उत्तराखंड बाढ़ – India Times https://indiatimes24x7.com National News Portal Mon, 25 Oct 2021 21:56:06 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://indiatimes24x7.com/wp-content/uploads/2021/12/cropped-india-times-24x7-1-32x32.png उत्तराखंड बाढ़ – India Times https://indiatimes24x7.com 32 32 Uttarakhand Disaster : बाढ़ग्रस्त रुद्रपुर के हालात से दुखी हरीश रावत ने दिया 5 दिन का अल्टीमेटम, वरना उपवास करेंगे https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-disaster-harish-rawat-saddened-by-the-situation-of-flood-hit-rudrapur/ https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-disaster-harish-rawat-saddened-by-the-situation-of-flood-hit-rudrapur/#respond Fri, 22 Oct 2021 04:52:56 +0000 https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-disaster-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a2%e0%a4%bc%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%b0%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0-%e0%a4%95/

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देहरादून. उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन से पैदा हुए हालात का जायज़ा लेने के लिए विपक्ष के नेता भी आपदा प्रभावित इलाकों में पहुंच रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत आपदाग्रस्त इलाकों के दौरे के दौरान उधमसिंह नगर और रुद्रपुर पहुंचे और वहां स्थानीय लोगों से मुलाकात करने के बाद उन्होंने हालात को लेकर अफसोस ज़ाहिर किया. यही नहीं, यहां पीड़ित लोगों की आर्थिक मदद और नागरिक सुविधाओं की बहाली को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 5 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि इसके बाद वह यहां आकर उपवास पर बैठेंगे.

उत्तराखंड में बीते रविवार से शुरू हुई आफत की बारिश के बाद से ही रावत प्रभावित क्षेत्रों के दौरे कर रहे हैं. लोगों से मिलकर स्थानीय प्रशासन को सुझाव दे रहे हैं और इस बारे में वह अपने सोशल मीडिया से लगातार अपडेट भी कर रहे हैं. गुरुवार को रावत उधमसिंह नगर और बाढ़ग्रस्त रुद्रपुर पहुंचे, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ ही राइस मिल के कर्मचारियों से बातचीत कर उनकी समस्याएं जानीं और उत्तराखंड सरकार के खाद्य मंत्री बंशीधर भगत को फोन लगाकर कर्मचारियों की समस्याओं के बारे में जानकारी व सुझाव दिए.

रावत ने जताया महामारी का अंदेशा
रावत ने आपदाग्रस्त इलाकों के दौरे के बाद शुक्रवार को प्रभावित क्षेत्रों में महामारियां फैलने की आशंका जताई. उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर आपदा से गहरा आघात पहुंचा है. स्थिति अभी सामान्य नहीं है. जहां जल भराव हुआ है, वहां डेंगू जैसी जल जनित बीमारियों आदि का प्रकोप फैलेगा क्योंकि जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार उत्तराखंड के प्रभावित इलाकों का दौरा करने के क्रम में उध​मसिंह नगर का जायज़ा ले चुके हैं और आज पौड़ी और चमोली जाएंगे. साथ ही धामी ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले ज़िलों में जाकर आपदा की जानकारी और ज़रूरी एक्शन लेने के निर्देश भी दिए हैं.

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पिथौरागढ़ में पेट्रोल-डीजल और गैस का संकट, 200 रुपये किलो बिक रहा टमाटर https://indiatimes24x7.com/petrol-diesel-and-gas-crisis-in-pithoragarh-tomato-being-sold-for-rs-200-a-kg/ https://indiatimes24x7.com/petrol-diesel-and-gas-crisis-in-pithoragarh-tomato-being-sold-for-rs-200-a-kg/#respond Fri, 22 Oct 2021 04:18:13 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%b2-%e0%a4%a1%e0%a5%80/

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पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ में पेट्रोल-डीजल की किल्लत हो गई है.

