तिदांग गांव – India Times https://indiatimes24x7.com National News Portal Fri, 08 Oct 2021 01:09:03 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://indiatimes24x7.com/wp-content/uploads/2021/12/cropped-india-times-24x7-1-32x32.png तिदांग गांव – India Times https://indiatimes24x7.com 32 32 धौली नदी में समा रहा तिदांग गांव, सरकार के नक्शे से पहले ही हुआ गायब? https://indiatimes24x7.com/tidang-village-in-dhauli-river-disappeared-before-the-government-map/ https://indiatimes24x7.com/tidang-village-in-dhauli-river-disappeared-before-the-government-map/#respond Wed, 06 Oct 2021 12:38:34 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%a7%e0%a5%8c%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a4%be-%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%82/

[ad_1]

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का तिदांग गांव कभी भी इतिहास बन सकता है. यह गांव चीन सीमा के करीब बसा है. पलायन के लिए पहचाने जाने वाले इस गांव में 100 से अधिक परिवारों पर हर वक्त खतरे के बादल मंडराते रहते हैं. 12 हजार फीट की ऊंचाई पर दारमा घाटी में बसा तिदांग गांव प्रकृति के सौंदर्य से लबरेज है. नदी, ग्लेशियर, हरे-भरे पेड़ इसकी सुंदरता को चार-चांद लगाते हैं लेकिन यही प्राकृतिक खूबसूरती इस गांव की सबसे बड़ी दुश्मन बन गई है.

हालात यह हैं कि कभी जो गांव नदी और नाले से 80 फीट ऊंचा हुआ करता था, आज धौली नदी उसके बराबर जा पहुंची है. तिदांग गांव को नीचे से धौली नदी काट रही है, तो दाएं और बाएं तरफ से ग्लेशियर इसको अपनी चपेट में ले रहे हैं. गांव के पूर्व प्रधान रमेश तीतियाल बताते हैं कि उन्होंने कई बार नेताओं और अधिकारियों से गांव को बचाने की गुहार लगाई है लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला है.

तिदांग गांव की पहचान इसलिए भी है कि यहीं से निकलकर डॉक्टर जीवन सिंह तीतियाल ने नेत्र सर्जन के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई थी. डॉक्टर तीतियाल को भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था. इतनी बड़ी हस्ती से जुड़ा होने के बावजूद भी तिदांग गांव साल दर साल बदहाली की ओर बढ़ता जा रहा है. स्थानीय मामलों के जानकार शालू दताल ने बताया कि यह गांव तीन तरफ से कट रहा है. अगर यह जारी रहा तो तय है कि जल्द ही गांव का वजूद समाप्त हो जाएगा.

नदी और ग्लेशियर तिदांग गांव की 80 फीसदी जमीन निगल चुके हैं. अब सिर्फ कुछ ही घर बचे हैं, जिनमें सैकड़ों जिंदगियां साल के 6 महीने रहने आतीं हैं. आपदा प्रबंधन के नाम पर राज्य सरकार हर साल करोड़ों रुपये बहाती है लेकिन लगता है सरकार के नक्शे से तिदांग गांव पहले ही गायब हो चुका है. यह कहानी सिर्फ तिदांग गांव की नहीं है बल्कि चीन सीमा से लगे कई गांवों के हालात कुछ ऐसे ही हैं, जो कभी भी इतिहास बन सकते हैं.

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

[ad_2]

Source link

]]>
https://indiatimes24x7.com/tidang-village-in-dhauli-river-disappeared-before-the-government-map/feed/ 0
चीन बॉर्डर के करीब बसा यह गांव कभी भी इतिहास के पन्नों में हो सकता है दर्ज, जानें वजह… https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a1%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%ac-%e0%a4%ac%e0%a4%b8%e0%a4%be-%e0%a4%af%e0%a4%b9-%e0%a4%97/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a1%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%ac-%e0%a4%ac%e0%a4%b8%e0%a4%be-%e0%a4%af%e0%a4%b9-%e0%a4%97/#respond Mon, 21 Jun 2021 12:30:05 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2359

[ad_1]

