उत्तराखंड की खबरें – India Times https://indiatimes24x7.com National News Portal Mon, 01 Nov 2021 00:57:31 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://indiatimes24x7.com/wp-content/uploads/2021/12/cropped-india-times-24x7-1-32x32.png उत्तराखंड की खबरें – India Times https://indiatimes24x7.com 32 32 ऋषिकेश को जाम से मिलेगी निजात, चंद्रभागा पुल के नीचे बन रही अस्थायी पार्किंग https://indiatimes24x7.com/rishikesh-will-get-rid-of-jam-temporary-parking-is-being-built-under-chandrabhaga-bridge/ https://indiatimes24x7.com/rishikesh-will-get-rid-of-jam-temporary-parking-is-being-built-under-chandrabhaga-bridge/#respond Wed, 27 Oct 2021 08:41:25 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%8b%e0%a4%b7%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a4%bf/

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इस

इस पार्किंग में 200 से 300 वाहन खड़े किए जा सकते हैं.

चंद्रभागा पुल के नीचे करीब 200 से 300 वाहनों की पार्किंग तैयार की जा रही है. 

त्योहारी सीजन में ऋषिकेश बाजार में लगने वाले जाम का पुलिस और नगर निगम ने अस्थायी समाधान निकाल लिया है. चंद्रभागा पुल के नीचे करीब 200 से 300 वाहनों की पार्किंग तैयार की जा रही है. पुलिस प्रशासन के अनुसार, दीवाली (Diwali 2021) से पहले पार्किंग की व्यवस्था कर दी जाएगी, जिससे बाजार में लगने वाले जाम से काफी हद तक निजात मिलेगी. बाजार में खरीदारी के लिए आने वाले लोग इस पार्किंग में अपने वाहन पार्क कर सकेंगे. पार्किंग की जानकारी देने के लिए बाजार क्षेत्र में पुलिस व होमगार्ड के जवानों को भी तैनात किया जाएगा.

ऋषिकेश में स्थायी पार्किंग नहीं है. त्योहार के समय बड़ी संख्या में लोग खरीदारी के लिए बाजार आते हैं. इस दौरान गाड़ियों को बेतरतीब ढंग से पार्क किया जाता है, जिसकी वजह से नेशनल हाइवे और बाजार की सड़कों में भारी जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ता है. जिसको देखते हुए पुलिस और नगर निगम ने इस बार चंद्रभागा नदी वाली खाली पड़ी जगह में पार्किंग बनाने का फैसला किया है. (न्यूज 18 लोकल के लिए मयंक ध्यानी की रिपोर्ट)

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भगवान राम के भाई शत्रुघ्न ने यहां की थी तपस्या, शत्रुघ्न घाट पर होती है भव्य गंगा आरती https://indiatimes24x7.com/lord-ramas-brother-shatrughan-did-penance-here-the-grand-ganga-aarti-is-done-at-shatrughan-ghat/ https://indiatimes24x7.com/lord-ramas-brother-shatrughan-did-penance-here-the-grand-ganga-aarti-is-done-at-shatrughan-ghat/#respond Tue, 26 Oct 2021 03:19:58 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%ad%e0%a4%97%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%b6%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%81%e0%a4%98%e0%a5%8d%e0%a4%a8/

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शत्रुघ्न

शत्रुघ्न मंदिर मुनि की रेती में स्थित है.

प्राचीन शत्रुघ्न मंदिर के ठीक सामने शत्रुघ्न घाट है, जहां हर शाम मां गंगा की भव्य आरती की जाती है.

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के छोटे भाई शत्रुघ्न ने ऋषिकेश के मुनि की रेती में कई वर्षों तक तपस्या की थी. मुनि की रेती में मुख्य राजमार्ग से 100 मीटर की दूरी पर शत्रुघ्न भगवान का प्राचीन मंदिर (Shatrughan Temple Rishikesh) स्थित है, जिसे 8वीं शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य ने बनवाया था. मेन हाइवे से राम झूला की तरफ जाते हुए बीच में यह मंदिर पड़ता है. इस मंदिर में शत्रुघ्न भगवान के साथ-साथ चतुर्भुज रूप में भगवान नारायण की प्रतिमा और राम दरबार की भी पूजा-अर्चना की जाती है.

