एनडीआरएफ – India Times https://indiatimes24x7.com National News Portal Mon, 05 Apr 2021 07:02:53 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://indiatimes24x7.com/wp-content/uploads/2021/12/cropped-india-times-24x7-1-32x32.png एनडीआरएफ – India Times https://indiatimes24x7.com 32 32 Uttarakhand News: जंगल की आग को बुझाने के लिए उत्तराखंड पहुंचे 2 हेलीकॉप्‍टर, देखें Video https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-news-%e0%a4%9c%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%97-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%9d%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2/ https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-news-%e0%a4%9c%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%97-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%9d%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2/#respond Mon, 05 Apr 2021 07:02:53 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=1321

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Uttarakhand News: हेलीकॉप्‍टर की मदद से जंगल की आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. यह आग तेजी से अन्‍य क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले रहा है.

Uttarakhand News: हेलीकॉप्‍टर की मदद से जंगल की आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. यह आग तेजी से अन्‍य क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले रहा है.

Uttarakhand News: हेलीकॉप्‍टर की मदद से जंगल की आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. यह आग तेजी से अन्‍य क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले रहा है.

देहरादून. उत्तराखंड (Uttarakhand) के जंगलों में लगी आग कम होने के बजाए विकराल रूप ही लेती जा रही है. इससे वन क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों के साथ-साथ सरकार की भी चिंता बढ़ गई है. अब जंगल की आग धीरे-धीरे आबादी क्षेत्रों में भी पहुंचने लगी है. एनडीआरएफ (NDRF) की तैनाती का भी फैसला लिया गया है. साथ ही वन विभाग के सभी अफसरों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. इसी बीच खबर है कि आग को बुझाने के लिए दो हेलीकॉप्‍टर उत्तराखंड पहुंच गए हैं. इनका इस्‍तेमाल आग बुझाने में किया जा रहा है. इसके लिए अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं. गढ़वाल में आईएफएस धर्म सिंह मीणा और कुमांऊ में आईएफएस टीआर बिजूलाल (IFS TR Bijulal) इस ऑपरेशन के नोडल अफसर होंगे.

बता दें कि उत्तराखंड में अभी  40 जगहों पर आग लगी है. चौबीस घंटों में ही 63 हेक्टेअर जंगल बर्बाद हो गए हैं. वहीं, आग बुझाने के लिए 12 हजार कर्मचारी जुटे हुए हैं. ‘फायर वॉचर्स’ को 24 घंटे निगरानी रखने को कहा गया है. पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक करके उनसे सूखी झाड़ियां साफ करवाई जा रही हैं. वहीं, महाकुंभ मेला क्षेत्र के बैरागी कैंप में रविवार को एक बार फिर आग लगने से कई झोपड़ियां राख हो गईं. पुलिस ने बताया कि हवा के कारण आग तेजी से फैल रही है. बजरी वाला बस्ती में लगी आग पर काबू पाने में दमकल की छह गाड़ियों को मशक्कत करनी पड़ी.

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जंगल आग की चपेट में आ गए थेगढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक आग ने तांडव मचाया है. राज्य सरकार अब आग बुझाने के लिए एयर फोर्स की मदद लेने जा रही है. एयर फोर्स ने राज्य सरकार की रिक्वेस्ट पर दो चौपर देने को हरी झंडी दे दी है. ये चौपर ऑन डिमांड हर समय तैनात रहेंगे. मुख्य वन संरक्षक, फॉरेस्ट फायर मान सिंह का कहना है कि हम ग्राउंड प्लान तैयार कर रहे हैं कि सबसे पहले कहां चौपर को उतारा जाए. कहां से चौपर पानी भरेंगे ताकि रिस्पॉस टाइम कम से कम हो. उत्तराखंड में ऐसा ही प्रयोग 2016 में किया जा चुका है. 2016 में साढे चार हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में जंगल आग की चपेट में आ गए थे.







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उत्तराखंड के जंगलों में 40 से ज्यादा जगहों पर दहक रही आग, अब आबादी क्षेत्र भी जद में https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-40-%e0%a4%b8/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-40-%e0%a4%b8/#respond Mon, 05 Apr 2021 05:09:40 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=1327

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 बजरी वाला बस्ती में लगी आग पर काबू पाने में दमकल की छह गाड़ियों को मशक्कत करनी पड़ी.

बजरी वाला बस्ती में लगी आग पर काबू पाने में दमकल की छह गाड़ियों को मशक्कत करनी पड़ी.

उत्तराखंड (Uttarakhand) में अभी 40 जगहों पर आग लगी है. चौबीस घंटों में ही 63 हेक्टेअर जंगल बर्बाद हो गए हैं. वहीं, आग बुझाने के लिए 12 हजार कर्मचारी जुटे हुए हैं.

