Assistant Commandant Dr. Jyoti – India Times https://indiatimes24x7.com National News Portal Sun, 14 Feb 2021 10:45:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://indiatimes24x7.com/wp-content/uploads/2021/12/cropped-india-times-24x7-1-32x32.png Assistant Commandant Dr. Jyoti – India Times https://indiatimes24x7.com 32 32 Chamoli Disaster: वो देवदूत जिन्होंने अपनी तत्परता से आपदा की भयावहता को कम कर दिया– News18 Hindi https://indiatimes24x7.com/chamoli-disaster-%e0%a4%b5%e0%a5%8b-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b5%e0%a4%a6%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%b9%e0%a5%8b%e0%a4%82%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%aa/ https://indiatimes24x7.com/chamoli-disaster-%e0%a4%b5%e0%a5%8b-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b5%e0%a4%a6%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%b9%e0%a5%8b%e0%a4%82%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%aa/#respond Sun, 14 Feb 2021 10:45:00 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=447

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चमोली. चमोली आपदा (Chamoli Disaster) में राहत एवं बचाव कार्य अभी भी जारी है. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना और लोकल पुलिस सब अपनी-अपनी तरह से अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं. इस आपदा में बहुतेरे लोग देवदूत की तरह उतरे हुए हैं. ऑपरेशन साइट पर इनकी कर्मठता और हौसलों को देखकर लगता है कि ये नहीं होते तो शायद आपदा की भयावहता और विकराल हो जाती. ऐसा ही एक नाम है आईटीबीपी में बतौर डॉक्टर कार्यरत असिटेंट कमांडेंट डॉक्टर ज्योति (Assistant Commandant Dr. Jyoti ) का. ज्योति तपोवन साइट (Tapovan Site) से 7 फरवरी की रात को टनल से रेसक्यू किये गए 12 मजदूरों के लिए देवदूत साबित हुई.

हरियाणा के हिसार निवासी आईटीबीपी में असिटेंट कमांडेंट डॉक्टर ज्योति आईटीबीपी के जोशीमठ  हॉस्पिटल में कार्यरत हैं. ज्योति आठ महीने की प्रैग्नेंट हैं. प्रैग्नेंसी नजदीक होने के कारण ज्योति लीव पर जाने के लिए अपना बैग पैक कर रही थी. तभी सात फरवरी को अचानक सूचना आई कि ऋषिगंगा में बाढ़ आ गयी और तपोवन में बहुत से मजदूर फंस गए हैं. आईटीबीपी को रेस्क्यू की कमान मिली सीनियर डॉक्टर प्रदीप कुमार भी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए  और ज्योति ने अपनी लीव कैंसिल कर अस्पताल में मोर्चा संभाल लिया. 12 लोग अस्पताल में लाए गए. ज्योति अपनी चिंता छोड़ पूरे मनोयोग से घायलों के उपचार में जुट गई. डॉ. ज्योति कहती हैं कि शुरुआती तीन दिन बेहद टप थे. पेशेंट को मेंटल सपोर्ट भी देना था. डॉक्टर ज्योति घायलों से इतना घुल मिल गयी कि उन्हें सात घंटे तक टनल में फंसे इन मजदूरों का एक-एक पल कैसे गुजरा पूरा याद है. प्रैग्नेंट होने के बावजूद शुरुआती तीन दिन वो सोई तक नहीं.

डॉ. ज्योति जिंदाबाद के नारे लगाना नहीं भूले

डिजास्टर की खबर सुनकर ज्योति के घर वालों की चिंता भी बढ़ने लगी थी. ज्योति को घर से भी फोन आने लगे कि वो कब आ रही है. ज्योति कहती हैं कि पहली प्राथमिकता जॉब है. जो घायल थे उनकी देखरेख पहली प्राथमिकता थी. इसीलिए बार-बार फोन आते थे तो फोन बंद कर देती थी. ज्योति अब भी लीव को लेकर कन्फ्यूज हैं कि लीव लें या नहीं. क्योंकि, अभी भी टनल में  फंसे लोगों की को लेकर स्थिति साफ नहीं. ये डॉक्टर ज्योति उनके सीनियर डॉक्टर प्रदीप कुमार के सेवाभाव का ही नतीजा था कि जब सभी 12 घायल ठीक होकर घर लौटे तो वो आईटीबीपी जिंदाबाद, डॉ. ज्योति जिंदाबाद के नारे लगाना नहीं भूले.



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