पिछली पांच पीढ़ियों से इस मंदिर की सेवा कर रहे मनोज द्विवेदी ने बताया कि पुराने जमाने में चारधाम की तरफ जाने वाले तीर्थयात्री इस मंदिर के दर्शन करने के बाद ही आगे बढ़ते थे. शत्रुघ्न ने यहां पर मौन साधना की थी, जिसके बाद से इस जगह को ‘मौन की रेती’ कहा जाने लगा, जो बाद में अपभ्रंश होकर ‘मुनि की रेती’ हो गया है.

प्राचीन शत्रुघ्न मंदिर के ठीक सामने शत्रुघ्न घाट है, जहां हर शाम मां गंगा की भव्य आरती की जाती है. गंगा आरती से पहले शिव तांडव का वाचन किया जाता है. घाट के चारों ओर की सुंदरता इसकी आरती को और भव्य बना देती है. यह घाट रामझूला और जानकी सेतु के बीच में स्थित है.
मुख्य तौर पर इस घाट पर पांच पुजारी गंगा आरती करते हैं, लेकिन कोरोना काल के बाद से तीन पुजारी ही फिलहाल आरती कर रहे हैं. श्री गंगा गौ सेवा समिति इस आरती का संचालन करती है. गंगा आरती के समय बाईं ओर रोशनी से जगमगाता राम झूला, तो वहीं दाईं ओर जानकी सेतु श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है.

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पिथौरागढ़ के जिन गांवों में अब तक सड़क नहीं, बारिश से कच्चे रास्तों का भी मिटा नामोनिशान! https://indiatimes24x7.com/in-the-villages-of-pithoragarh-where-there-is-no-road-till-now/ https://indiatimes24x7.com/in-the-villages-of-pithoragarh-where-there-is-no-road-till-now/#respond Tue, 26 Oct 2021 03:16:41 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%b5%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ae/

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पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ जिले में अभी भी कई सड़कें बंद हैं.

जिले में कनार गांव के ग्रामीण अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर लगातार जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं. 

पिथौरागढ़ (Pithoragarh Rain) में हुई भीषण तबाही के बाद अब जरुरी सामानों की दिक्कतें शुरू होने लगी हैं. जिले में कई ऐसे दुर्गम क्षेत्र हैं, जो आजादी के बाद से अभी तक सड़क मार्ग से वंचित हैं. ऐसे क्षेत्रों में पैदल मार्ग ही लोगों का मुख्य रास्ता होता है. इन्हीं कच्चे रास्तों से यहां पर घोड़े और खच्चरों की मदद से सामानों की ढुलाई की जाती है. आसमान से बरसे कहर के बाद ऐसे कई पैदल मार्गों का नामोनिशान मिट गया है, जिससे इन इलाकों में खाद्यान्न आपूर्ति का संकट गहरा गया है.

जिले में कनार गांव के ग्रामीण अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर लगातार जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं. कनार गांव पहुंचने के लिए बरम से 20 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. आजादी के बाद से ही सड़क का इंतजार कर रहे इस गांव के लोग हमेशा से ही परेशानियों में जीते आए हैं, लेकिन इस आपदा के चलते यहां हालात और खराब हो गए हैं.

वहीं भारत-चीन सीमा से लगे गांवों में भी खाद्यान्न का संकट पैदा हो गया है. चीन सीमा को जोड़ने वाला एकमात्र पैदल मार्ग बंद हो गया है. मार्ग बंद होने के साथ ही प्रवास पर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में गए लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. चीन सीमा की अंतिम चौकियों और गांव को जोड़ने वाला एकमात्र पैदल मार्ग घोड़ालोटन के पास बंद हो गया है. इससे सीमा चौकियों पर तैनात सेना, आईटीबीपी और बीआरओ के लिए खाद्य सामग्री की सप्लाई भी रुक गई है. जिलाधिकारी आशीष चौहान ने दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर से राशन भेजने की बात कही है.

