india-china border – India Times https://indiatimes24x7.com National News Portal Mon, 18 Oct 2021 00:49:50 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://indiatimes24x7.com/wp-content/uploads/2021/12/cropped-india-times-24x7-1-32x32.png india-china border – India Times https://indiatimes24x7.com 32 32 चाइना बॉर्डर को जोड़ने वाली रोड 115 दिनों बाद खुल सकी, प्रशासन ने कहा देर के लिए BRO ज़िम्मेदार https://indiatimes24x7.com/the-road-connecting-china-border-could-open-after-115-days-the-administration-said-bro-responsible-for-the-delay/ https://indiatimes24x7.com/the-road-connecting-china-border-could-open-after-115-days-the-administration-said-bro-responsible-for-the-delay/#respond Thu, 14 Oct 2021 02:36:01 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a1%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a4%be/

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पिथौरागढ़. चाइना बॉर्डर से सटी दारमा घाटी 115 दिनों के लंबे इंतज़ार के बाद शेष दुनिया से जुड़ गई. इस साल बरसात के मौसम में दारमा घाटी को जोड़ने वाली सड़क जगह-जगह ज़मींदोंज़ हो गई थी. यहां भूस्खलन और बोल्डर आने का सिलसिला इस तरह का बना रहा कि यहां मशीनों का पहुंचना और राहत कार्य करवाया जाना मुहाल हो गया था. इस सड़क को बॉर्डर की लाइफलाइन कहा जाता है क्योंकि यह सामरिक और सीमाई दृष्टि से सैन्य बलों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण मार्ग है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइज़ेशन और लोक निर्माण विभाग के प्रयासों से इस सड़क के खुलने से अब हज़ारों लोगों की ज़िंदगी तो पटरी पर लौटी है, सुरक्षा बलों को भी खासी राहत मिली है.

जून के पहले पखवाड़े में आई आसमानी आफत ने बॉर्डर की लाइफलाइन को कई जगह से तोड़ दिया था. दारमा और चौदांस घाटी के 50 गांव 15 जून से पूरी तरह कैद हो गए थे. हालात ये कि तवाघाट से आगे 70 किलोमीटर की रोड का नामोनिशान तक नहीं था. अब करीब चार महीनों के बाद बॉर्डर की घाटी में आवाजाही बहाल हो गई. एडीएम फिंचाराम ने बताया कि बीआरओ की धीमी चाल के कारण रोड खोलने में खासा वक्त लग गया.

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इतिहास में यह पहली बार हुआ जब दारमा घाटी को जोड़ने वाली मुख्य सड़क तीन महीने से ज़्यादा समय तक बंद रही.

अब माइग्रेशन में मिलेगी मदद
बॉर्डर की लाइफलाइन खुलने से अब लोगों को रोज़मर्रा की चीज़ों के लिए नहीं जूझना पड़ेगा. यही नहीं, चाइना सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों की भी आवाजाही आसान हो सकेगी. ये पहला मौका है, जब सामरिक नज़रिये से अहम रोड 3 महीने से भी अधिक वक्त तक बंद रही. उच्च हिमालयी इलाकों में अब माइग्रेशन पीरियड शुरू होने वाला है. ऐसे में हज़ारों की आबादी के लिए रोड का खुलना किसी वरदान से कम नहीं है.

स्थानीय निवासी शालू दताल कहते हैं कि रोड बंद रहने से लोगों को जो दिक्कतें हुईं, उन्हें शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. लेकिन माइग्रेशन का दौर शुरू होने से पहले रोड खुलना राहत की बात है. इस साल की बरसात ने पिथौरागढ़ के बॉर्डर इलाकों में भारी तबाही मचाई इसलिए दारमा के साथ ही व्यास घाटी को जोड़ने वाली रोड भी लम्बे समय तक बंद रही. अब बरसात थमने के बाद बॉर्डर की अहम सड़कें खुलने का सिलसिला शुरू हो चुका है.

