उत्तराखंड

Salt By-Polls Results: कांग्रेस के दिग्गज हरीश रावत की साख पर खड़ा हुआ सवाल

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पूर्व सीएम हरीश रावत

पूर्व सीएम हरीश रावत

उत्तराखंड में कांग्रेस की करारी हार पार्टी के भीतर सब कुछ बुरी स्थिति में पहुंच जाने का साफ संकेत है. जहां बीजेपी के लिए सीएम तीरथ रावत के लिए ये चुनाव प्रतिष्ठा की बात रहे तो पूर्व सीएम के लिए एकदम उल्टे.

पिथौरागढ़. सल्ट विधानसभा उपचुनाव के नतीजे से जहां उत्तराखंड कांग्रेस की गुटबाज़ी फिर जगज़ाहिर हुई, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की साख पर भी बट्टा लगा. असल में इस उपचुनाव को कांग्रेस की तरफ से सीधे तौर पर हरीश रावत से जोड़कर समझा जा रहा था क्योंकि रावत की कोशिशों से ही गंगा पंचौली को टिकट मिला था. लेकिन नतीजों के बाद कांग्रेस के हाथ केवल निराशा ही लगी. सल्ट विधानसभा उपचुनाव में टिकट बंटवारे के समय से ही कांग्रेस की गुटबाज़ी सामने आई थी. पूर्व सीएम हरीश रावत जहां गंगा पंचौली को टिकट दिए जाने के पक्ष में थे, वहीं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और एक दौर में हरीश रावत के दाएं हाथ कहे जाने वाले रंजीत रावत अपने बेटे और ब्लॉक प्रमुख विक्रम रावत के लिए टिकट मांग रहे थे. आखिरकार रावत की बात चली लेकिन वह गंगा की चुनावी वैतरणी पार लगाने में कामयाब नहीं हुए. ये भी पढ़ें : मरीज़ को ऑक्सीजन के साथ घसीटने के वायरल वीडियो पर स्वास्थ्य मंत्री की लीपापोती नहीं चला रावत का ‘इमोशनल अत्याचार’कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हरीश रावत ने सल्ट विधानसभा के चुनाव में सिर्फ अंतिम दिन प्रचार किया, लेकिन सोशल मीडिया के ज़रिये वह लगातार गंगा के पक्ष में लोगों से वोट मांगते रहे. कभी वीडियो के ज़रिये वह लोगों को इमोशनल करते नज़र आए तो कभी इस चुनाव को उन्होंने खुद के जीवन से जोड़ डाला. प्रचार के दौरान एक ट्वीट में रावत ने लिखा था : ‘अगर सल्ट की जनता गंगा को चुनाव में जीत नही दिलाती है तो ये उनके लिए जीते-जी मरने जैसा होगा.’ यही नहीं एक बेहद इमोशनल वीडियो भी उन्होंने जारी किया था.

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सल्ट उपचुनाव के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में खेमेबाज़ी साफ ज़ाहिर हो गई है.

नाराज़ खेमे ने की भितरघात? कांग्रेस के कद्दावर नेता की सारी कोशिशों पर माना जा रहा है कि उनके ही पूर्व सहयोगी रंजीत रावत की वजह से पानी फिर गया. अपने बेटे को टिकट नहीं दिए जाने से नाराज़ रंजीत एक दिन भी कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार में नहीं पहुंचे. ये भी पढ़ें : बहन तड़पती रही, भाई चीखता रहा, ऑक्सीजन नहीं.. अस्पताल के दरवाज़े पर मौत मिली उल्टे, रंजीत ने कांग्रेस का माहौल बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी. चुनाव के दौरान उन्होंने जहां कफल्टा कांड का ज़िक्र कर दलित वोटों को कांग्रेस से दूर करने की कोशिश की, वहीं एक बयान में हरीश रावत पर भी करारा हमला किया. रंजीत ने आरोप लगाए थे कि हरीश रावत ने अपनी सरकार बचाने के लिए बंदर और सुअरों तक की बलि तक चढ़ाई. साथ ही, उन्हें डरपोक और अंधविश्वासी भी बताया था. अब आलम यह है कि कांग्रेस उम्मीदवार गंगा पंचौली की 4 हजार 7 सौ वोटों से हार उत्तराखंड कांग्रेस के लिए तो झटका है ही, हरीश रावत के लिए भी इसे पचाना आसान नहीं होगा.





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