nainital high court – India Times https://indiatimes24x7.com National News Portal Thu, 28 Oct 2021 07:04:32 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://indiatimes24x7.com/wp-content/uploads/2021/12/cropped-india-times-24x7-1-32x32.png nainital high court – India Times https://indiatimes24x7.com 32 32 Uttarkashi Scam : करोड़ों के घोटाले के आरोप में फंसे जिपं अध्यक्ष, हाईकोर्ट के एक्शन से बढ़ सकती हैं मुश्किलें! https://indiatimes24x7.com/uttarkashi-scam-the-action-of-the-president-of-the-high-court-trapped-in-the-scam-of-crores/ https://indiatimes24x7.com/uttarkashi-scam-the-action-of-the-president-of-the-high-court-trapped-in-the-scam-of-crores/#respond Thu, 28 Oct 2021 06:56:25 +0000 https://indiatimes24x7.com/uttarkashi-scam-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%98%e0%a5%8b%e0%a4%9f%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%86%e0%a4%b0/

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Uttarakhand News : उत्तराखंड के शासन प्रशासन पर एक बड़े घोटाले का आरोप लगा है और आरोप लगाया भी एक बीजेपी नेता (BJP Leader) ने ही है. बजट को खत्म करने के लिए मनमानी करने और अच्छी खासी रकम की गड़बड़ी (Financial Irregularity) करने के आरोप में सीबीआई जांच (CBI Probe) तक की मांग की है. फिलहाल हाई कोर्ट ने इस मामले में तमाम विभागों से जवाब मांगा है.

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Jim Corbett Park Case : अवैध निर्माण पर भड़का उत्तराखंड हाई कोर्ट, केंद्र और राज्य से तलब की ATR https://indiatimes24x7.com/jim-corbett-park-case-uttarakhand-high-court-infuriated-over-illegal-construction-summoned-atr-from-center-and-state/ https://indiatimes24x7.com/jim-corbett-park-case-uttarakhand-high-court-infuriated-over-illegal-construction-summoned-atr-from-center-and-state/#respond Thu, 28 Oct 2021 02:13:24 +0000 https://indiatimes24x7.com/jim-corbett-park-case-%e0%a4%85%e0%a4%b5%e0%a5%88%e0%a4%a7-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a3-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%ad%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%89/

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नैनीताल. उत्तराखंड के उच्च न्यायालय ने वन एवं पर्यावरण के केंद्रीय मंत्रालय और राज्य के वन एवं वन्यजीवन विभाग के आला अधिकारियों से जिम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व की निगरानी करने और एक्शन टेकन रिपोर्ट देने को कहा है. हाई कोर्ट ने ये आदेश उस शिकायत की सुनवाई पर दिए, जिनमें टाइगर रिज़र्व में अवैध निर्माण कार्य और पेड़ों के काटे जाने के आरोप लगाए गए थे. इसके साथ ही कोर्ट ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकार की पिछली रिपोर्ट के संबंध में भी जवाब तलब किया है.

जिम कॉर्बेट पार्क के कोर ज़ोन में सड़क और भवन निर्माण पर हाई कोर्ट ने सख्त रवैया दिखाया है. चीफ जस्टिस कोर्ट ने पार्क के भीतर निर्माण पर नाराज़गी जताते हुए राज्य सरकार समेत केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने एनटीसीए की रिपोर्ट के आधार पर छपी खबर का संज्ञान लिया. चीफ जस्टिस आरएस चौहान की बेंच ने केन्द्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, प्रमुख वन संरक्षक समेत निदेशक कॉर्बेट को नोटिस जारी कर 9 नवंबर तक रिपोर्ट फाइल करने का आदेश दिया. क्या कोई निर्माण हुआ है? यह पूछते हुए कोर्ट ने कहा कि अधिकारी निरीक्षण करें और क्या कार्रवाई हुई, इस पर एटीआर फाइल करें.

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उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कॉर्बेट केस में केंद्र व राज्य से रिपोर्ट मांगी.