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भारत-चीन सीमा के पास अब एक्टिव रहेगी बॉर्डर गार्ड फोर्स, गांव वालों को ट्रेनिंग देगी पुलिस https://indiatimes24x7.com/the-border-guard-force-will-now-be-active-near-the-indo-china-border-the-police-will-train-the-villagers/ https://indiatimes24x7.com/the-border-guard-force-will-now-be-active-near-the-indo-china-border-the-police-will-train-the-villagers/#respond Tue, 28 Sep 2021 07:26:29 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%85%e0%a4%ac-%e0%a4%8f%e0%a4%95%e0%a5%8d/

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देहरादून. उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में पुलिस मेलों का आयोजन करने जा रही है. दो से तीन दिन तक चलने वाले इन मेलों के ज़रिए पुलिस सीमांत गांवों में अपना दखल बढ़ाएगी ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा में लिहाज़ से यहां के स्थानीय लोगों को बॉर्डर गार्ड फ़ोर्स के रूप में सक्रिय किया जा सके. इसी योजना के तहत अब अब उत्तराखंड पुलिस अक्टूबर में राज्य के सीमांत इलाकों में दो से तीन दिन के मेलों का आयोजन करने वाली है. पुलिस इन मेलों में सांस्कृतिक प्रोगाम के साथ ही लोकल खेलों को भी प्रमोट करेगी.

पिछले साल पुलिस महानिदेशकों के वार्षिक सम्मेलन में सीमांत गावों में भी पुलिस की सक्रियता बढ़ाने के दिशा निर्देश दिए गए थे. पुलिस को आईटीबीपी, बीएसएफ और आर्मी के साथ मिलकर सीमांत इलाकों में खासकर इंडो-तिब्बत बॉर्डर से लगे क्षेत्रों में ग्रामीणों से भी मेल-जोल बढ़ाने के लिए निर्देश थे ताकि स्थानीय लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से फ़ोर्स का रूप दिया जा सके.

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भारत चीन बार्डर पर स्थित उत्तराखंड के गांव विकास की धारा से अलग पड़े हुए हैं.

विकास कार्य भी होगा

इंडो-तिब्बती बॉर्डर से लगे क्षेत्रों हर्षिल, नीति और व्यास वैली में करीब 18 से 20 गांव हैं, जो आज भी विकास की मुख्य धारा से अलग-थलग पड़े हैं. पुलिस अब बड़ी कम्पनियों से संपर्क कर उनके सीएसआर फण्ड से इन क्षेत्रों में मेलों के आयोजन करेगी और विकास कार्यों को प्रमोट करेगी. बॉर्डर से लगे गांव एक तरह से देश के लिए प्रहरी का भी काम करते हैं लेकिन पिछले कुछ साल से रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य के नाम पर सीमांत क्षेत्रों से बड़े पैमाने पर हो रहे पलायन ने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. लिहाज़ा सैन्य बलों के साथ ही अब लोकल पुलिस भी इन क्षेत्रों में दखल बढ़ाने जा रही है.

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इस बारे में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि हर साल DGP की कॉन्फ्रेंस होती है, उसमें पीएम मोदी ने सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को निर्देश दिया था कि पुलिस राज्य के सीमांत इलाकों में विकास मेला महोत्सव का आयोजन करे, शुरुआत में तीन मेलों का आयोजन उत्तराखण्ड में किया जा रहा है. इन मेलों को आंतरिक सुरक्षा के लिहाज़ से बड़ा कदम बताया जा रहा है.

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पिथौरागढ़: चाइना बॉर्डर पर दो घाटियों में फंसी हजारों जिंदगियां; 100 दिन से सड़क बंद, खाने-पीने का संकट https://indiatimes24x7.com/thousands-of-lives-trapped-in-two-valleys-on-the-pithoragarh-china-border-the-crisis-of-eating-and-drinking-off-the-road-for-100-days/ https://indiatimes24x7.com/thousands-of-lives-trapped-in-two-valleys-on-the-pithoragarh-china-border-the-crisis-of-eating-and-drinking-off-the-road-for-100-days/#respond Mon, 27 Sep 2021 12:02:49 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a1%e0%a4%b0-%e0%a4%aa/

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पिथौरागढ़. चाइना बॉर्डर (China Border) पर मौजूद दो घाटियों का शेष दुनिया से सम्पर्क कटे 100 दिन पूरे हो गए हैं. बॉर्डर की लाइफ लाइन बंद होने से जहां हजारों लोगों की जिंदगी पटरी से उतर गई है, वहीं लम्बे समय से रोड बंद होने से इन इलाकों में रोजमर्रा की चीजों का संकट भी पैदा हो गया है. जो कार्यदाई संस्था इस रोड को सही करने में लगी है वह फेल साबित हुई है. सौ दिन में महज 8 किलोमीटर रोड साफ की जा सकी है.