देहरादून. उत्तराखंड (Uttarakhand) के जंगलों में लगी आग कम होने के बजाए विकराल रूप ही लेती जा रही है. इससे वन क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों के साथ-साथ सरकार की भी चिंता बढ़ गई है. अब जंगल की आग धीरे-धीरे आबादी क्षेत्रों में भी पहुंचने लगी है. एनडीआरएफ (NDRF) की तैनाती का भी फैसला लिया गया है. साथ ही वन विभाग के सभी अफसरों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं. सभी को अपने-अपने इलाकों (Localities) में रहने का आदेश दिया गया है.

जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड में अभी  40 जगहों पर आग लगी है. चौबीस घंटों में ही 63 हेक्टेअर जंगल बर्बाद हो गए हैं. वहीं, आग बुझाने के लिए 12 हजार कर्मचारी जुटे हुए हैं. ‘फायर वॉचर्स’ को 24 घंटे निगरानी रखने को कहा गया है. पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक करके उनसे सूखी झाड़ियां साफ करवाई जा रही हैं. वहीं, महाकुंभ मेला क्षेत्र के बैरागी कैंप में रविवार को एक बार फिर आग लगने से कई झोपड़ियां राख हो गईं. पुलिस ने बताया कि हवा के कारण आग तेजी से फैल रही है. बजरी वाला बस्ती में लगी आग पर काबू पाने में दमकल की छह गाड़ियों को मशक्कत करनी पड़ी.

जंगल आग की चपेट में आ गए थे
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि उत्तराखंड में जंगल की आग बेकाबू हो चुकी है. गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक आग ने तांडव मचाया है. राज्य सरकार अब आग बुझाने के लिए एयर फोर्स की मदद लेने जा रही है. एयर फोर्स ने राज्य सरकार की रिक्वेस्ट पर दो चौपर देने को हरी झंडी दे दी है. ये चौपर ऑन डिमांड हर समय तैनात रहेंगे. मुख्य वन संरक्षक, फॉरेस्ट फायर मान सिंह का कहना है कि हम ग्राउंड प्लान तैयार कर रहे हैं कि सबसे पहले कहां चौपर को उतारा जाए. कहां से चौपर पानी भरेंगे ताकि रिस्पॉस टाइम कम से कम हो. उत्तराखंड में ऐसा ही प्रयोग 2016 में किया जा चुका है. 2016 में साढे चार हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में जंगल आग की चपेट में आ गए थे.







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Chamoli Tragedy: आपदा के 18 दिन, अब तक 70 शव बरामद, 134 लापता लोगों के लिए सर्च ऑपरेशन जारी https://indiatimes24x7.com/chamoli-tragedy-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-18-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%85%e0%a4%ac-%e0%a4%a4%e0%a4%95-70-%e0%a4%b6%e0%a4%b5-%e0%a4%ac%e0%a4%b0%e0%a4%be/ https://indiatimes24x7.com/chamoli-tragedy-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-18-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%85%e0%a4%ac-%e0%a4%a4%e0%a4%95-70-%e0%a4%b6%e0%a4%b5-%e0%a4%ac%e0%a4%b0%e0%a4%be/#respond Wed, 24 Feb 2021 13:45:36 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=655

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चमोली आपदा में अभी 134 लोग लापता हैं.

चमोली आपदा में अभी 134 लोग लापता हैं.

Chamoli Glacier Burst Tragedy: चमोली जिले में आपदा में अब मरने वालों की संख्‍या 70 हो गई है. हालांकि 134 लापता लोगों की तलाश और बचाव के लिए अभियान अभी जारी है.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    February 24, 2021, 7:15 PM IST

चमोली. उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा (Chamoli Glacier Burst Tragedy) प्रभावित क्षेत्रों में बुधवार को 18वें दिन भी तलाश और बचाव अभियान जारी रहा. आपदा के बाद से अब तक 70 शव निकाले जा चुके हैं. इस बात की जानकारी पुलिस की ओर से जारी बुलेटिन में दी गयी है. चमोली पुलिस (Chamoli Police) की ओर से जारी मीडिया बुलेटिन में बताया गया है कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से अब तक 70 शव और 29 मानव अंग बरामद हो चुके हैं जिनमें से 40 शवों और एक मानव अंग की पहचान की जा चुकी है.

इसके अलावा जोशीमठ पुलिस थाने में मंगलवार को एक और लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है. तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना में कार्यरत ऋत्विक कंपनी ने अपने एक और कामगार के लापता होने की सूचना थाने को दी है. त्रासदी के बाद से अब तक 134 लोग लापता हैं जिनकी तलाश के लिए लगातार तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. बुलेटिन में कहा गया है कि 58 शवों, 28 मानव अंगों तथा आपदा का शिकार हुए लोगों के 110 परिजनों के डीएनए नमूने देहरादून स्थित फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में मिलान के लिए भेज दिए गए हैं.

