%e0%a4%aa%e0%a5%8b%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%b0/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%a4%e0%a4%aa%e0%a5%8b%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%b0/#respond Thu, 11 Feb 2021 20:39:00 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=388

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उत्तराखंड आपदा : तपोवन सुरंग में मौत से जंग के वो 7 घंटे, 3 लोगों की जुबानी, उनकी कहानी

(बाएं से दाएं) बसंत बहादुर, श्रीनिवास रेड्डी और वीरेंद्र कुमार गौतम

तपोवन की सुरंग से बचाए गए तीन खुशकिस्मत लोगों ने बताया कि कैसे उन्हें नई जिंदगी मिली. अंधेरी सुरंग में बिताए वे 7 घंटे उन्होंने कैसे डर और उम्मीद के बीच झूलते हुए गुजारी.

  • News18Hindi
  • Last Updated : February 11, 2021, 8:39 pm IST

सूरज सिंह

चंडीगढ़. उत्‍तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) में ग्‍लेशियर टूटने (Glacier burst) के बाद आई आपदा के कारण भारी तबाही मची. यहां बड़ी तेजी से राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया. राहत दल अब भी इस इलाके में लगातार काम कर रहा है. सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम पूरी मुस्तैदी के साथ अब भी जुटी पड़ी है. इस बीच तपोवन (Tapovan Tunnel) के एक सुरंग में फंसे सभी मजदूरों को निकाला जा चुका है और दूसरी सुरंग में फंसे लोगों को निकालने की कोशिशें जारी हैं. इस बीच हमारे संपर्क में 3 ऐसे लोग आए हैं जो तपोवन की सुरंग में लगभग 350 मीटर अंदर फंसे थे अपने-अपने दल के साथ फंसे थे और जिन्हें बचाव दल ने निकाल लिया है. उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें नई जिंदगी मिली. अंधेरी सुरंग में बिताए वे 7 घंटे उन्होंने कैसे डर और उम्मीद के बीच झूलते हुए गुजारी.

बसंत बहादुर

नेपाल के रहने वाले हैं बसंत बहादुर. उन्होंने बताया कि वे परियोजना के आउट फॉल में काम करते हैं. हादसे वाले दिन रोज की तरह वह सुरंग में काम करने के लिए 8 बजे सुबह चले गए थे. जब सैलाब आया था तो वह सुंरग में तकरीबन 300 मीटर अंदर थे. बाहर से आ रही अस्पष्ट आवाजें उन्हें सुनाई दे रही थीं. उन्हें लग रहा था जैसे कोई उन्हें खतरे से आगाह करके सुरंग से बाहर निकलने को कह रहा हो. वह बताते हैं कि एक भंयकर ब्लास्ट की आवाज उनके कानों में आई थी. फिर पानी के रेले ने उन्हें पूरी तरह डूबो दिया. वे अपने साथियों के साथ हिम्मत करके पास में खड़ी जेसीबी मशीन पर चढ़ गए. यह इत्तफाक ही था कि सुरंग के भीतर उस वक्त उनका मोबाइल काम कर रहा था. नेटवर्क इतना था कि बाहर बात हो रही थी. बैटरी भी पर्याप्त थी. वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में रहे और शुक्र है कि रेस्क्यू टीम हम तक पहुंच गई.

श्रीनिवास रेड्डी

एनटीपीसी में जियोलॉजिस्ट के पद पर कार्यरत हैं श्रीनिवास रेड्डी. वह बताते हैं कि हादसे के वक्त वह टनल में करीब 350 मीटर अंजर रहे होंगे. वह कहते हैं कि टनल में अचानक जब पानी और मलबा घुसा, तो वे सब सकते में आ गए. वहां फंसे हुए सबलोग एक-दूसरे को ढांढ़स बंधा रहे थे, एक उम्मीद दिला रहे थे. हिम्मत जुटा रहे थे. वह कहते हैं कि 7 घंटे तक मलबे और पानी में डूबे रहने के कारण हमसब के पांव बुरी तरह से सूज गए थे. लेकिन हम सारे साथी कई घंटे एक रॉड का सहारा लेकर खड़े रहे. वहां हम ऑक्सीजन की कमी की वजह से घुटन महसूस कर रहे थे. पर तभी सुरंग के ऊपरी हिस्से से मिट्‌टी गिरी और हवा आने लगी. हम आराम से सांस लेने लगे. उन्होंने बताया कि उनके बचने का असली कारण भी मोबाइल रहा. वह कहते हैं कि वह लगातार मोबाइल से एनटीपीसी के अधिकारियों से संपर्क साध रहे थे. संपर्क होते ही उन्हें और उनके साथियों को रेसक्यू टीम ने बाहर निकाल लिया.