16 जून को आई आसमानी आफत ने दारमा और चौंदास घाटी को जोड़ने वाली रोड को तबाह कर डाला. बॉर्डर की इस अहम रोड में एक नहीं दर्जनों जगह भारी लैंडस्लाइड हुआ है. हालात ये हैं कि 70 किलोमीटर की इस रोड को कार्यदाई संस्थाएं 100 दिन में सिर्फ 8 किलोमीटर ही खोल पाईं हैं. इस रोड पर कई बैली ब्रिज भी जमींदोंज हुए हैं. कुछ ऐसा ही हाल ब्यास घाटी का भी है. ब्यास घाटी से होकर ही लिपुलेख दर्रे तक रोड पहुंचती है. लेकिन हल्की बारिश में ये रोड भी जगह-जगह बंद हो रही है. बॉर्डर की व्यास, दारमा और चौंदास घाटियां सामरिक नजरिए से भी अहम हैं. इन्हीं सड़कों के जरिए बॉर्डर पर सुरक्षा बल भी पहुंचते हैं.

कार्यदाई संस्थाओं को बदलने की मांग

क्षेत्रीय विधायक हरीश धामी का कहना है कि कार्यदाई संस्था खासकर बॉर्डर रोड आर्गिनाइजेशन (बीआरओ) का काम काफी घटिया स्तर का है. बीआरओ की खराब कार्यप्रणाली के कारण हजारों की आबादी संकट में है. ऐसे में बेहतर यही होगा कि इन सड़कों को बीआरओ से हटाया जाए. कहने को तो बीआरओ, पीडब्ल्यूडी और सीपीडब्ल्यूडी ने इन सड़कों में दर्जन भर से ज्यादा मशीनें लगाई हैं, लेकिन ये मशीनें और डेढ़ सौ से ज्यादा मजदूर भी नाकाफी साबित हो रहे हैं. अब हालात ये हैं कि सभी प्रभावित गांवों में रोजमर्रा की जरूरी चीजें लगभग खत्म हो गई हैं. ऐसे में गांवों की छोटी दुकानों में जो बचा-खुचा सामान है उसकी कीमत आसमान में पहुंच गई है.

हेलीकॉप्टर की मदद से पहुंच रहा सामान

सरकार ने बॉर्डर की तीनों घाटियों के लिए एक हेलीकॉप्टर भी दिया है. हेली की मदद से ग्रामीण कुछ जरूरी चीजों को धारचूला से मंगवा भी रहे हैं, लेकिन हजारों की आबादी के लिए ये भी नाकाफी ही साबित हो रहा है. डीएम आशीष चौहान का कहना है कि रोड खोलने के लिए तीनों कार्यदाई संस्थाएं काम कर रही है, लेकिन विषम भौगोलिक हालात होने से दिक्कतें आ रही हैं. इस साल की बरसात ने सबसे ज्यादा तांडव बॉर्डर के इलाकों में मचाया है. बॉर्डर में रहने वालों को अभी और दिक्कतें उठानी ही पड़ेंगी।

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Uttarakhand: भारत-चीन बॉर्डर को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे को शुरू करने का प्रयास जारी, BRO ने कही ये बात https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-efforts-are-on-to-start-joshimath-malari-highway-connecting-india-china-border-bro-said-this/ https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-efforts-are-on-to-start-joshimath-malari-highway-connecting-india-china-border-bro-said-this/#respond Thu, 19 Aug 2021 05:43:46 +0000 https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a1%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a5%9c%e0%a4%a8%e0%a5%87/

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Landslide in Uttarakhand: भारत-चीन-तिब्बत बॉर्डर (India-China-Tibet Border) को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे (Joshimath-Malari Highway) पर कई दिनों से बंद चल रहा है. हालांकि सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) इसे शुरू करने का प्रयास लगातार कर रहे हैं. बीआरओ के मुताबिक, इस दौरान पहाड़ों से लगातार मलबा गिरने के कारण काफी परेशानी आ रही है.