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उत्तराखंड आपदा: अल्मोड़ा में बारिश के गहरे जख्म, कई घरों के बुझे चिराग https://indiatimes24x7.com/deep-wounds-of-rain-in-uttarakhand-disaster-almora-extinguished-the-lamp-of-many-houses/ https://indiatimes24x7.com/deep-wounds-of-rain-in-uttarakhand-disaster-almora-extinguished-the-lamp-of-many-houses/#respond Sun, 24 Oct 2021 05:05:01 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%85%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%be/

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उत्तराखंड (Uttarakhand Rain) में आसमानी आफत गहरे जख्म देकर गई है. इस आपदा में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए. अल्मोड़ा जिले (Almora Rain) में 6 लोगों की मौत हुई है. कई घरों के चिराग बुझ गए. मूसलाधार बारिश की वजह से अल्मोड़ा के एनटीडी हीरा डूंगरी स्थित एक मकान में मलबा घुस गया था. मलबे में दबने से एक 14 साल की लड़की की मौत हो गई. घटना के समय वह कमरे में सो रही थी. मलबा दीवार तोड़कर अंदर घुसा. दूसरे कमरे में उसकी मां सो रही थी. वक्त रहते उन्हें वहां से निकाल लिया गया था, लेकिन किशोरी को नहीं बचाया जा सका.

मिली जानकारी के अनुसार, इस हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस और SDRF की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद लड़की को बाहर निकाला और फौरन अस्पताल भिजवाया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. आसपास के कई घरों में अभी तक इस भयानक त्रासदी के निशान मौजूद हैं.

उत्तराखंड सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 4-4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है. प्रशासन के माध्यम से पीड़ित परिजनों को राहत राशि सौंप दी गई है. अल्मोड़ा में बारिश की वजह से करीब 22 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन है.

बताते चलें कि भारी बारिश के चलते अल्मोड़ा की कई सड़कों पर मलबा आ गया था. काफी हद तक सड़कों से मलबा हटा दिया गया है. अभी भी कुछ इलाकों में मलबा हटाने का काम जारी है. शहर के कई हिस्सों में सड़कें धंस गई हैं. वहां से गुजरने वाले लोगों के मन में डर बना हुआ है.

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सूखाताल 28 साल बाद अस्तित्व में लौटा, भारी बारिश से लबालब भर गई झील https://indiatimes24x7.com/sukhatal-returned-to-existence-after-28-years-the-lake-filled-with-heavy-rains/ https://indiatimes24x7.com/sukhatal-returned-to-existence-after-28-years-the-lake-filled-with-heavy-rains/#respond Sat, 23 Oct 2021 14:16:44 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%b8%e0%a5%82%e0%a4%96%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%b2-28-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%85%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b5/

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सूखाताल

सूखाताल की रौनक एक बार फिर लौट आई है.

इस आपदा ने नैनीताल की सूखाताल झील को एक बार फिर से पानी से भर दिया है, जिससे वह अपने खोए हुए अस्तित्व में वापस आ गई है.

बीते दिनों हुई भारी बारिश की वजह से नैनीताल (Nainital Rain) में कहीं मलबे का ढेर पड़ा है, तो कहीं मकान और सड़कें पूरी तरह से ढह गई हैं. वहीं इस आपदा ने नैनीताल की सूखाताल झील को एक बार फिर से पानी से भर दिया है, जिससे वह अपने खोए हुए अस्तित्व में वापस आ गई है. प्रशासन समेत नैनीताल वासियों में इसको लेकर काफी उत्साह है. तीन दिन हुई लगातार बारिश के चलते बरसों से सूखी पड़ी सूखाताल झील काफी सुंदर दिख रही है.

सूखाताल (Sukhatal Nainital) में किसी समय पर काफी मात्रा में पानी रहता था. झील का पानी खत्म होने के साथ ही यह मैदान में तब्दील हो गया. यह एक ऐसा मैदान बन गया, जो गर्मियों में तो पूरी तरह सूखा रहता लेकिन बरसात के मौसम में थोड़े-बहुत पानी से भर जाता था.

कुछ समय पहले कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) इसके सौंदर्यीकरण पर विचार कर रहा था. यह कहा जा रहा था कि इसके बीचोंबीच एक एक्टिविटी पार्क बनाया जाएगा. फिलहाल इस प्रस्ताव को वापस ले लिया गया है और अब प्राकृतिक तरीके से ही झील का सौंदर्यीकरण किया जाएगा.

