कुलागाड़ पुल – India Times https://indiatimes24x7.com National News Portal Tue, 20 Jul 2021 12:17:48 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://indiatimes24x7.com/wp-content/uploads/2021/12/cropped-india-times-24x7-1-32x32.png कुलागाड़ पुल – India Times https://indiatimes24x7.com 32 32 पिथौरागढ़: 12 दिन के बाद शेष दुनिया से जुड़े 60 गांव, BRO ने कुलागाड़ में बनाया बैली ब्रिज https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-12-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%b6%e0%a5%87%e0%a4%b7-%e0%a4%a6/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-12-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%b6%e0%a5%87%e0%a4%b7-%e0%a4%a6/#respond Tue, 20 Jul 2021 12:17:48 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2893

[ad_1]

पिथौरागढ़. चीन और नेपाल सीमा से सटे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिले के कुलागाड़ में बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने बैली ब्रिज बनाया है. इस ब्रिज के बनने से दारमा, ब्यास और चौदास घाटियां बाकी दुनिया से जुड़ गई है. बीते आठ जुलाई की रात भारी बारिश के चलते कुलागाड़ नाले (Kulagad Canal) पर बना आरसीसी पुल बह गया था. जिसके बाद यह इलाका पूरी तरह से कट गया था.

बीआरओ ने कुलागाड़ में 24 टन क्षमता का 170 मीटर लंबा बैली ब्रिज बनाया है. ब्रिज का सामान जुटाने के बाद कार्यदासी संस्था ने युद्धस्तर पर काम करते हुए सामरिक नजरिए अहम पुल को सिर्फ पांच दिन में बना दिया. एसडीएम धारचूला अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि ब्रिज स्थापित करना किसी चुनौती से कम नही था. लगातार हो रही बारिश के कारण काफी दिक्कतें उठानी पड़ीं. यही नही अन्य स्थानों पर पुल टूटने के कारण ब्रिज के लिए जरूरी सामान की भी कमी पड़ गई थी. कई जगहों से सामान जुटाकर ब्रिज को बनाया गया.

पुल के बनने के बाद चीन और नेपाल सीमा पर बसे करीब 60 गांव के लोगों को राहत मिली है. यही नहीं, बॉर्डर की सुरक्षा में तैनात सेना, आईटीबीपी और एसएसबी के जवानों को भी फायदा मिला है. पुल टूटने के बाद सुरक्षाबलों के लिए जरूरी सामान भी बॉर्डर पर नहीं पहुंच पा रहा था. आरसीसी पुल के बहने के बाद उत्तराखंड सरकार ने इस इलाके में फंसे लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर भेजा था. लेकिन हेलीकॉप्टर से सिर्फ बीमार लोगों को ही निकाला गया.

दो पड़ोसी देशों की सीमा से सटे इस इलाके में कुलागाड़ का पुल सबसे अहम है. इस पुल की मदद से दारमा, ब्यास और चौदास घाटियां जुड़ती हैं. चीन को जोड़ने वाले लिपुलेख दर्रे को जाने के लिए भी इसी पुल से होकर गुजरना पड़ता है. साथ ही कैलाश-मानसरोवर के दर्शन के लिए जाने वाली तीर्थ यात्रियों का सफर भी इसी पुल के जरिए होता है.

बैली ब्रिज बनने के बाद स्थानीय निवासी नरेन्द्र धामी ने बीआरओ का आभार जताया और बताया कि 12 दिन तक इस सीमावर्ती इलाके में रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतें पेश आई.

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

[ad_2]

Source link

]]>
https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-12-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%b6%e0%a5%87%e0%a4%b7-%e0%a4%a6/feed/ 0
पिथौरागढ़: चीन सीमा को जोड़ने वाले कुलागाड़ पुल बहने से दर्जनों गांव का शेष दुनिया से कटा संपर्क https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%a1/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%a1/#respond Mon, 12 Jul 2021 13:47:37 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2741

[ad_1]

पिथौरागढ़. चीन सीमा को जोड़ने वाले उत्तराखंड के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिले के कुलागाड़ पुल (Kulagad Bridge) बहने से हजारों की आबादी कैद हो गई है. हालात यह हो गये हैं कि ब्यास, दारमा और चौदांस घाटी के छह दर्जन से अधिक गांव बाकी दुनिया से पूरी तरह कट गए हैं. ऐसे में जिन लोगों को मजबूरी में आवाजाही करनी पड़ रही है उनके लिए कुलागाड़ को पार करना मौत को मात देने से कम नहीं है.

नीचे उफनती नदी और नदी के ऊपर रस्सियों के सहारे आवाजाही. जरा सी चूक होने पर इंसान सीधा मौत के मुंह में समा जाएगा. कुलागाड़ में पुल बहने के बाद हर दन लोग ऐसे ही आर-पार आने-जाने को मजबूर हैं. कुछ को रस्सियों के सहारे उनकी मंजिल तक पहुंचाया जा रहा है तो वहीं, कुछ तेज बहाव की नदी में बिजली के पोल के सहारे आर-पार आ-जा रहे हैं.

कुलागाड़ में बीआरओ ने 45 करोड़ की लागत से आरसीसी पुल बनाया था. लेकिन बीते आठ जुलाई की रात आई आसमानी आफत ने पुल को ध्वस्त कर दिया. ब्यास घाटी के निवासी अश्विन नपलच्याल कहते हैं कि लोगों को अपनी जिंदगी खतरे में डालनी पड़ रही है. यह पुल बॉर्डर की तीनों घाटियों की लाइफलाइन था. उन्होंने प्रशासन ने जल्द ही इस पुल के निर्माण की गुजारिश की है.

दरअसल कुलागाड़ के पुल के जरिए चीन और नेपाल सीमा से सटी दारमा, ब्यास और चौदांस घाटियां शेष दुनिया से जुड़ती थी. यही नहीं, बॉर्डर की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी, एसएसबी और सेना के जवानों की आवाजाही भी इस पुल से होती थी. जवानों के लिए जरूरी साजो-सामान भी कूलागाड़ के अहम पुल के जरिए बीओपी तक पहुंचता था. लेकिन पुल बह जाने से सबकुछ जहां था वहीं थम गया है. प्रशासन अब कुलागाड़ में वैली ब्रिज बनाने की योजना बना रहा है. एडीएम फिंचाराम चौहान ने बताया कि पांच से छह दिन के भीतर बैली ब्रिज का निर्माण कर दिया जाएगा.. तब तक वैकल्पिक रास्तों की तलाश की जा रही है.

बता दें कि आसमानी आफत ने इस बार सरहदी इलाकों में ज्यादा तबाही मचाई है. इन इलाकों में अन्य पुल और सड़क भी जमींदोज हुए हैं. लेकिन बॉर्डर में रहने वालों को कुलागाड़ में मची तबाही ने सबसे अधिक संकट में डाला है. ऐसे में जब तक बैली ब्रिज नहीं लगता, लोग अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर आर-पार जाने को मजबूर रहेंगे.

[ad_2]

Source link

]]>
https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%a1/feed/ 0