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Uttarakhand News : भारत-चीन सीमा के पास पुल ढहा, 50 गांव सड़कों से कटे, भारी बारिश का अलर्ट https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-news-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b2/ https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-news-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b2/#respond Fri, 09 Jul 2021 06:00:25 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2679

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पिथौरागढ़/देहरादून. भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में एक बार फिर रास्ते बंद हो जाने की बड़ी खबर आई है. इस बार 48 मीटर लंबा कॉंक्रीट का एक ब्रिज ढह जाने के चलते दरमा, व्यास और चौदस घाटियों का संपर्क सीमांत ज़िलों से कट गया है. वहीं, भारी बारिश के कारण चीन और नेपाल के साथ जुड़ने वाली भारत की सीमा से सटे 50 से ज़्यादा गांवों का संपर्क सड़क मार्ग से कट गया है. यानी ये गांव धारचूला तहसील मुख्यालय से कट चुके हैं. दूसरी तरफ, पिथौरागढ़ समेत उत्तराखंड के कई ज़िलों में 12 जुलाई तक भारी बारिश के आसार जताते हुए यलो अलर्ट जारी कर दिया गया है.

ब्रिज ढहने के बारे में धारचूला के एसडीएम एके शुक्ला ने बताया कि यह ब्रिज टनकपुर-तवाघाट नेशनल हाईवे पर कुलागर सहायक नदी पर बना था. यह इलाका भारत-चीन सीमा के नज़दीक है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्ला ने यह भी बताया कि विकल्प के तौर पर बॉर्डर सड़क संगठन ने एक ट्रेक रूट तैयार करवाया है. शुक्ला के मुताबिक टूटी हुई सड़क की दूसरी तरफ पहुंचने के लिए करीब 100 मीटर की दूरी तक माल परिवहन हो चुका है.

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भारी से बहुत भारी बारिश के अलर्ट के चलते लोगों को सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है.

समस्या और इंतज़ाम क्या हैं?

वहीं, बीआरओ ने कहा कि बॉर्डर से सटी घाटियों में वाहनों की आवाजाही हो सके, इसके लिए पांच दिनों के भीतर वैकल्पिक बैली ब्रिज बनवाया जाएगा. बता दें कि 2013 में जब एक सड़क बारिश से टूट गई थी, तब आपदा प्रबंधन विकास विभाग और बीआरओ ने सड़क को जोड़ने के लिए ब्रिज बनवाया था. स्थानीय लोगों के मुताबिक अब स्थिति यह है कि कई वाहन और लोग रास्ते में फंस चुके हैं. कुछ ग्रामीणों के हवाले से खबरें कह रही हैं कि इस दुर्घटना का कारण नागने बुगयाल में बादल फटने से कुलागड़ नदी में मलबा बहकर आना हो सकता है.

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सावधान, 12 जुलाई तक होगी भारी बारिश

मौसम विज्ञान के जानकारों ने चेतावनी दी है कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के साथ ही पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल आदि ज़िलों में आगामी शनिवार से सोमवार तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. इस लिहाज़ से मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी करते हुए भूस्खलन जैसे खतरों को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है. नदियों, नालों के किनारों के लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने को भी कहा गया है.

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Uttarakhand: चीन बार्डर पर बसे गांवों में कोरोना का कहर, सांसों के लिए करना पड़ा 61 घंटे का सफर https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a1%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%ac%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%b5%e0%a5%8b%e0%a4%82/ https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a1%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%ac%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%b5%e0%a5%8b%e0%a4%82/#respond Tue, 01 Jun 2021 11:23:47 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2049

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उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में बढ़ा कोरोना का खतरा.

उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में बढ़ा कोरोना का खतरा.

Coronavirus in Uttarakhand: चीन बॉर्डर पर बसे गांवों में कोरोना (COVID-19) अब मुसीबत बढ़ा रहा है. इन इलाकों में न सड़क है न अस्पताल. घंटों सफर तय कर मरीजों को कोविड केयर सेंटर पहुंचाया जा रहा है.