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ऋषिकेश में दिखा बारिश का असर, त्रिवेणी घाट पर कई फीट मलबा https://indiatimes24x7.com/effect-of-rain-in-rishikesh-many-feet-of-debris-on-triveni-ghat/ https://indiatimes24x7.com/effect-of-rain-in-rishikesh-many-feet-of-debris-on-triveni-ghat/#respond Sat, 23 Oct 2021 13:58:36 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%8b%e0%a4%b7%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%96%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%85/

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गंगा

गंगा आरती स्थल से मलबा हटाते लोग.

बारिश ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट (Triveni Ghat) को जलमग्न कर दिया था.

उत्तराखंड (Uttarakhand Rain) में आई आफत की बारिश ने काफी तबाही मचाई. बारिश ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट (Triveni Ghat) को जलमग्न कर दिया था, लेकिन अब पानी का जलस्तर सामान्य होने के बाद एक नई समस्या पैदा हो गई है. दरअसल जब पानी का जलस्तर बढ़ा, तो त्रिवेणी घाट पूरी तरह से पानी में डूब गया था. पानी के साथ आया रेता और मलबा घाट पर ही जमा हो गया. जिसके चलते घाट पर गंदगी का अंबार लग गया.

त्रिवेणी घाट पर 4 से 5 फीट तक मलबा जमा हो गया. घाट का आरती स्थल भी मलबे से भर गया. जिसके चलते भव्य रूप से होने वाली आरती भी बाधित हुई. इस समस्या को देखते हुए अब त्रिवेणी घाट से मलबा उठाने का काम शुरू हो गया है. मलबा उठाकर वापस गंगा नदी में डाला जा रहा है. इसके साथ ही घाट में कई जगह पानी ने नुकसान भी किया है.

स्थानीय पार्षद रीना शर्मा ने कहा कि दो दिन की बारिश से घाट पर काफी मलबा आ गया. यह बड़ी हैरानी की बात है. इसे अब साफ करवाया जा रहा है.

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पिथौरागढ़: भारत-चीन सीमा सड़क काली नदी में समाई, दूरस्थ क्षेत्रों में सामान की आपूर्ति बाधित https://indiatimes24x7.com/pithoragarh-india-china-border-road-blocked-the-supply-of-goods-in-remote-areas-covered-in-kali-river/ https://indiatimes24x7.com/pithoragarh-india-china-border-road-blocked-the-supply-of-goods-in-remote-areas-covered-in-kali-river/#respond Sat, 23 Oct 2021 13:58:12 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%b8/

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भारत-चीन

भारत-चीन सीमा पर बलुवाकोट में सड़क काली नदी में बह गई.

इसी सड़क से होकर लिपुलेख और दारमा घाटी के बॉर्डर इलाकों तक आवाजाही होती है. 

पिथौरागढ़ जिले में टनकपुर-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा बलुवाकोट में काली नदी के उफान में बह चुका है, जिससे बार्डर इलाकों से लगे इलाकों का संपर्क कट चुका है. धारचूला मुख्यालय समेत बॉर्डर की 40 हजार से अधिक आबादी पूरी तरह कट चुकी है. इतना ही नहीं, नेशनल हाइवे बंद होने से चीन और नेपाल बॉर्डर के लिए भी संपर्क पूरी तरह टूट चुका है. इसी सड़क से होकर लिपुलेख और दारमा घाटी के बॉर्डर इलाकों तक आवाजाही होती है. सड़क टूटने से दूरस्थ क्षेत्रों में जरूरी सामान के साथ-साथ सेना की भी आपूर्ति भी बाधित हुई है.

चीन और नेपाल बॉर्डर से लगे पिथौरागढ़ जिले की लाइफलाइन कहा जाने वाला घाट-पिथौरागढ़ मार्ग पांच दिन बाद आवाजाही के लिए खुल गया. सामरिक नजरिए से अहम इस नेशनल हाइवे को खोलने के लिए अतिरिक्त मशीनें लगाई गई थीं. मार्ग खुलने पर फंसे हुए सैकड़ों वाहन अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच पाए. वहीं जिले के 48 आंतरिक मार्ग पांच दिन बाद भी बंद पड़े हुए हैं.

बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते दारमा घाटी को जोड़ने वाला तवाघाट-दुग्तु मोटरमार्ग जगह-जगह बंद पड़ा है. हालात यह हैं कि यहां लोग अपने जरूरी कार्यों के चलते जान जोखिम में डालकर खतरनाक रास्तों से सफर करने को मजबूर हैं. चीन सीमा से लगे क्षेत्र दारमा और व्यास घाटी को जोड़ने वाला पैदल मार्ग भी टूट चुका है, जिससे इस क्षेत्र में जरूरी सामान की आपूर्ति बाधित हो गई है.

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पिथौरागढ़ में पर्यटकों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, कारोबार पर भी आपदा का असर https://indiatimes24x7.com/the-impact-of-the-disaster-on-the-ongoing-business-of-tourists-rescue-operation-in-pithoragarh/ https://indiatimes24x7.com/the-impact-of-the-disaster-on-the-ongoing-business-of-tourists-rescue-operation-in-pithoragarh/#respond Sat, 23 Oct 2021 13:57:46 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%9f%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95/

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रेस्क्यू

रेस्क्यू किए गए पर्यटक सेना के जवानों के साथ.

अभी तक 70 से ज्यादा पर्यटकों को रेस्क्यू कर जिला मुख्यालय पहुंचाया जा चुका है.

पिथौरागढ़ (Pithoragarh Rain) में कुदरत के बरसाए कहर के बाद जिले में पर्यटन कारोबार एक बार फिर से चौपट हो गया है. कई पर्यटक अभी भी पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंसे हुए हैं. उनके रेस्क्यू के लिए अभियान जारी है. आदि कैलाश गए महाराष्ट्र के एक पर्यटक की गुंजी में मौत हो गई. पिथौरागढ़ से लगे बागेश्वर जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में सुंदरढूंगा ग्लेशियर ट्रैक पर गए 5 पर्यटकों की भी मौत हो चुकी है. एक लापता है. अभी तक 70 से ज्यादा पर्यटकों को रेस्क्यू कर जिला मुख्यालय पहुंचाया जा चुका है.

उत्तराखंड में तीन दिन की बारिश के बाद पर्यटन कारोबार काफी प्रभावित हुआ है, जिसका असर पिथौरागढ़ में भी देखने को मिला है. जिले से लगे उच्च हिमालयी क्षेत्रों का दीदार करने लोग दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं, लेकिन अचानक बदले मौसम से आदि कैलाश और ओम पर्वत गए तमाम पर्यटक भारी बर्फबारी और बारिश से मार्ग बंद होने के कारण वहीं फंसकर रह गए, जिसका असर यह हुआ कि मुनस्यारी पहुंचे तमाम पर्यटक वापस लौट चुके हैं और एडवांस हुई बुकिंग भी कैंसिल हो चुकी है.

सैलानियों के वापस लौटने से पर्यटन कारोबारियों को लाखों का नुकसान हुआ है. कोरोना के बाद आर्थिक तंगी से उबरते कारोबारियों के सामने एक बार फिर मुश्किलें आ गई हैं. उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला तो थम चुका है, लेकिन उसके नुकसान से निपटने के लिए प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती है.

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15 हजार की आबादी को निगम में शामिल होने का इंतजार, बोले- काम नहीं तो वोट भी नहीं https://indiatimes24x7.com/waiting-for-the-population-of-15-thousand-to-join-the-corporation-said-if-not-work-then-not-even-vote/ https://indiatimes24x7.com/waiting-for-the-population-of-15-thousand-to-join-the-corporation-said-if-not-work-then-not-even-vote/#respond Fri, 22 Oct 2021 04:19:07 +0000 https://indiatimes24x7.com/15-%e0%a4%b9%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%97%e0%a4%ae-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b6/

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ऋषिकेश में आईडीपीएल (IDPL) की भूमि पर करीब 50 वर्षों से कृष्णा नगर कॉलोनी बसी हुई है, लेकिन आज भी इस कॉलोनी के लोग अपनी मूलभूत जरूरतों के लिए मोहताज हैं. शायद यही वजह है कि अब कृष्णा नगर कॉलोनी के लोगों ने ‘काम नहीं तो वोट नहीं’ का नारा देते हुए आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. कॉलोनी के लोगों के हकों के लिए आवाज बुलंद कर रही जनकल्याण संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉक्टर बीएन तिवारी ने बताया कि नगर निगम में प्रस्ताव पास होने और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की घोषणा के बावजूद कृष्णा नगर क्षेत्र निगम में शामिल नहीं हो पाया है. इसके लिए वे लगातार संघर्ष कर रहे हैं.