कॉर्बेट पार्क में ऐसे निर्माण से पर्यावरण को खतरा : HC
दरअसल हाई कोर्ट ने एक खबर पर संज्ञान लेते हुए कहा कि कॉर्बेट पार्क के भीतर जमूड़ पांखरों में निर्माण हो रहा है, जो बाघों के साथ ही पर्यावरण के लिए खतरा है. राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण की टीम के निरीक्षण में वन्य जीवों के आवास पर अतिक्रमण की बात सामने आने को कोर्ट ने गंभीर माना. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सितंबर में एक केंद्रीय कमेटी भी बनी थी, जिसने कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में अवैध निर्माण के बारे में चीफ सेक्रेट्री स्तर तक के अधिकारियों से जवाब मांगे थे.

गौरतलब है कि कोर्ट के संज्ञान में आया कि पार्क के कोर और बफर ज़ोन में कुछ प्राइवेट रिज़ॉर्ट मालिक सड़क के साथ भवन निर्माण कर रहे हैं, जिसका ज़िक्र नेशनल बाघ प्राधिकरण की टीम ने अपनी रिपोर्ट में किया. इस मामले में वन्य अधिकारी भी मिलीभगत के आरोपों के घेरे में हैं. अब कोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार की एजेंसियों को निरीक्षण कर रिपोर्ट फाइल करने को कहा है.

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उत्तराखंड में शिक्षक भर्तीः देर से CTET पास करने वालों को भी मिलेगा मौका, 451 पदों पर होगी बहाली https://indiatimes24x7.com/teacher-recruitment-in-uttarakhand-late-ctet-passers-will-also-get-a-chance-to-be-reinstated-on-451-posts/ https://indiatimes24x7.com/teacher-recruitment-in-uttarakhand-late-ctet-passers-will-also-get-a-chance-to-be-reinstated-on-451-posts/#respond Sun, 17 Oct 2021 07:48:48 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b6%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%95-%e0%a4%ad%e0%a4%b0%e0%a5%8d/

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Uttarakhand basic teacher recruitment: उत्तराखंड में बेसिक शिक्षक के 451 पदों पर भी जल्द होगी भर्ती.

Uttarakhand basic teacher recruitment: उत्तराखंड में बेसिक शिक्षक के 451 पदों पर भी जल्द होगी भर्ती.

Uttarakhand Jobs News: उत्तराखंड में सीटीईटी पास कर चुके अभ्यर्थियों के लिए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. सरकार ने बेसिक शिक्षकों के 451 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दे दी है. इसी महीने इन पदों के लिए भर्ती का आवेदन मांगा जा सकता है.

Uttarakhand Jobs News: उत्तराखंड में बेसिक शिक्षकों के 2200 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है. इसी क्रम में देर से सीटीईटी परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के लिए सरकार ने बड़ी घोषणा की है. इन अभ्यर्थियों की मांग पर सरकार ने बेसिक शिक्षकों के 451 और पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा कर दी है. प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के मुताबिक इन 451 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में विलंब से CTET पास करने वाले अभ्यर्थियों को भी मौका मिलेगा.

आपको बता दें कि उत्तराखंड में बेसिक शिक्षकों के 2200 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं. इस प्रक्रिया में कुछ समय पहले CTET परीक्षा पास करने वाले बेरोजगार युवाओं को मौका नहीं मिल पाया था. देहरादून से प्रकाशित दैनिक हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, इसको लेकर भर्ती की अधिसूचना जारी होने के बाद इन बेरोजगार युवाओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया था कि अगर वर्तमान विज्ञप्ति में नए लोगों को मौका दिया गया, तो भर्ती प्रक्रिया लंबी हो जाएगी. सरकार ने अदालत को बताया कि प्रदेश में बेसिक शिक्षकों के 451 पद अब भी खाली हैं. इन पदों पर भी इसी महीने भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

सरकार के स्पष्टीकरण देने के बाद हाईकोर्ट ने भर्ती का निर्देश दिया, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने 451 पदों पर बहाली के लिए मंत्री को प्रस्ताव भेजा था, जिसे शनिवार को मंजूरी मिल गई है. शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने मीडिया के साथ बातचीत के दौरान कहा कि उत्तराखंड में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना, धामी सरकार की प्राथमिकता में है. इसलिए विभिन्न विभागों में खाली पदों को तेजी से भरे जाने की प्रक्रिया शुरू है. उन्होंने बताया कि अटल उत्कृष्ट स्कूलों में भी वर्षों से खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है.