ज्यादातर पंप पर पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया है, जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पिथौरागढ़ की लाइफलाइन घाट-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन के कारण चार दिन से बंद पड़ा है, जिस वजह से शहर में रोजमर्रा की चीजों की आपूर्ति पर खासा असर देखने को मिल रहा है. जिले का अन्य दुनिया से संपर्क कट जाने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. पिथौरागढ़ में इस समय टमाटर 200 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. बारिश थमने के तीन दिन बाद भी पिथौरागढ़ को जोड़ने वालीं सभी सड़कें बंद पड़ी हैं, जिसके चलते जिले में अब जरूरी सामान की किल्लत शुरू होने लगी है. जिले के ज्यादातर पंप पर जहां पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया है, तो वहीं रसोई गैस और सब्जी जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई भी बाधित है.

पिछले चार दिनों से देश और दुनिया से कटे सीमांत जिले पिथौरागढ़ में अब जरूरी सामान की किल्लत होने लगी है. जिले के अधिकतर पंप पर पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया है, जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोग सुबह से शहर के विभिन्न पेट्रोल पंप के चक्कर काट रहे हैं.

कुछ ऐसा ही हाल रसोई गैस और सब्जी जैसी जरूरी चीजों का भी है. सड़कें बंद होने से पिथौरागढ़ के लिए मैदानी इलाकों से आने वाली गैस और सब्जी की गाड़ियां रास्ते में फंसी हुई हैं, जिससे यहां इन चीजों की भारी किल्लत होने लगी है. ऐसे में अगर सड़कें जल्द नहीं खुलीं तो हालात और भी खराब हो सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार, घाट-पिथौरागढ़ मुख्य राजमार्ग (ऑल वेदर रोड) के शुक्रवार को खुलने के आसार हैं.

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बिना दर्शन किए ऋषिकेश से वापस लौटे तीर्थयात्री, पर्यटन कारोबारियों का नुकसान https://indiatimes24x7.com/pilgrims-who-returned-from-rishikesh-without-seeing-the-loss-of-tourism-businessmen/ https://indiatimes24x7.com/pilgrims-who-returned-from-rishikesh-without-seeing-the-loss-of-tourism-businessmen/#respond Fri, 22 Oct 2021 04:17:58 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b6%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%8b%e0%a4%b7%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b5/

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कई राज्यों के श्रद्धालु आए तो थे बाबा केदार और बद्रीनाथ के दर्शन करने, लेकिन अचानक दो दिनों तक हुई लगातार बारिश ने उनकी इस धार्मिक यात्रा पर पानी फेर दिया. रेड अलर्ट जारी होने के बाद चारधाम जाने के सभी रूट बंद कर दिए गए थे, जिस कारण कई यात्रियों को ऋषिकेश में ही ठहरना पड़ा था, लेकिन वापसी की ट्रेन होने या अन्य निजी कारणों के चलते काफी संख्या में श्रद्धालु बिना दर्शन किए ही वापस लौट गए. इस वजह से टूर एंड ट्रैवल्स वालों का भी काफी नुकसान हुआ है.

टूर ऑपरेटर ललित सक्सेना बताते हैं कि अचानक से हुई बारिश के कारण चार धाम जाने वाले मार्गों को बंद कर दिया गया था. जिस वजह से दो दिनों तक यात्रा बाधित रही. कुछ श्रद्धालु ऐसे भी थे, जिनके मन में डर बैठ गया. जिस कारण कई तीर्थयात्री वापस लौट गए.

अब मौसम साफ होने के बाद चार धामों के लिए यात्रा खोल दी गई है. जिसके बाद से श्रद्धालुओं ने एक बार फिर से अपनी यात्रा शुरू कर दी है. छत्तीसगढ़ से केदारनाथ जाने के लिए पहुंचे विनोद ने कहा कि बारिश की वजह से वे आगे नहीं जा पाए थे. उन लोगों को यहीं रहना पड़ा था, लेकिन उन्हें खुशी है कि अब यात्रा खुल गई है और वे लोग बाबा केदार के दर्शन कर पाएंगे.