वीरेंद्र कुमार गौतम

वीरेंद्र कुमार गौतम को जब रेसक्यू टीम लेकर बाहर निकली, तो उनका खुशी का ठिकाना नहीं था. बल्कि बाहर निकलते ही उन्होंने जिस तरह से अपनी खुशी जाहिर की उसका वीडियो वायरल हो गया. वह कहते हैं कि जैसे ही टनल में पानी घुसा, बिजली कट गई. सब जगह घुप्प अंधेरा छा गया. तब सुरंग काफी भयानक लग रही थी. वह कहते हैं कि पानी का लेवल लगातार बढ़ रहा था. पहले घुटने तक आया तो उन्हें लगा कि कही बादल फट गया है. लेकिन पानी का लेवल लगातार बढ़ता गया. पानी हमारे सीने तक पहुंच चुका था और लग रहा था कि बस अब कुछ ही देर का खेल है. हमसब बेहद डरे हुए थे. पर तभी सीने तक पहुंचा पानी कम होने लगा. हमसब ने थोड़ी हिम्मत बांधी. अपने साथियों के साथ टनल में लगे रॉड के सहारे बाहर की ओर निकलने की कोशिश करने लगे. काफी देर तक प्रयास करने के बाद हमारे एक साथी के मोबाइल में नेटवर्क मिला और हमने बाहर संपर्क किया. इसी के सहारे रेस्क्यू टीम ने हमें ट्रेस कर बाहर निकाल लिया.



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उत्तराखंड आपदा : आज से रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हुआ वायुसेना का चिनूक हेलिकॉप्टर, देखें तस्वीरें https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%86%e0%a4%9c-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b8%e0%a5%8d/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%86%e0%a4%9c-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b8%e0%a5%8d/#respond Thu, 11 Feb 2021 17:50:00 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=386

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रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भारी सामान कैसे चढ़ाए जाते हैं चिनूक हेलिकॉप्टर में – यह इस तस्वीर में साफ देखा जा सकता है. यह भारी सामान उठाने वाली या खुदाई करने वाली मशीन है, जिसे चमोली भेजा जाना है.



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Chamoli Glacier Burst: ITBP जवानों ने तपोवन सुरंग की साफ, 120 मीटर लंबी दुरी तक सुरंग में फंसा था कीचड़/मलबा, रात दिन चला रेस्क्यू ऑपरेशन– News18 Hindi https://indiatimes24x7.com/chamoli-glacier-burst-itbp-%e0%a4%9c%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%a4%e0%a4%aa%e0%a5%8b%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%82%e0%a4%97/ https://indiatimes24x7.com/chamoli-glacier-burst-itbp-%e0%a4%9c%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%a4%e0%a4%aa%e0%a5%8b%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%82%e0%a4%97/#respond Wed, 10 Feb 2021 15:57:00 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=368

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नई दिल्‍ली. रविवार सुबह चमोली में ग्लेशियर फटने (Glacier Burst) से ऋषि गंगा डैम प्रोजेक्ट के बहने और आसपास आई भीषण बाढ़ से कई गांवों में तबाही का मंजर मच गया. इसके बाद से आपदा में फंसे सैकड़ों लोगों को बचाने के लिए वहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन दिन रात चल रहा है.

इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के साथ-साथ एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF), सेना, वायु, नेवी, स्थानीय पुलिस और दूसरी एजेंसी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं. तपोवन टनल में फंसे मलबे व कीचड़ के पहाड़ को साफ करने में  आइटीबीपी जवान कामयाब हो गये हैं. जवानों ने तपोवन सुरंग को साफ कर दिया है.

सुरंग के प्रवेश द्वार को पूरी तरीके से साफ कर दिया गया है. रात भर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान  120 मीटर लंबी सुरंग में फंसे मलबे और कीचड़ को पूरी तरीके से अब साफ कर दिया है. आइटीबीपी के जवान अब टनल के भीतर सफाई होने के बाद अगले किसी कार्य को करने के लिए तैयारी में है.

आइटीबीपी की ओर से एक वीडियो फुटेज भी जारी किया गया है जिसमें ग्लेशियर फटने से अचानक आई भीषण बाढ़ में तपोवन (Tapovan) के पास सुरंग में बचाव अभियान में जुटे आइटीबीपी जवान किस तरीके से 12 फंसे हुए लोगों को बचा रहे हैं. इन सभी रेस्क्यू किए गए लोगों को इलाज के लिए आइटीबीपी की पहली बटालियन जोशीमठ अस्पताल (Joshimath Hospital) में रखा गया है. इन सभी का वहां पर इलाज चल रहा है.

आइटीबीपी की ओर से वह फुटेज भी जारी किए गए हैं जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) आइटीबीपी की पहली बटालियन जोशीमठ अस्पताल का दौरा कर रहे हैं. जवानों ने सुरंग में फंसे 12 मजदूरों को वहां से निकाला था. इन सभी को जोशीमठ अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इन सभी का वहां पर इलाज चल रहा है और वह ठीक भी हो रहे हैं.



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