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बदरीनाथ-केदारनाथ समेत चारधाम यात्रा के लिए नई एसओपी, तीर्थयात्रियों को ई-पास की बाध्यता नहीं https://indiatimes24x7.com/new-sop-for-chardham-yatra-including-badrinath-kedarnath/ https://indiatimes24x7.com/new-sop-for-chardham-yatra-including-badrinath-kedarnath/#respond Wed, 06 Oct 2021 13:00:13 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%ac%e0%a4%a6%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a5-%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a5-%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%a4-%e0%a4%9a%e0%a4%be/

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देहरादून. उत्तराखंड चारधाम यात्रा (Uttarakhand Chardham Yatra) पर उच्च न्यायालय नैनीताल (Nainital High Court) ने राहत दी तो उत्तराखंड सरकार की ओर से नई एसओपी जारी कर दी गई. इसके अनुसार अब देहरादून स्मार्टसिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन एवं कोविड जांच ही जरूरी है. तीर्थयात्रियों को ई-पास की कोई बाध्यता नहीं है.

आयुक्त गढ़वाल मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड रविनाथ रमन की ओर से चार धामों मे़ं एसओपी को लागू करने को लेकर निर्देश दिया गया है. अब देहरादून स्मार्टसिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन एवं कोविड जांच को जरूरी किया गया है. नई एसओपी के अनुसार तीर्थयात्रियों को ई-पास की कोई बाध्यता नहीं है.

आयुक्त गढ़वाल ने कहा कि अब कोई भी तीर्थ यात्री जिनके पास स्मार्ट सिटी पोर्टल में रजिस्टेशन की जानकारी नहीं है, वह ऋषिकेश और हरिद्वार रेल्वे स्टेशनों, बस टर्मिनल पर निशुल्क अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. इन तीर्थयात्रियों की निशुल्क कोरोना जांच की जायेगी. इसको देखते हुए तत्काल प्रभाव से हरिद्वार एवं ऋषिकेश में रजिस्ट्रेशन सेंटर खोलने के आदेश जारी किए गए हैं.

आयुक्त गढ़वाल ने बताया कि चमोली, रूद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी को यात्रा को लेकर निर्देश दिए गये हैं. दर्शन हेतु पहुंचे तीर्थयात्रियों गुप्तकाशी, फाटा, सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड से कोविड जांच के बाद केदारनाथ दर्शन के लिए भेजा जाए. बदरीनाथ धाम, गंगोत्री व यमुनोत्री में दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों को बेरोकटोक जाने देने को लेकर भी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है. इधर चारधाम यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में भी काफी उत्साह दिखाई दे रहा है.

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उत्तराखंड: स्कूल खोलने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती, याचिका पर 4 अगस्त को होगी सुनवाई https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a5%82%e0%a4%b2-%e0%a4%96%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a5%82%e0%a4%b2-%e0%a4%96%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87/#respond Tue, 03 Aug 2021 02:01:49 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=3153

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नैनीताल. उत्तराखंड उच्च न्यायालय (Uttarakhand High Court) ने छह से बारह तक की कक्षाओं के लिए विद्यालयों को खोलने (Open Schools) के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को सोमवार को अपनी याचिका में संशोधन करने को कहा है. इस याचिका पर अब चार अगस्त को सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार (Alok Kumar) की पीठ ने पाया कि विद्यालयों को खोलने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी की गयी एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) को इस याचिका में सटीक ढंग से चुनौती नहीं दी गयी है. अदालत ने कहा कि यह याचिका 29 जुलाई को दायर की गयी जबकि राज्य सरकार ने विद्यालयों को खोलने के संबंध में 31 जुलाई को एसओपी जारी की.

याचिका को सुधारने की अनुमति देते हुए उच्च न्यायालय ने इसपर अगली सुनवाई की तारीख चार अगस्त तय की. हरिद्वार निवासी विजयपाल ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार ने बिना किसी तैयारी या योजना के कोविड महामारी के बीच विद्यालयों को खोलने का निर्णय लिया है.

