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सांसदों को मोदी की नसीहत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मानसून सत्र के दौरान भाजपा और एनडीए के घटक दलों के सांसदों से मुलाकात की। ध्यान रहे एनडीए में भाजपा के अलावा घटक दलों के सांसदों की संख्या गिनी चुनी है। एकनाथ शिंदे की पार्टी के अलावा बाकी सहयोगी पार्टियों के पास एक-एक, दो-दो सांसद हैं। सो, बुनियादी रूप से यह बैठक भाजपा के सांसदों की ही थी। इसमें बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने सांसदों को अपने चुनाव क्षेत्र में काम करने और चुनाव लडऩे को लेकर नसीहत दी। लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा कि सांसदों को सिर्फ चुनाव लडऩे के लिए ही राजनीति नहीं करनी चाहिए। जानकार सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने इशारों इशारों में सांसद को समझा दिया कि अगले चुनाव में उनकी टिकट कट सकती है।

हिंदी पट्टी के राज्यों खास कर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, झारखंड आदि के सांसदों को उस बैठक से ऐसे संकेत मिले हैं कि उनकी टिकट पक्की नहीं है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने उन्हें पार्टी के लिए काम करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि चुनाव लडऩा ही सब कुछ नहीं है। यह भी बताया जा रहा है कि उन्होंने सांसदों से कहा कि टिकट नहीं मिलती है तो उनको निराश होने की जरूरत नहीं है। वे पार्टी और संगठन की मजबूती के लिए काम करें।

भाजपा के जानकार सूत्रों का कहना है कि हर राज्य में लोकसभा चुनाव को लेकर कई दौर के सर्वेक्षण हो चुके हैं और चुनाव जीतने की क्षमता के आधार पर उम्मीदवारों की पहचान की काम हो रहा है। उम्र और जीतने की क्षमता के पैमाने पर कई सांसदों की टिकट कटने की संभावना है। जिन सांसदों की टिकट कटेगी उनमें से बहुत कम ऐसे हैं, जिन्हें संगठन के काम ही जिम्मेदारी मिलेगी। बाकी सांसद पूर्व का टैग लगा कर राजनीतिक बियाबान में भटकते रहेंगे।

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