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पिथौरागढ़ में फंसे पर्यटकों को बचाया, सेना के हेलीकॉप्टर से चलाया गया ‘रेस्क्यू ऑपरेशन’ https://indiatimes24x7.com/rescue-operation-carried-out-by-army-helicopter-to-rescue-tourists-trapped-in-pithoragarh/ https://indiatimes24x7.com/rescue-operation-carried-out-by-army-helicopter-to-rescue-tourists-trapped-in-pithoragarh/#respond Fri, 22 Oct 2021 04:10:38 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ab%e0%a4%82%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%9f/

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100

100 से ज्यादा पर्यटक उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंस गए थे.

बॉर्डर इलाकों की सड़कें भारी मलबा आने से बंद पड़ी हैं, जिनके खुलने में अभी कुछ और समय लग सकता है.

पिथौरागढ़ (Pithoragarh Rain) में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बेमौसम अचानक हुई बर्फबारी के चलते दारमा घाटी और आदि कैलाश गए पर्यटक मार्ग बंद होने की वजह से वहीं फंस गए थे. प्रशासन ने भारतीय सेना की मदद से चिनूक हेलीकॉप्टर से सैलानियों को रेस्क्यू किया और जिला मुख्यालय पहुंचाया. भारी बर्फबारी के कारण आदि कैलाश दर्शन को गए पर्यटक गुंजी में ही फंसकर रह गए थे. जिला प्रशासन और सेना ने सभी यात्रियों को सुरक्षित निकालने का जिम्मा उठाया और गुंजी और दारमा में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित जिला मुख्यालय तक पहुंचाया.

पिथौरागढ़ में आसमानी कहर के थमने के बाद घायलों और गर्भवती महिलाओं को एयरलिफ्ट कर हल्द्वानी अस्पताल तक पहुंचाया गया. घायलों में एक महिला और एक बच्चा भी शामिल है, जिनका हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज चल रहा है. सभी पर्यटक जिला मुख्यालय पहुंचकर काफी खुश नजर आए और सभी ने प्रशासन और सेना की इस मदद की जमकर तारीफ की.

100 से ज्यादा पर्यटक पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंस गए थे. चीन बॉर्डर से लगे ये इलाके धार्मिक पर्यटन और ट्रेकिंग के लिए जाने जाते हैं. यहां से आदि कैलाश और ओम पर्वत के दिव्य दर्शन होते हैं. यहीं से होकर कैलाश मानसरोवर भी जाया जाता है. बॉर्डर इलाकों की सड़कें भारी मलबा आने से बंद पड़ी हैं, जिनके खुलने में अभी कुछ और समय लग सकता है.

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पिथौरागढ़ में बारिश का कहर थमने के बाद शुरू हुआ मुश्किलों का दौर! https://indiatimes24x7.com/trouble-started-in-pithoragarh-after-the-rain-stopped/ https://indiatimes24x7.com/trouble-started-in-pithoragarh-after-the-rain-stopped/#respond Fri, 22 Oct 2021 04:09:17 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a5%9d-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%b0/

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गांव

गांव में मलबा हटाने में जुटी जेसीबी मशीन.

भारी बारिश से पिथौरागढ़ जिले के कुल 44 मुख्य एवं ग्रामीण संपर्क मार्ग मलबा आने से बंद हो गए थे. 

पिथौरागढ़ (Pithoragarh Rain) में लगातार तीन दिन तक हुई बारिश ने जिले में भारी तबाही मचाई है. अब बारिश थम चुकी है लेकिन मुसीबतें कम नहीं हुई हैं. जिले के कुछ हिस्सों में संचार व्यवस्था अभी भी बाधित है. इंटरनेट कनेक्टिविटी की वजह से बैंकों का कामकाज प्रभावित हुआ, जिससे बैंक आए ग्राहकों को मायूस लौटना पड़ा. रोडवेज स्टेशन पर सवारी बसों का इंतजार करती रहीं. मुख्य मार्ग बंद होने से जिले में पेट्रोल-डीजल की भी किल्लत देखने को मिली. वहीं बाजार में सब्जियों के भाव भी बढ़ गए हैं.