ऑनलाइन उपस्थिति का विकल्प भी उनके पास उपलब्ध होगा
बता दें कि उत्तराखंड  में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के लिए स्कूल दो अगस्त से और कक्षा छठीं से आठवीं के 16 अगस्त को फिर से खुल गए हैं. राज्य में स्कूल कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण लंबे समय से बंद थे. राज्य सरकार की ओर से इस आशय का एक आदेश जारी कर कहा गया था कि यह सभी बोर्डिंग, डे बोर्डिंग सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होगा. आदेश के अनुसार सभी स्कूलों से कहा गया है कि वे अपने परिसर को अच्छी तरह से सैनिटाइज करें और प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइज (Hand Sanitize) करने के बाद ही छात्रों को प्रवेश दें. आदेश में कहा गया था कि छात्रों को भौतिक रूप से कक्षाओं में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि ऑनलाइन उपस्थिति का विकल्प भी उनके पास उपलब्ध होगा.

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उत्तराखंड सरकार को हाईकोर्ट की फटकार, कहा- बिना वेतन कर्मचारियों से काम कराना अपराध https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%88%e0%a4%95%e0%a5%8b/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%88%e0%a4%95%e0%a5%8b/#respond Tue, 20 Jul 2021 10:31:01 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2891

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नैनीताल. रोडवेज कर्मचारियों के वेतन मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वो परिसंपत्तियों के मामले में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों की बैठक कर निर्णय ले. कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा कि जितना पैसा सरकार ने दिया है उससे दो महीने का ही वेतन मिल पा रहा है. अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव से कहा कि जल्द कैबिनेट में निर्णय लेकर हाईकोर्ट को इसकी जानकारी दें. सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने सैलरी (Salary) को कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार बताते हुए आर्टिकल 23 का हवाला देते हुए कहा कि बिना पैसे के मजदूरी या बेगारी नहीं कराई जा सकती है.

कोर्ट द्वारा पूछा गया कि पूरी सैलरी क्यों नहीं दी गयी, इस पर अधिकारियों ने आर्थिक संकट का हवाला देते हुए कहा कि बोर्ड ने निर्णय लिया है कि वित्तीय स्थिति ठीक होने तक कर्मचारियों को आधी सैलरी देंगे. कोर्ट ने इसे लेकर फटकार लगाते हुए कहा कि क्या यह मान लिया जाए कि स्टेट पर वित्तीय संकट आ खड़ा हुआ है, और क्या ऐसे निर्णय बोर्ड को लेने का अधिकार कानून या संविधान देता है. अदालत ने कहा कि यह अपराध की श्रेणी में आता है.

सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट में बताया कि 34 करोड़ की धनराशि जारी की गई है जिससे अप्रैल-मई माह का वेतन दिया जा सकता है. कोर्ट ने सरकार के इस जवाब पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पूछा कि आगे की क्या प्लानिंग है, वो भी कोर्ट को बताएं.

बता दें की रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर वेतन देने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि अगर वो सैलरी के लिए हड़ताल पर जाते हैं तो सरकार उनपर एस्मा के तहत कार्रवाई करती है. रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने याचिका में यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार से 700 करोड़ की परिसंपत्तियों के बंटवारे का मिलना है. साथ ही सरकार ने 45 लाख केदारनाथ आपदा समेत अन्य की देनदारी सरकार पर है.

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रोडवेज कर्मचारियों की सैलरी को लेकर हाईकोर्ट की फटकार, कहा- क्यों न परिवहन सचिव का वेतन रोक दें https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%a1%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%9c-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%88/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%a1%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%9c-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%88/#respond Sun, 27 Jun 2021 03:33:26 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2453

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नैनीताल. रोडवेज कर्मचारियों (Roadways Employees) की 5 महीने की सैलरी के मामले में हाईकोर्ट (High Court)  ने बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Chief Minister Tirath Singh Rawat) से कहा है कि 28 जून को कैबिनेट बैठक कर रोडवेज कर्मचारियों की सैलरी भुगतान पर निर्णय लें. अदालत ने राज्य ले मुख्य सचिव ओम प्रकाश को आदेश दिया है कि कैबिनेट की बैठक के निर्णय को 29 जून को कोर्ट के सामने पेश करें. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस कोर्ट ने टिप्पणी की है, क्यों न रोडवेज कर्मचारियों की तनख्वा जारी होने तक राज्य के वित्त व परिवहन सचिव के वेतन पर रोक लगा दी जाए.

