अस्पताल – India Times https://indiatimes24x7.com National News Portal Tue, 18 May 2021 04:44:55 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://indiatimes24x7.com/wp-content/uploads/2021/12/cropped-india-times-24x7-1-32x32.png अस्पताल – India Times https://indiatimes24x7.com 32 32 हल्द्वानी और ऋषिकेश में बन रहे अस्पतालों में 50 ICU बिस्तर बच्चों के लिए आरक्षित https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%b9%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%8b%e0%a4%b7%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%b9%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%8b%e0%a4%b7%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac/#respond Tue, 18 May 2021 04:44:55 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=1871

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 दोनों अस्पतालों का संचालन अगले माह तक शुरू होने की संभावना है.  (फाइल फोटो)

दोनों अस्पतालों का संचालन अगले माह तक शुरू होने की संभावना है. (फाइल फोटो)

नेगी (Negi) ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नयी व्यवस्था विकेंद्रीकृत कोविड-19 मरीज देखभाल प्रणाली लागू की जा रही है जो शहरी के साथ ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी लागू होगी.

देहरादून. हल्द्वानी और ऋषिकेश (Haldwani And Rishikesh) में बन रहे कोविड अस्पतालों (Covid Hospitals) में वेंटिलेंटर सहित 50 आईसीयू बिस्तर बच्चों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे. उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘ इन दोनों अस्पतालों में से प्रत्येक में 25-25 बिस्तर बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगे.’’ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा ऋषिकेश के आइडीपीएल कैंपस में तथा हल्द्वानी में कोविड मरीजों के लिए अस्पताल बनाए जा रहे हैं. दोनों अस्पतालों का संचालन अगले माह तक शुरू होने की संभावना है. नेगी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नयी व्यवस्था विकेंद्रीकृत कोविड-19 मरीज देखभाल प्रणाली लागू की जा रही है जो शहरी के साथ ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी लागू होगी. इसके तहत हर ब्लॉक में एक कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र और एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल जांच प्रयोगशाला का भी प्रयास किया जा रहा है जो गांव-गांव जाकर लोगों के नमूनों की जांच करेगी. 1,98,530 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं वहीं, कल खबर सामने आई थी कि उत्तराखंड में रविवार को कोविड-19 के 4496 नए मामले आए जबकि गत 24 घंटे में 188 संक्रमितों मौत दर्ज की गई. यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना वायरस (Corona virus) से संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या 2,87,286 हो चुकी है. बुलेटिन के मुताबिक, सर्वाधिक 1248 नए मामले देहरादून जिले में आए जबकि हरिद्वार में 572, टिहरी में 498, उधमसिंह नगर में 393, पौडी में 391, रूद्रप्रयाग में 356 और उत्तरकाशी में 351 और लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई. बुलेटिन के मुताबिक प्रदेश में अब तक कुल 4811 कोरोना वायरस संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं. प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 78,802 हैं जबकि 1,98,530 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं.





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Covid-19: दिल्ली-NCR में ऑक्सीजन और बेड न मिलने पर उत्तराखंड का रुख कर रहे कोरोना संक्रमित https://indiatimes24x7.com/covid-19-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%80-ncr-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%91%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%9c%e0%a4%a8-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ac%e0%a5%87/ https://indiatimes24x7.com/covid-19-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%80-ncr-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%91%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%9c%e0%a4%a8-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ac%e0%a5%87/#respond Sun, 02 May 2021 02:10:30 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=1733

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पहाड़ी राज्य में अब एक्टिव केस की संख्या 51127 हो गई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पहाड़ी राज्य में अब एक्टिव केस की संख्या 51127 हो गई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

हॉस्पिटल अथॉरिटी (Hospital Authority) ने बताया कि ऑनलाइन सर्च कर राकेश शर्मा के परिवार ने हॉस्पिटल में बात की और ऑक्सिजन बेड की उपलब्धता का पता चलने पर वह अपने मरीज को चंपावत लेकर आए.