बता दें कि चमोली में 7 फरवरी को आई आपदा में लापता लोगों की तलाश के लिए चमोली की ऋषिगंगा और धौलीगंगा घाटी के साथ ही तपोवन टनल और बैराज साइट पर पिछले 18 दिन से सर्च अभियान लगातार जारी है. अब इन सभी लापता 134 लोगों को मृत घोषित करने के लिए सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. केंद्र से मिले दिशा निर्देशों के बाद उत्तराखंड सरकार ने यह कदम उठाया है. यही नहीं, चमोली ग्लेशियर हादसे में एनटीपीसी के तपोवन में स्थित पावर प्रोजेक्ट में 140 लोग बाढ़ की चपेट में आ गए थे. एनटीपीसी ने इन सभी लोगों के परिजनों को 20-20 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है. कई परिवारों को यह मुआवजा दिया भी जा चुका है. इसके अलावा राज्य सरकार ने 4 लाख और केंद्र ने प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपए देने की घोषणा की है.






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Chamoli Disaster: वो देवदूत जिन्होंने अपनी तत्परता से आपदा की भयावहता को कम कर दिया– News18 Hindi https://indiatimes24x7.com/chamoli-disaster-%e0%a4%b5%e0%a5%8b-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b5%e0%a4%a6%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%b9%e0%a5%8b%e0%a4%82%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%aa/ https://indiatimes24x7.com/chamoli-disaster-%e0%a4%b5%e0%a5%8b-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b5%e0%a4%a6%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%b9%e0%a5%8b%e0%a4%82%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%aa/#respond Sun, 14 Feb 2021 10:45:00 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=447

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चमोली. चमोली आपदा (Chamoli Disaster) में राहत एवं बचाव कार्य अभी भी जारी है. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना और लोकल पुलिस सब अपनी-अपनी तरह से अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं. इस आपदा में बहुतेरे लोग देवदूत की तरह उतरे हुए हैं. ऑपरेशन साइट पर इनकी कर्मठता और हौसलों को देखकर लगता है कि ये नहीं होते तो शायद आपदा की भयावहता और विकराल हो जाती. ऐसा ही एक नाम है आईटीबीपी में बतौर डॉक्टर कार्यरत असिटेंट कमांडेंट डॉक्टर ज्योति (Assistant Commandant Dr. Jyoti ) का. ज्योति तपोवन साइट (Tapovan Site) से 7 फरवरी की रात को टनल से रेसक्यू किये गए 12 मजदूरों के लिए देवदूत साबित हुई.

हरियाणा के हिसार निवासी आईटीबीपी में असिटेंट कमांडेंट डॉक्टर ज्योति आईटीबीपी के जोशीमठ  हॉस्पिटल में कार्यरत हैं. ज्योति आठ महीने की प्रैग्नेंट हैं. प्रैग्नेंसी नजदीक होने के कारण ज्योति लीव पर जाने के लिए अपना बैग पैक कर रही थी. तभी सात फरवरी को अचानक सूचना आई कि ऋषिगंगा में बाढ़ आ गयी और तपोवन में बहुत से मजदूर फंस गए हैं. आईटीबीपी को रेस्क्यू की कमान मिली सीनियर डॉक्टर प्रदीप कुमार भी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए  और ज्योति ने अपनी लीव कैंसिल कर अस्पताल में मोर्चा संभाल लिया. 12 लोग अस्पताल में लाए गए. ज्योति अपनी चिंता छोड़ पूरे मनोयोग से घायलों के उपचार में जुट गई. डॉ. ज्योति कहती हैं कि शुरुआती तीन दिन बेहद टप थे. पेशेंट को मेंटल सपोर्ट भी देना था. डॉक्टर ज्योति घायलों से इतना घुल मिल गयी कि उन्हें सात घंटे तक टनल में फंसे इन मजदूरों का एक-एक पल कैसे गुजरा पूरा याद है. प्रैग्नेंट होने के बावजूद शुरुआती तीन दिन वो सोई तक नहीं.

डॉ. ज्योति जिंदाबाद के नारे लगाना नहीं भूले

डिजास्टर की खबर सुनकर ज्योति के घर वालों की चिंता भी बढ़ने लगी थी. ज्योति को घर से भी फोन आने लगे कि वो कब आ रही है. ज्योति कहती हैं कि पहली प्राथमिकता जॉब है. जो घायल थे उनकी देखरेख पहली प्राथमिकता थी. इसीलिए बार-बार फोन आते थे तो फोन बंद कर देती थी. ज्योति अब भी लीव को लेकर कन्फ्यूज हैं कि लीव लें या नहीं. क्योंकि, अभी भी टनल में  फंसे लोगों की को लेकर स्थिति साफ नहीं. ये डॉक्टर ज्योति उनके सीनियर डॉक्टर प्रदीप कुमार के सेवाभाव का ही नतीजा था कि जब सभी 12 घायल ठीक होकर घर लौटे तो वो आईटीबीपी जिंदाबाद, डॉ. ज्योति जिंदाबाद के नारे लगाना नहीं भूले.



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