Bhagirathi Water Treatment Plant – India Times https://indiatimes24x7.com National News Portal Sun, 14 Feb 2021 11:52:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://indiatimes24x7.com/wp-content/uploads/2021/12/cropped-india-times-24x7-1-32x32.png Bhagirathi Water Treatment Plant – India Times https://indiatimes24x7.com 32 32 उत्तराखंड त्रासदी का दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट पर पड़ा असर, मलबा और गाद का लेवल बढ़़ा!– News18 Hindi https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2/#respond Sun, 14 Feb 2021 11:52:00 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=445

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नई दिल्ली. उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) जिले में आई आपदा का असर अब दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर भी पड़ने लगा है. ऊपरी गंगा नहर से दिल्ली आने वाले कच्चे पानी में बड़ी मात्रा में गंदगी का लेवल (8000NTU) बढ़ गया है. इसकी वजह से दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) के सोनिया विहार (Sonia Vihar) और भागीरथी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (Bhagirathi Water Treatment Plant) वर्तमान में कम क्षमता में वाटर ट्रीट करने का काम कर रहे हैं. इसकी वजह से दिल्ली के तमाम इलाकों में पीने के पानी की आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना जताई गई है.

इसका सबसे ज्यादा असर दक्षिणी, पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के इलाकों पर पड़ने वाला है. दिल्ली जल बोर्ड ने नागरिकों से अपील की है कि वह पानी का सदुपयोग करें और जरूरत के हिसाब से ही उसका उपयोग करें. जल बोर्ड ने पानी की कमी को पूरी करने के लिए पर्याप्त संख्या में वाटर टैंकर भी अलग-अलग इलाकों में लगाए हैं जिससे कि प्रभावित इलाकों में पानी की आपूर्ति लोगों को पर्याप्त मात्रा में की जा सके.

साथ ही जल बोर्ड ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों में अचानक बड़ी गंदगी को कम करने का भी हरसंभव प्रयास करने का बात भी कही है. दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने ट्वीट के जरिए बताया है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में उत्तराखंड त्रासदी (Uttarakhand Disaster) के बाद अचानक  गंदगी का लेवल बहुत बढ़ गया है. इसकी वजह से ट्रीटमेंट प्लांटों की कच्चे पानी को ट्रीट करने की क्षमता कम हो गई है. लेकिन इस को जल्द से जल्द उसी क्षमता पर लाने का प्रयास भी अधिकारी की ओर से लगातार किया जा रहा है.

उन्होंने यह भी कहा कि Turbidity एक तरल की सापेक्ष स्पष्टता का माप है. टर्बिडिटी को नेफेलोमेट्रिक टर्बिडिटी यूनिट्स (NTU) में मापा जाता है. High turbidity को मलबे, गाद, कीचड़, शैवाल (algae), पौधों के टुकड़े, पिघलने वाले ग्लेशियर (melting glaciers) , चूरा, लकड़ी की राख या पानी में रसायनों के कारक के रूप में देखा जा सकता है. इससे बड़े लेवल पर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटों को वाटर ट्रीट करने में समस्या पैदा होती है. इस सब से निपटने के लिए जल बोर्ड पूरी तरीके से मुस्तैद है.



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