डॉक्टर तिवारी ने कहा कि कृष्णा नगर कॉलोनी अभी तक न किसी ग्राम पंचायत का हिस्सा है और न ही नगर पंचायत का, जिस कारण यहां सभी विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं. इसके साथ ही लोगों को जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, स्थाई प्रमाण पत्र जैसे कागजात बनाने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है.

क्षेत्र में करीब 3000 परिवार और लगभग 15 हजार की आबादी रहती है, लेकिन यहां न तो चलने लायक सड़क है और न पानी की निकासी के लिए नालियां. जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिससे लगातार बीमारी का खतरा बना रहता है, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

लोगों ने अपनी समस्याओं के लिए स्थानीय विधायक प्रेमचंद्र अग्रवाल को जिम्मेदार ठहराया. उनका कहना है कि विधायक द्वारा उन लोगों के लिए कभी भी कुछ नहीं किया गया. स्थानीय लोगों ने इस बार विधानसभा चुनाव में विधायक का विरोध करते हुए ‘काम नहीं तो वोट नहीं’ की भी घोषणा की है.

वहीं दूसरी ओर अब कृष्णा नगर कॉलोनी के अस्तित्व पर भी संकट मंडराने लगा है. दरअसल आईडीपीएल ने वन विभाग से 60 साल के लिए करीब 833 एकड़ भूमि लीज पर ली थी. अब नवंबर 2021 को आईडीपीएल की लीज समाप्त होने वाली है. इसके बाद यह भूमि वापस वन विभाग के पास आ जाएगी. हालांकि इस जमीन को पर्यटन विभाग को सौंपने के लिए शासन में प्रस्ताव चल रहा है.

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पिथौरागढ़ में पेट्रोल-डीजल और गैस का संकट, 200 रुपये किलो बिक रहा टमाटर https://indiatimes24x7.com/petrol-diesel-and-gas-crisis-in-pithoragarh-tomato-being-sold-for-rs-200-a-kg/ https://indiatimes24x7.com/petrol-diesel-and-gas-crisis-in-pithoragarh-tomato-being-sold-for-rs-200-a-kg/#respond Fri, 22 Oct 2021 04:18:13 +0000 https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%b2-%e0%a4%a1%e0%a5%80/

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पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ में पेट्रोल-डीजल की किल्लत हो गई है.

ज्यादातर पंप पर पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया है, जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पिथौरागढ़ की लाइफलाइन घाट-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन के कारण चार दिन से बंद पड़ा है, जिस वजह से शहर में रोजमर्रा की चीजों की आपूर्ति पर खासा असर देखने को मिल रहा है. जिले का अन्य दुनिया से संपर्क कट जाने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. पिथौरागढ़ में इस समय टमाटर 200 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. बारिश थमने के तीन दिन बाद भी पिथौरागढ़ को जोड़ने वालीं सभी सड़कें बंद पड़ी हैं, जिसके चलते जिले में अब जरूरी सामान की किल्लत शुरू होने लगी है. जिले के ज्यादातर पंप पर जहां पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया है, तो वहीं रसोई गैस और सब्जी जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई भी बाधित है.

पिछले चार दिनों से देश और दुनिया से कटे सीमांत जिले पिथौरागढ़ में अब जरूरी सामान की किल्लत होने लगी है. जिले के अधिकतर पंप पर पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया है, जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोग सुबह से शहर के विभिन्न पेट्रोल पंप के चक्कर काट रहे हैं.

कुछ ऐसा ही हाल रसोई गैस और सब्जी जैसी जरूरी चीजों का भी है. सड़कें बंद होने से पिथौरागढ़ के लिए मैदानी इलाकों से आने वाली गैस और सब्जी की गाड़ियां रास्ते में फंसी हुई हैं, जिससे यहां इन चीजों की भारी किल्लत होने लगी है. ऐसे में अगर सड़कें जल्द नहीं खुलीं तो हालात और भी खराब हो सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार, घाट-पिथौरागढ़ मुख्य राजमार्ग (ऑल वेदर रोड) के शुक्रवार को खुलने के आसार हैं.

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