RTO में ड्राइविंग टेस्ट दिए बिना, आसानी से बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस, जानें क्या है तरीका
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इन मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर से कैंडिडेट हाई-क्वॉलिटी ड्राइविंग कोर्स की सुविधा ले सकते हैं. ये ट्रेनिंग कोर्स सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद कैंडिडेट को नए ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देने की जरुरत नहीं पड़ेगी.
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टेस्टिंग ट्रैक्स – रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्ट्री ने कहा कि इन ट्रेनिंग सेंटर्स में सिम्युलेटर्स और डेडिकेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक होंगे, जहां से कैंडिडेट हाई क्वालिटी ट्रेनिंग की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. ये ट्रेनिंग सेंटर्स इंडस्ट्री-स्पेसिफिक स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग की सुविधा भी उपलब्ध करा सकते हैं. रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्ट्री के जारी किये ये नए नियम 1 जुलाई ने लागू होंगे. रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्ट्री ने कहा कि भारत के रोडवेज सेक्टर में स्किल्ड ड्राइवर की कमी देखने को मिलती है, जिसकी वजह से आये दिन ज्यादा दुर्घटनाएं देखने को मिलती हैं.
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ट्रेनिंग सेंटर की मान्यता 5 साल – रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्ट्री ने कहा कि रजिस्टर्ड ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर को 5 साल की मान्यता दी जाएगी, जिसके बाद वो इसे रिन्यू करा सकते हैं. रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्ट्री ने नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसके अनुसार लाइट मोटर व्हीकल ड्राइविंग कोर्स की समय सीमा 4 हफ़्तों में 29 घंटों की होगी और मीडियम एंड हेवी मोटर व्हीकल ड्राइविंग कोर्स की समय सीमा 6 हफ़्तों में 38 घंटों की होगी. इन दोनों ही ट्रेनिंग कोर्स में कैंडिडेट को थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों कराएं जायेंगे.
Published by:Kanhaiya Pachauri
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