कोर्ट ने सरकार को कहा है कि चारधाम के लिए कैबिनेट बैठक कर दी, लेकिन चारधाम यात्रा से ज्यादा महत्पूर्ण कर्मचारियों की सैलरी (Salary) है. सरकार पर सख्ती दिखाते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के मौलिक व संवैधानिक अधिकारियों का हनन कर रही है. हालांकि सरकार ने अपने बचाव में फरवरी से अब तक 68 करोड़ की देनदार पर कहा कि हमने 23 करोड़ जारी किया है, जिस पर कोर्ट संतुष्ट नहीं दिखी. कोर्ट ने इसे ऊंट के मुह में जीरा बताया है.

यूपी सरकार से 700 करोड़ परिसम्पत्तियों के बंटवारे का मिलना है

दरअशल, शनिवार को हाईकोर्ट की स्पेशल बैंच में मामले की सुनवाई हुई, जिसमें राज्य के मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारी कोर्ट में पेश हुए थे. आपको बतादें की रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर 5 महीने की सैलरी देने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि अगर वो सैलरी के लिए हड़ताल पर जाते हैं तो सरकार उनपर एस्मा के तहत कार्रवाई करती है. रोडववज कर्मचारी यूनियन ने याचिका में कहा है कि यूपी सरकार से 700 करोड़ परिसम्पत्तियों के बंटवारे का मिलना है. और सरकार ने 45 लाख केदारनाथ आपदा समेत अन्य की देनदारी उसके पर है.

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ये CM की बैठक नहीं जहां अधिकारी कहें रामराज और CM मान लें, यहां तथ्यों पर बात होगी: नैनीताल हाईकोर्ट https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%af%e0%a5%87-cm-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%88%e0%a4%a0%e0%a4%95-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%82-%e0%a4%9c%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%82-%e0%a4%85%e0%a4%a7%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a4%be/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%af%e0%a5%87-cm-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%88%e0%a4%a0%e0%a4%95-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%82-%e0%a4%9c%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%82-%e0%a4%85%e0%a4%a7%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a4%be/#respond Wed, 23 Jun 2021 15:59:22 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2397

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नैनीताल. कोरोना (corona) को लेकर हाईकोर्ट (high court) ने सरकार के डेथ ऑडिट पर सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने सरकार को कहा है कि जो डेथ ऑडिट कोर्ट को बताया जा रहा है ये स्वीकार नहीं किया जा सकता है. कोर्ट सरकार के जवाब से इस कदर नाराज थी कि कोर्ट ने टिप्पणी तक कर दी कि ये कोई मुख्यमंत्री की मिटिंग नहीं है, जहां अधिकारी कहें कि रामराज है और मुख्यमंत्री मान लें. ये कोर्ट है. यहां तथ्यों पर बहस होगी.

कोर्ट ने सचिव स्वास्थ्य को अगली तारीख को शपथ पत्र के साथ ये बताने को कहा है कि तीसरी वेव (third wave) के लिये कितनी तैयारी है. कोर्ट ने पूछा है कि राज्य में कुल ऐसे कितन गांव हैं जहां सड़क नहीं हैं और ये गांव रोड़ से कितनी दूरी पर हैं. कोर्ट ने 108 व स्वास्थ्य विभाग के एंबुलेंस का ब्यौरा भी तलब करते हुए इनका तैनाती स्थल पूछा है. वहीं कोर्ट ने पूछा है कि तीसरी लहर के लिए बाल रोग विशेषज्ञों की जो हाई पॉवर कमेटी बनाई गई थी और उसने अपनी रिपोर्ट में जो संस्तुतियां दी हैं उनके अनुपालन का क्या स्टेटस है. राज्य में बच्चों के लिए कुल कितने वार्ड कितने अस्पतालों में हैं और उन में कितने पीडियाट्रिक बेड हैं.