भारी बारिश से पिथौरागढ़ जिले के कुल 44 मुख्य एवं ग्रामीण संपर्क मार्ग मलबा आने से बंद हो गए थे. युद्ध स्तर पर कार्य किए जाने के बाद कुछ मार्ग खोले जा सके हैं. जिलाधिकारी डॉक्टर आशीष चौहान ने सड़क निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बंद मार्गों को कम से कम समय में खोला जाए. जिलाधिकारी ने खुद भी मौके पर पहुंचकर मलबा हटाने के कार्यों का जायजा लिया.

बताते चलें कि भारी बारिश से गुरना, दिल्ली बैंड, मीना बाजार और घाट बैंड के पास सड़क बंद हो गई थी. गुरना में आया मलबा हटा दिया गया है.

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VIDEO : देहरादून में बादल फटने से तबाही, घरों में घुसा पानी व मलबा, पुल और सड़कें ध्वस्त https://indiatimes24x7.com/video-destruction-due-to-cloudburst-in-dehradun-water-and-debris-entered-houses/ https://indiatimes24x7.com/video-destruction-due-to-cloudburst-in-dehradun-water-and-debris-entered-houses/#respond Wed, 25 Aug 2021 06:31:51 +0000 https://indiatimes24x7.com/video-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a5%82%e0%a4%a8-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%b2-%e0%a4%ab%e0%a4%9f%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b8/

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देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी में देर रात हुई तूफानी बारिश से कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई. कई फंसे हुए लोगों को SDRF ने रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. वास्तव में मंगलवार को दिन भर देहरादून में बादल बरसते रहे लेकिन रात को आईटी पार्क से एसडीआरएफ को फोन आया कि तेज बारिश से नदी में बढ़ा पानी घरों में घुसने लगा था. जिस पर एसडीआरएफ से तुरंत कार्रवाई करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. स्वास्थ्य प्राधिकरण बिल्डिंग में भी पानी घुसने से एसजीआरएस की टीम ने 12 से 15 लोगों को सुरक्षित निकाला और उनको उनके घरों तक छोड़ा.

देहरादून में मंगलवार देर रात और बुधवार की अलसुबह तक हुई तेज़ बारिश से पथरिया पुल धंस गया. बाढ़ जैसे हालात के चलते प्रशासन ने आवाजाही पर लगाई रोक लगा दी है. नदी के तेज़ बहाव से पुल में कई जगह दरारें आई हैं. इसके अलावा, बादल फटने जैसी भारी बारिश से कई जगह नुकसान की खबरें हैं. देहरादून में भारी बारिश से कहां किस तरह के नुकसान और हालात की खबर है, विस्तार से जानिए.

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कहां हैं कैसे हालात?
विजय कॉलोनी में पथरिया पीर इलाके में बारिश से नुकसान की खबरें हैं. संतला देवी मंदिर के पास खाबड़वाला में भी भारी नुकसान होने की खबरें और तस्वीरें आ रही हैं. कई घरों में पानी और मलबा घुसने और कुछ इलाकों में सड़कों के टूटने के समाचारों से लोग दहशत में हैं. दून में मयूरी चौक, अम्बेडकर नगर, साभावाला, द्रोण पूरी के इलाकों में घरों में पानी घुसने की खबरें मिल रही हैं और इन इलाकों के लोग खासे परेशान हैं. नगर निगम, SDRF और पुलिस की टीमें रेस्क्यू कर रही हैं और फिलहाल शहर में हल्की बूंदाबादी का दौर बना हुआ है.

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7 ज़िलों में आज अलर्ट
उत्तराखंड के 7 ज़िलों में तेज़ बारिश का ऑरेंज अलर्ट बुधवार को जारी किया गया है. मौसम विज्ञान केंद्र ने इन सभी ज़िलों को हिदायतें भेजी हैं और राहत व बचाव टीमों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, चम्पावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़, यूएस नगर में गरज के साथ तेज़ बारिश के आसार बताए गए हैं.