नदी और ग्लेशियर तिदांग गांव की 80 फीसदी जमीन निगल चुके हैं. अब सिर्फ कुछ ही घर बचे हैं जिनमें सैकड़ों जिंदगियां साल के छह महीने रहने आतीं हैं

नदी और ग्लेशियर तिदांग गांव की 80 फीसदी जमीन निगल चुके हैं. अब सिर्फ कुछ ही घर बचे हैं जिनमें सैकड़ों जिंदगियां साल के छह महीने रहने आतीं हैं

कभी जो गांव नदी और नाले से 80 फीट ऊंचा हुआ करता था, आज धौली नदी उसके बराबर जा पहुंची है. तिदांग गांव (Tidang Village) को नीचे से धौली नदी काट रही है. तो दाएं और बाएं तरफ से ग्लेशियर इसको अपनी चपेट में ले रहा है. हर साल नदी और ग्लेशियर के साथ बह कर आने वाले भारी मलबे से गांव नदी के करीब पहुंच गया है

पिथौरागढ़. चीन सीमा (China Border) के करीब बसा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिले का तिदांग गांव (Tidang Village) कभी भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो सकता है. पलायन के लिए जाने जाने वाले इस गांव में सौ से अधिक परिवारों पर हर वक्त मौत के बादल मंडराते हैं. गांव को बचाने का वादा तो कइयों ने किया, लेकिन इनका हकीकत से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है.

बारह हजार फीट की ऊंचाई पर दारमा घाटी में बसा तिदांग गांव प्रकृति के सौंदर्य से लबरेज है. नदी, ग्लेशियर, हरे-भरे पेड़ इसकी सुंदरता को चार-चांद लगाते हैं. लेकिन यही प्राकृतिक खूबसूरती इस गांव की सबसे बड़ी दुश्मन बन गई है. हालात यह है कि कभी जो गांव नदी और नाले से 80 फीट ऊंचा हुआ करता था, आज धौली नदी उसके बराबर जा पहुंची है. तिदांग गांव को नीचे से धौली नदी काट रही है. तो दाएं और बाएं तरफ से ग्लेशियर इसको अपनी चपेट में ले रहा है. हर साल नदी और ग्लेशियर के साथ बह कर आने वाले भारी मलबे से गांव नदी के करीब पहुंच गया है. तिदांग के पूर्व प्रधान रमेश तितयाल बताते हैं कि उन्होंने कई बार नेताओं और अधिकारियों से गांव को बचाने की गुहार लगाई है. लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिलता आया है.

तिदांग के निवासी बताते हैं कि गांव को बचाने के लिए केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार भी भरोसा दिला चुके हैं. लेकिन बरसों बीत जाने के बाद भी कुछ हुआ नहीं. इस गांव की पहचान इसलिए भी है कि यहीं से निकलकर डॉ. जीवन सिंह तितयाल ने नेत्र सर्जन के रूप में राष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाई थी. डॉ. जीवन सिंह तितयाल को भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया है. इतनी बड़ी हस्ती से जुड़ा होने के बाद भी तिदांग गांव साल दर साल प्रकृति के जलजले में सिमटता जा रहा है. स्थानीय मामलों के जानकार शालू दताल कहते हैं कि तिदांग गांव तीन तरफ से कट रहा है. अगर यह जारी रहा तो तय है कि जल्द ही गांव का वजूद समाप्त हो जाएगा.

नदी और ग्लेशियर तिदांग गांव की 80 फीसदी जमीन निगल चुके हैं. अब सिर्फ कुछ ही घर बचे हैं जिनमें सैकड़ों जिंदगियां साल के छह महीने रहने आतीं हैं. आपदा प्रबंधन के नाम पर सरकारें हर वर्ष करोड़ों रूपये बहाती हैं, लेकिन लगता है सरकार के नक्शे से तिदांग गांव पहले ही गायब है. यह कहानी सिर्फ तिदांग की नहीं है, बल्कि चीन सीमा से लगे कई गांवों के हालात कुछ ऐसे ही हैं जिनके लिए बरसात मौत से कम नहीं है.





[ad_2]

Source link

]]>
https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a1%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%ac-%e0%a4%ac%e0%a4%b8%e0%a4%be-%e0%a4%af%e0%a4%b9-%e0%a4%97/feed/ 0