पिथौरागढ़. कोरोना (COVID-19) का कहर बॉर्डर के अंतिम गांवों तक भी पहुंच गया है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के ये गांव चीन और नेपाल बॉर्डर पर बसे हैं. यहां न तो स्वास्थ्य सुविधाएं हैं, न सड़क और न ही कम्युनिकेशन का कोई साधन. चीन बॉर्डर (Indo-China Border) पर बसे पातो गांव के नरेंद्र सिंह ढकरियाल को तीन-चार दिनों से तेज बुखार था. जब हालत गंभीर होने लगी तो गांव वालों ने प्रशासन से हेलीकॉप्टर की मदद मांगी. लेकिन मौसम खराब होने की वजह से हेलीकॉप्टर का इंतजाम नहीं हो पाया. 32 साल के नरेंद्र सिंह को तब प्रशासन और गांव के 16 लोगों ने 54 किलोमीटर दूर कोविड केयर सेंटर पहुंचाया.

इसमें 61 घंटे का वक्त लगा क्योंकि बॉर्डर का यह गांव सड़क से नहीं जुड़ा है. मरीज को डोली में रखकर उबड़-खाबड़ रास्तों में 42 किलोमीटर पैदल चलकर पहले सड़क तक पहुंचाया गया. यहां से 12 किलोमीटर का सफर एंबुलेंस में तय किया. इस तरह 61 घंटे में बॉर्डर के गांव से मरीज मुनस्यारी के कोविड केयर सेंटर तक पहुंचाया जा सका. यह सिर्फ एक गांव का हाल नहीं है. पिथौरागढ़ जिले में ही करीब 23 गांव ऐसे हैं जो सड़क से नहीं जुड़े हैं. इन गांवों की कुल आबादी करीब 20 हजार है. इन गांवों की सड़क से दूरी 5 किलोमीटर से लेकर 42 किलोमीटर तक है.

कोरोना ने बढ़ाई परेशानी

इन दूर दराज के गांवों में जब भी कोई बीमार होता है तो मरीज को डोली में बैठाकर ही लोग सड़क तक उठाकर लाते हैं. ये गांव अति दुर्गम इलाके में हैं. चीन बॉर्डर पर बसे गांव पातो, धापा, मिलम सहित कई गांवों से जब यह जानकारी आई कि कई लोगों को सर्दी जुकाम और बुखार है तब स्वास्थ्य विभाग की टीम इन गांवों में भेजी गई. 40 किलोमीटर पैदल चलकर स्वास्थ्य विभाग की टीम इन गांवों में पहुंची और कोविड टेस्ट के लिए लोगों के सैंपल लिए. इनमें एक दर्जन से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. वैसे तो पूरे राज्य में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं , लेकिन दूर दराज के इलाकों में संक्रमण फैलना बड़ी मुसीबत इसलिए हो सकता है क्योंकि यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. यहांं टेस्ट करने के लिए कई दिन पैदल चलकर टीम भेजी जाती है और गंभीर मरीज को हॉस्पिटल पहुंचाने में ही काफी वक्त लग जाता है. सीएमओ हरीश पंत का कहना है कि बॉर्डर के गांवों में संक्रमण न फैले इसके लिए एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं. बावजूद इसके बॉर्डर के गांवों में कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं.





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PHOTOS: चमोली आपदा से प्रभावित भारत-चीन बॉर्डर से सटे अंतिम गांव में ITBP ने बांटा राशन https://indiatimes24x7.com/photos-%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a4-%e0%a4%ad/ https://indiatimes24x7.com/photos-%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a4-%e0%a4%ad/#respond Wed, 10 Feb 2021 23:02:00 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=374

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चमोली आपदा की वजह से भारत-चीन सीमा से सटे गांवों का बाकी के राज्य से संपर्क कट गया है. ऐसे में इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस यानी आईटीबीपी ने बॉर्डर के आखिरी गांव में प्रभावित लोगों के बीच राशन और खाने-पीने की चीजों का वितरण किया (फोटो: ANI)



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