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Uttarakhand: मंदाकिनी नदी में गिरी कार, मच गई चीख-पुकार; ड्राइवर की मौत https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be/ https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be/#respond Thu, 29 Jul 2021 14:55:55 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=3043

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रुद्रप्रयाग/पिथौरागढ़. उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग (Rudraprayag) के अगस्त्यमुनि गंगानगर इलाके में बड़ा हादसा हुआ. गुरुवार सुबह एक कार मंदाकिनी नदी (Mandakini River) में जा गिरी. हादसे के दौरान कार में एक व्यक्ति सवार था. हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर स्थानीय पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीम पहुंची. काफी मशक्कत के बाद भी कार सवार शख्स को बचाया न जा सका. लोगों की मदद से शव को मंदाकिनी में गिरी कार से निकाल लिया गया. बताया जा रहा है कि गंगानगर में पठालीधार-बसूकेदार को जोड़ने वाले पुल के पास कार को मोड़ने के समय ये हादसा हुआ. मंदाकिनी नदी में जलस्तर बढ़ा होने के कारण रेस्क्यू में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

मिली जानकारी के मुताबिक, अगस्त्यमुनि के गंगानगर में गुरुवार सुबह एक कार मंदाकिनी नदी में गिर गई. बताया जा रहा है कि कार मोड़ने के दौरान ये हादसा हुआ. काफी मशक्कत के बाद पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने रस्सियों की मदद से नदी में उतरी और शव को बरामद किया.

पिथौरागढ़ में बड़ा हादसा

बरसात के दिनों पहाड़ों में हर तरफ आसमानी आफत बरस रही है. लगातार हो रही भारी बारिश के कारण धारचूला में गलाती नाला भी पूरे ऊफान पर है. इस नाले में एक कच्चा पुल मौजूद था. इसी कच्चे पुल की मदद से गोपाल सिंह अपने घर लौट रहा था. लेकिन पुल ने साथ नहीं दिया और गोपाल ऊफनते नाले में समा गया. देऱ शाम भी एसडीआरएफ ने गोपाल को तलाशने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया. मगर अंधेरा काफी होने के चलते ऑफरेशन रोकना पड़ा. सुबह होने पर एसडीआऱएफ ने फिर मोर्चा संभाला. लेकिन पानी के बहाव तेज होने के कारण शव तक पहुंचना मुश्किल हो रहा था.  आखिरकार रस्सियों की मदद से एसडीआऱएफ के जवान शव तक पहुंचे. तेज बहाव के बीच  शव को निकालना भी किसी चुनौती से कम नहीं था. लेकिन पूरी तरह ट्रेंड जवानों ने शव को पानी से निकाला.

शव को पार पहुंचाने के लिए एक बार फिर एसडीआऱएफ  ने रस्सियों की मदद ली. रस्सियों में लटकाकर शव का दूसरे छोर पर पहुंचाया गया. करीब 6 घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन ने देखने वालों की धड़कनों को थाम सा दिया था. घटना के बाद नाराज ग्रामीणों ने घंटों एसडीएम धारचूला का घेराव किया. ग्रामीणों ने गोपाल के शव का अंतिम संस्कार भी नहीं किया. गलाती से क्षेत्र पंचायत सदस्य देवेन्द्र बिष्ट का कहना है कि गांव के लोग सालों से पक्का पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन शासन-प्रशासन को कोई परवाह नहीं है.

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Uttarakhand News : चमोली में फरवरी में क्यों आई थी बाढ़? GSI को पता चल गई वजह https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-news-%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ab%e0%a4%b0%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af/ https://indiatimes24x7.com/uttarakhand-news-%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ab%e0%a4%b0%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af/#respond Tue, 29 Jun 2021 06:39:52 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2495

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Uttarakhand Floods : ऋषिगंगा की सहायक नदी की घाटी में एक बहुत बड़ी बर्फीली चट्टान के टूटकर तेज़ी से गिरने की घटना हुई थी, जिसके बाद भयानक बाढ़ का कहर चमोली और रुद्रप्रयाग में टूटा, जिसमें 6 दर्जन से ज़्यादा लोग मारे गए थे.

