यमुना के जल से भरा रहता है ऋषि कुंड, रावण वध के बाद राम ने यहां की थी तपस्या
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कुंज ऋषि ने त्रेता युग में यहां कठोर साधना की थी, जिसके बाद यमुना नदी के आशीर्वाद से यह कुंड यमुना नदी के जल से भर गया.
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