पिथौरागढ़. मेडिकल सुविधाओं के अभाव में उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों से लोग दिल्ली और दूसरे महानगरों को जाते रहे हैं. लेकिन, कोरोना महामारी का कहर ऐसा है कि पहली बार गंगा उल्टी बहती नजर आ रही है. हालात ये हैं कि हॉस्पिटल और बेड (Hospital And Bed) की तलाश में लोग दिल्ली से उत्तराखंड के दूर-दराज के इलाकों में पहुंच रहे हैं. दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहने वाले राकेश शर्मा की पत्नी रीता शर्मा (Rita Sharma) को जब दिल्ली और उसके आस-पास तमाम कोशिशों के बावजूद किसी भी हॉस्पिटल में ऑक्सिजन बेड नहीं मिल पाया तो वह उत्तराखंड के चंपावत में एक प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचे. हालांकि, यहां पहुंचने तक रीता शर्मा की हालत इतनी बिगड़ गई कि वेंटिलेटर पर रखने के कुछ घंटे बाद उन्होंने दम तोड़ दिया. हॉस्पिटल अथॉरिटी के मुताबिक, 56 साल की रीता शर्मा को बुधवार देर रात हॉस्पिटल लाया गया. उनका ऑक्सिजन स्तर लगातार गिर रहा था. वेंटिलेटर में रखने के बाद भी उनकी हालत में कुछ सुधार नहीं हुआ और उन्होनें दम तोड़ दिया. हॉस्पिटल अथॉरिटी ने बताया कि ऑनलाइन सर्च कर राकेश शर्मा के परिवार ने हॉस्पिटल में बात की और ऑक्सिजन बेड की उपलब्धता का पता चलने पर वह मरीज को चंपावत लेकर आए. दिल्ली-एनसीआर से लगातार हॉस्पिटल में ऑक्सिजन बेड की उपलब्धता की जानकारी लेने को फोन आ रहे हैं. सामान्य स्थिति में उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चंपावत जैसे दूर के इलाकों से गंभीर मरीज को दिल्ली या देहरादून रेफर किया जाता रहा है. मेडिकल सुविधाओं की कमी को लेकर लोग सड़कों पर भी उतरते रहे हैं और पहाड़ों से पलायन की एक बड़ी वजह यह भी है. लेकिन कोरोना के कहर में दिल्ली-एनसीआर में जिस तरह हाहाकार मचा है उसमें पहाड़ों की ये मेडिकल सुविधाएं भी उम्मीद की किरण की तरह लग रही हैं. हालांकि, उत्तराखंड में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. शनिवार को उत्तराखंड में कोरोना के 5493  नए मामले आए हैं. पहाड़ी राज्य में अब एक्टिव केस की संख्या 51127 हो गई है और अब तक कोरोना से 2731 लोगों की मौत हो गई है. इससे पहले कोरोना संक्रमित यूपी के पूर्व स्पेशल डीजी होशियार सिंह बलवारिया को भी बेहतर इलाज के लिए नोएडा से  उत्तराखंड के काशीपुर लाया गया. हालांकि, इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई थी. उत्तराखंड में फिलहाल देश के उन राज्यों में है, जहां सबसे तेजी से कोरोना के मामले बढ़े हैं. जनसंख्या की तुलना में उत्तराखंड से आगे केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक हैं.





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उत्तराखंड: पिथौरागढ़ में 17 साल के बाद भी नहीं बन पाया बॉर्डर डिस्ट्रिक्ट का बेस हॉस्पिटल https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-17/ https://indiatimes24x7.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a5%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-17/#respond Sat, 24 Apr 2021 02:44:01 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=1632

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 बावजूद इसके हेल्थ सर्विस के लिए अहम ये अस्पताल अभी भी वजूद में नहीं आ पाया है.

बावजूद इसके हेल्थ सर्विस के लिए अहम ये अस्पताल अभी भी वजूद में नहीं आ पाया है.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल में ही पिथौरागढ़ में बेस हॉस्पिटल के निर्माण की आधारशिला रखी गई, मगर 17 साल में 60 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने के बाद भी आज तक नहीं हो पाई है शुरुआत.

पिथौरागढ़. कोरोना वायरस के इस दौर में हेल्थ सिस्टम (Health system) का मजबूत होना निहायती जरूरी है. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि बॉर्डर डिस्ट्रिक्ट पिथौरागढ़ में 17 साल बाद भी बेस हॉस्पिटल पूरी तरह नहीं बन पाया है. ये बात अलग है कि इसका ढांचा खड़ा करने में अब तक 60 करोड़ रुपये बहा दिए गए हैं. एनडी तिवारी सरकार में स्वीकृत बेस हॉस्पिटल राजनेताओं के लिए फुटबॉल ही साबित हुआ है. 2005 में जिला और महिला अस्पताल को मिलाकर बेस चिकित्सालय का बीजेपी ने खुलकर विरोध किया तो, 2012 में कांग्रेस की सरकार आते ही इसे चंडाक से पुनेड़ी शिफ्ट कर दिया गया. बावजूद इसके हेल्थ सर्विस के लिए अहम ये अस्पताल अभी भी वजूद में नहीं आ पाया है.