चीफ जस्टिस कोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में आईसीयू एनआईसीयू समेत दवा पर भी रिपोर्ट फाइल करने का आदेश दिया है. वहीं पौड़ी लवाली स्वास्थ्य केन्द्र में सुविधाओं की बहाली करने का कोर्ट ने आदेश देते हुए तीसरी लहर में डाक्टरों की कमी पड़ने पर सुरक्षा बल सेना के चिकित्सकों की सेवाल लेने के निर्देश दिये हैं. कोर्ट ने 28 जून तक सचिव स्वास्थ्य व सचिव पर्यटन को कोर्ट में उपस्थित होकर चारधाम के संबंध में राज्य कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देने को कहा है. वहीं बच्चों के लिये खतरनाक मानी जा रही तीसरी लहर पर कोर्ट गम्भीर दिखी और दवा की कमी पर स्वास्थ्य सचिव को फटकार लगाते हुए कहा कि आप दवा तब खरिदेंगे जब तीसरी लहर आ जायेगी. कोर्ट ने सरकार द्वारा देहरादून अस्पताल में 10 वेंटिलेटर लगाने पर कहा कि अगर 80 बच्चे क्रिटिकल हो गये तो 70 को मरने के लिये छोड़ देंगे.

आपको बतादें कि दुष्यंत मैनाली सचिदानंद डबराल समेत अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. कोर्ट से राज्य के लोगों को कोविड़ से बचाने की मांग की गई है तो तीसरी लहर के लिये सभी व्यवस्थाओं को दुरस्त करने की मांग कोर्ट से की गई है. कोर्ट ने पूर्व में इस मामले पर कई महत्वपूर्ण आदेश भी सरकार को दिये हैं.

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महेंद्र भाटी हत्याकांड : उत्तराखंड हाईकोर्ट से डीपी यादव को और मिली 2 महीने की राहत https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%89/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%89/#respond Mon, 21 Jun 2021 14:11:05 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2361

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मेडिकल ग्राउंड पर डीपी यादव को और दो महीने के लिए शार्ट टर्म बेल मिल गई है.

मेडिकल ग्राउंड पर डीपी यादव को और दो महीने के लिए शार्ट टर्म बेल मिल गई है.

डीपी यादव के वकील एसआरएस गिल ने बताया कि डीपी यादव की मेडिकल रिपोर्ट उत्तराखंड हाईकोर्ट में रखी गई, जिसमें डॉक्टरों ने 4 महीने का बेड रेस्ट लिखा है और बैकबोन का ऑपरेशन करने की बात कहीं है.

नैनीताल. यूपी दादरी के पूर्व विधायक महेंद्र भाटी हत्याकांड के दोषी बाहुबली नेता डीपी यादव को उत्तराखंड के उत्तराखंड हाईकोर्ट से और 2 महीने की शार्ट टर्म बेल मिल गई है. पिछले दिनों डीपी यादव को मेडिकल ग्राउंड पर 2 महीने की शॉट टर्म बेल दी गई थी, जो 20 जून को खत्म हो गई है. आज सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस आरएस चौहान व जस्टिस आलोक वर्मा की अदालत ने डीपी यादव की बेल 2 महीने और बढ़ा दी है. शॉट टर्म बेल को लेकर डीपी यादव ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था.

महेंद्र भाटी हत्याकांड में दोषी हैं डीपी यादव

आपको याद दिला दें कि 13 सितंबर 1992 को गाजियाबाद विधायक महेंद्र भाटी की हत्या दादरी रेलवे क्रॉसिंग पर कर दी गई थी. हत्या का आरोप डीपी यादव, परनीत भाटी, करण यादव और पाल सिंह पर लगा था. 15 फरवरी 2015 को देहरादून सीबीआई की अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सीबीआई कोर्ट के फैसले को चारों दोषियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. वहीं, महेंद्र भाटी के बेटे ने इनकी सजा बढ़ाने को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

कोर्ट में पेश की गई मेडिकल रिपोर्टसोमवार को सुनवाई के बाद डीपी यादव के वकील एसआरएस गिल ने बताया कि डीपी यादव की मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में रखी गई, जिसमें डॉक्टरों ने 4 महीने का बेड रेस्ट लिखा है और बैकबोन का ऑपरेशन करने की बात कहीं है. अधिवक्ता गिल ने कहा कि उन्होंने कोर्ट को बताया कि दो महीने पहले मिली शॉट टर्म बेल के दौरान डीपी यादव को कोरोना के चलते अस्पताल में नहीं दिखाया जा सका और अब उनका इलाज जरूरी है. हालांकि सीबीआई ने डीपी यादव के वकीलों की दलिलों को गलत बताते हुए बेल रद्द करने की मांग कोर्ट से की, लेकिन कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर डीपी यादव को 2 महीने की राहत दे दी.