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मानसून और बारिश से बिहार में जारी है बाढ़ की तबाही, उत्तराखंड में भी नदियां उफान पर https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%b8%e0%a5%82%e0%a4%a8-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%ae/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%b8%e0%a5%82%e0%a4%a8-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%ae/#respond Tue, 22 Jun 2021 06:47:29 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2383

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पटना/देहरादून. बिहार और उत्तराखंड में लगातार एक हफ्ते से हो रही बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. बारिश से एक तरफ जहां सामान्य जन-जीवन व्यस्त है तो वहीं उत्तराखंड समेत उत्तरी बिहार की कई नदियां उफान पर हैं. पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश से बिहार के सीमांचल क्षेत्र में गंडक, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, कोसी, महानंदा, परमान नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गंगा के जलस्तर में भी लगातार हो रही वृद्धि ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है खासकर राजधानी पटना के लोगों की.

बिहार के 11 जिलों में अच्छी बारिश

बिहार में मानसून के आगमने के साथ हुई बारिश का असर ऐसा है कि 11 जिलों में औसत 25 मिमी बारिश दर्ज की गई है. पटना में गंगा नदी का जलस्तर भी पिछले 24 घंटे में खतरे के निशान से 2.67 मीटर ऊपर पहुंच गया है तो वहीं गंगा के किनारे बसे अन्य जिलों मसलन बक्सर से भागलपुर जिले के कहलगांव तक गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. गंगा खतरे के लाल निशान से लगभग डेढ़ मीटर नीचे है. पटना से सटे हथीदह में गंगा लाल निशान से 1.66 मीटर नीचे, मुंगेर में लाल निशान से पौने तीन मीटर नीचे है तो वहीं भागलपुर में भी गंगा लगभग 2.75 मीटर नीचे है.

कई इलाकों में नदियां उफान पर

बिहार के उत्तरी इलाके की बात करें तो गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और वैशाली जिलों में गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.  सीमांचल क्षेत्र के पूर्णिया और कटिहार जिलों में महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर है तो वहीं वीरपुर और सहरसा में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से क्रमश: 43 और 9 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया. अररिया जिले के जय नगर और परमन नदी में भी कमला बालन खतरे के निशान से ऊपर हैबाढ़ के कहर के बीच पश्चिम चंपारण जिले के 13 प्रखंडों की करीब 1.5 लाख आबादी इससे बुरी तरह से प्रभावित है तो वहीं गोपालगंज के छह प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुस गया. समस्तीपुर, हाजीपुर, पुनपुन में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.

उत्तराखंड पर बाढ़ के साथ-साथ भूस्खलन का खतरा

बात अगर उत्तराखंड की करें तो उत्तराखंड के ऋषिकेश, उत्तरकाशी, चमौली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग समेत कई इलाकों में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है. उत्तराखंड के कई जिलों में पिछले 3 दिनों से लगातार बारिश हो रही है. बारिश के कारण प्रदेश से गुजरने वाली गंगा मंदाकिनी, अलकनंदा और पिंडर जैसी नदियां लगातार उफान पर हैं. पिथौरागढ़ में नदियों का जलस्तर जहां खतरे से निशान से ऊपर बह रहा है तो जोशीमठ में भी पिछले 4 दिनों से लगातार बारिश हो रही है . अलकनंदा का सबसे रौद्र रूप रुद्रप्रयाग में दिख रहा है जहां यह नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है

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उत्तराखंड : प्राकृतिक आपदा में लापता 29 मज़दूरों के परिवारों को अब मिल सकेंगे 29-29 लाख https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a5%83%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%95-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a5%83%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%95-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6/#respond Mon, 31 May 2021 07:00:15 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=2029

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उत्तराखंड में फरवरी में आई बाढ़ में लापता 29 लोग मृत घोषित किए गए.