बीते 9 सालों में हॉस्पिटल का ढांचा जरूर खड़ा किया गया, लेकिन ये नियमित तौर पर कब शुरू होगा कोई नहीं जानता. सामाजिक कार्यकर्ता कुंडल चौहान का कहना है कि इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता कि एक अदद हॉस्पिटल 17 साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है. सरकार ने बेस हॉस्पिटल बनाने के लिए अब तक 60 करोड़ की धनराशि खर्च कर दी है. बावजूद इसके ये 80 फीसदी ही तैयार हो पाया है. इससे बनने से जहां 200 मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकता था, वहीं सीटी स्कैन का लाभ भी सीमांत के लोगों को आसानी से मिलता. कोरोना के दौर में आधा-अधूरा बेस हॉस्पिटल कई दफा कोविड केयर सेंटर के रूप में जरूर तब्दील हुआ, लेकिन इसका वो लाभ लोगों को नहीं मिला जिसकी दरकार दशकों से थी.

हेल्थ सिस्टम पहले ही पटरी से उतरा है
सीएमओ डा. हरीश चंद्र पंत का कहना है कि जल्द ही बेस चिकित्सालय का काम पूरा करने की कोशिश की जा रही है. कार्यदायी संस्था को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं. उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में हेल्थ सिस्टम पहले ही पटरी से उतरा है. ऐसे में कोरोना का बढ़ता संक्रमण नए संकट को न्यौता दे सकता है. बावजूद इसके हमारे हुक्मरानों को स्वास्थ्य सेवाओं की कोई सुध नहीं है. अगर सरकारें वाकई चितिंत होतीं तो 17 साल का सफर तय करने के बाद भी ये बेस हॉस्पिटल यूं नहींं पड़ा होता.





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Covid-19: कोरोना पॉजिटिव महंत नरेंद्र गिरि की तबीयत अचानक बिगड़ी, अस्पताल में कराया गया भर्ती https://indiatimes24x7.com/covid-19-%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%89%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%9f%e0%a4%bf%e0%a4%b5-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%82%e0%a4%a4-%e0%a4%a8%e0%a4%b0%e0%a5%87/ https://indiatimes24x7.com/covid-19-%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%89%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%9f%e0%a4%bf%e0%a4%b5-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%82%e0%a4%a4-%e0%a4%a8%e0%a4%b0%e0%a5%87/#respond Tue, 13 Apr 2021 08:20:23 +0000 https://indiatimes24x7.com/?p=1489

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जांच ने वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे. (फाइल फोटो)

जांच ने वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे. (फाइल फोटो)

रविवार को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) आई थी. शनिवार को उनकी कोरोनी की जांच हुई थी.

हरिद्वार. उत्तराखंड (Uttarakhand) के हरिद्वार से एक बड़ी खबर सामने आई है. कहा जा रहा है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है. उन्हें आनन- फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है. दरअसल, रविवार को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) आई थी. शनिवार को उनकी कोरोनी की जांच हुई थी.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की शनिवार को तबीयत बिगड़ गई थी. इसके बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया. नरेंद्र गिरि दो दिन से पेट की बीमारी से पीड़ित थे. डिहाइड्रेशन से अत्यधिक कमजोरी महसूस होने पर उनको आनन-फानन में भर्ती कराया गया. चिकित्सकों ने उनका कोविड सैंपल जांच के लिए भेजा था. जांच ने वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे.

नरेंद्र गिरी के पॉजिटिव आने से चिंताएं बढ़ गई हैं
वहीं, रविवार दोपहर को महंत नरेंद्र गिरि की कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप मच गया. क्योंकि इस दौरान महंत नरेंद्र गिरि कई साधु संतों के साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी मुलाकात कर चुके हैं. बीमार होने से पहले नरेंद्र गिरी की मुलाकात सीएम तीरथ सिंह रावत से भी हुई थी. निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य कैलाश आनंद गिरी, अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी महाराज सीधे-सीधे नरेंद्र गिरी के टच में थे. अस्पताल में भर्ती होने के दौरान भी दोनों संतों ने नरेंद्र जी से मुलाकात की थी. यही नहीं, मेला अधिकारी दीपक रावत, आईजी संजय गुंज्याल, एसएसपी कुंभ मेला जन्मेजय खंडूरी और अन्य अधिकारियों ने भी नरेंद्र गिरी से अस्पताल में जाकर मुलाकात की थी. मुलाकात के ठीक एक दिन बाद नरेंद्र गिरी के पॉजिटिव आने से चिंताएं बढ़ गई हैं.





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