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चारधाम यात्रा: पर्यटन सचिव के जवाब से संतुष्ट नहीं नैनीताल हाईकोर्ट, कहा- ढिलाई बर्दाश्त नहीं https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%9f%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a4%9a%e0%a4%bf/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%9f%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a4%9a%e0%a4%bf/#respond Wed, 16 Jun 2021 19:55:37 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2283

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पिछली तारीख को हाईकोर्ट ने सचिव पर्यटन को स्थलीय निरीक्षण करने का आदेश दिया था.

पिछली तारीख को हाईकोर्ट ने सचिव पर्यटन को स्थलीय निरीक्षण करने का आदेश दिया था.

कोर्ट ने साफ कर दिया है कि चारधाम यात्रा में कोर्ट कतई ढिलाई बर्दास्त नहीं होगी. चीफ जस्टिस कोर्ट ने सरकार को कहा है कि अगर चारधाम और पर्यटन को खोलना चाहते हैं तो समय पर निर्णय लें.

नैनीताल. कोरोना से बंद राज्य में चारधाम को लेकर हाईकोर्ट पर्यटन सचिव के जवाब से संतुष्ट नहीं है. हाईकोर्ट ने सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर को 21 जून तक सभी सभी तैयारियों पर जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि अंतिम समय पर निर्णय लेने से हमेशा दिक्कतें आती हैं और कुम्भ में भी अंतिम समय मे निर्णय लेने से सभी व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई थीं. कोर्ट ने सचिव पर्यटन से पूछा है कि अगर चारधाम यात्रा को खोला जाता है तो श्रद्धालुओं के रहने-खाने और मेडिकल की क्या व्यवस्था है. साथ ही स्थानीय स्तर पर वैक्सीनेशन की क्या स्थिति है. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि चारधाम यात्रा में कोर्ट कतई ढिलाई बर्दास्त नहीं होगी. चीफ जस्टिस कोर्ट ने सरकार को कहा है कि अगर चारधाम और पर्यटन को खोलना चाहते हैं तो समय पर निर्णय लें. हाईकोर्ट ने 23 जून को सचिव पर्यटन को सुनवाई में मौजूद रहने का आदेश दिया है. पिछली तारीख को हाईकोर्ट ने सचिव पर्यटन को स्थलीय निरीक्षण करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने राज्य में कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा पर भी 23 मार्च को सुनवाई करेगा.

कोविड़ से मौत वाले शवों का बिजली शवग्रह में हो अंतिम संस्कार

राज्य में कोरोना से मरने वालों का विधुत शवदाह से अंतिम संस्कार करने के मामले में हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव के साथ प्रमुख सचिव शहरी विकास और 13 जिलों के डीएम को नोटिस जारी किया है. तीन हफ्तों में जवाब फाइल करने का आदेश दिया है. हरिद्वार के समाजसेवी ईश्वर बर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि कोरोना से मारने वालों का अंतिम संस्कार विधुत शवदाह से हो और राज्य के सभी नगर पालिका नगर निगम और नगर पंचायतों में बिजली से चलने वाले शवदाह गृह बनें. याचिका में हरिद्वार में बने शवदाह गृह को चालू करने की मांग भी की गई है. पूरे मामले को सुनने के बाद चीफ जस्टिस कोर्ट ने नोटिस जारी किया है.

हाईकोर्ट के अधिवक्ता विरेन्द्र अधिकारी ने कहा कि इस याचिका में जो भी मांग रखी गई हैं, उससे कोरोना फैलने का खतरा कम रहेगा. साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान कम होगा क्योंकि एक शव को जलाने के लिये 6 कुंतल लकड़ी का इस्तेमाल होता है और शव को जलाने के दौरान तीन हजार तक का खर्चा आता है और गंदगी और प्रदूषण का भी खतरा रहता है वहीं बिजली संचालित शव ग्रह में समय की बचत के साथ कम खर्च आता है.





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