उत्तराखंड में फरवरी में आई बाढ़ में लापता 29 लोग मृत घोषित किए गए.

Uttarakhand News : उत्तराखंड की सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के कुछ गांवों के 29 परिवार महीनों से अपने खोये हुए परिजन की किसी खबर का इंतज़ार कर रहे थे या फिर त्रासदी से जुड़ी राहत का. अब उनका इंतज़ार खत्म हुआ है.

लखीमपुर खेरी/देहरादून. करीब चार महीने पहले जब 7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली ज़िले में ग्लेशियर फटने के बाद भारी बाढ़ की आपदा आई थी, तब वहां उत्तर प्रदेश के 29 मज़दूर लापता हो गए थे. ये मज़दूर उप्र के लखीमपुर व उत्तराखंड से सटे आसपास के गावों के थे, जो तपोवन विष्णुगढ़ हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे. इन 29 मज़दूरों को अब सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया है. इस घोषणा से होगा यह कि इनके परिवारों की तलाश की अर्ज़ियां अब बंद कर दी जाएंगी और विभिन्न योजनाओं के तहत मृतकों के परिवारों को जो लाभ दिया जा रहा है, इनके परिवारों को भी मिलेगा.

खबरों के मुताबिक लखीमपुर खेरी ​ज़िले के कुल 33 और शाहजहांपुर ज़िले का 1 मज़दूर फरवरी में बाढ़ में बह गया था. इनमें से पांच के शव बाद में बरामद कर लिये गए थे लेकिन 29 का पता तबसे ही नहीं चला था. सरकारी प्रक्रिया के दौरान अब इन्हें मृत घोषित करते हुए इनकी तलाश संबंधी फाइलें बंद की गई हैं. जानिए कि कैसे इस नतीजे तक बात पहुंची और अब इनके परिवारों को कितनी रकम मिलेगी.

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लापता मज़दूरों को मृत घोषित किए जाने के बाद उनके परिवारों को मुआवज़ा मिल सकेगा.

कैसे पूरी हुई डेड घोषित करने की प्रक्रिया?

इस साल 23 फरवरी को उत्तराखंड सरकार ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा था कि बाढ़ में बहे करीब 140 लोगों का पता नहीं चला, जिन्हें ‘मृत मानकर’ घोषणा की जा सकती है. मार्च में सीमावर्ती उप्र सरकार ने इन 140 लोगों को ‘मृत’ मानने की प्रक्रिया शुरू की तो लखीमपुर के मज़दूरों के रिकॉर्ड मंगवाए गए.

इन 29 में से 13 इच्छानगर, 8 बहरामपुर और बाकी पड़ोसी गांवों के रहने वाले मज़दूर थे. इनके बारे में अखबारों में 23 अप्रैल को सरकार ने एक गजट प्रकाशित करवाते हुए कहा कि इन मज़दूरों को मृत घोषित किए जाने में किसी को कोई आपत्ति हो तो दर्ज करवाए. जब कोई आपत्ति नहीं आई, तो उत्तराखंड ने इनके मृत्यु प्रमाण जारी किए. हालांकि अभी इनके परिवारों को ये सर्टिफिकेट नहीं मिलने की खबरें हैं.

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परिवारों को कितना मुआवज़ा मिलेगा?

मृत घोषित किए जाने के बाद इन मज़दूरों के परिवारों में से प्रत्येक को कुल 29 लाख रुपये मिलेंगे. राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉर्पोरेशन यानी एनटीपीसी की ओर से प्रत्येक को 20 लाख का मुआवज़ा दिया जाएगा, जबकि उत्तराखंड आपदा राहत कोष से 4 लाख, उत्तर प्रदेश सरकार व केंद्र की ओर से 2 लाख और उत्तराखंड सरकार की लाभार्थी योजना के तहत 1 लाख रुपये की रकम दी जाएगी.





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