उत्तराखंड

Kumbh News: कोरोना प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां, थर्मल स्‍क्रीनिंग दिखी नदारद, भक्‍तों का मास्‍क से भी परहेज, 102 पॉजिटिव

[ad_1]

हरिद्वार महाकुंभ में नहीं दिख रहा कोरोना का खौफ.

हरिद्वार महाकुंभ में नहीं दिख रहा कोरोना का खौफ.

हरिद्वार महाकुंभ (Haridwar Mahakumbh 2021) में सोमवार को सोमवती अमावस्या पर करीब 31 श्रद्धालुओं ने शाही स्नान किया. इस दौरान कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ती दिखाई दीं.

हरिद्वार. बेशक उत्तराखंड समेत देशभर में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार का खौफ दिख रहा हो, लेकिन हरिद्वार महाकुंभ (Haridwar Mahakumbh) में इसका असर न के बराबर दिख रहा है. दरअसल, मास्‍क, सोशल डिस्टेंस और कोरोना के नियम भूलकर लाखों की संख्या में भक्‍त कुंभ में पहुंच रहे हैं. यही नहीं, इस दौरान उत्तराखंड सरकार को भी थर्मल स्‍क्रीनिंग और मास्‍क के नियम के पालन के लिए कड़ी मशक्‍कत करनी पड़ रही है. जबकि इस प्‍वाइंट पर मेला प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है. हालांकि सीएम तीरथ सिंह रावत ने दावा किया है कि शाही स्नान के दौरान राज्य सरकार ने केंद्र की ओर से जारी की गई कोराना गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन किया है.

कुंभ मेला पुलिस नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, सोमवार हुए दूसरे शाही स्‍नान में 31 लाख से ज्‍यादा भक्तों ने भाग लिया था. स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के मुताबिक, इस दौरान रविवार रात 11:30 बजे से सोमवार शाम पांच बजे तक 18169 श्रद्धालुओं की कोरोना टेस्‍ट किया गया, जिसमें से 102 पॉजिटिव पाए गए हैं.
इसके अलावा कई जगह मेला प्रशासन की थर्मल स्‍क्रीनिंग की व्‍यवस्‍था नदारद दिखी. जबकि सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के बावजूद श्रद्धालु मास्‍क नहीं पहन रहे हैं. यही नहीं,यूपी के आगरा से आने वाले एक श्रद्धालु के मुताबिक, यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर बने चेक प्‍वाइंट पर जरूरी उनकी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट देखने के अलावा थर्मल स्‍क्रीनिंग की गई, लेकिन मेला एरिया में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है.

उत्तराखंड के डीजीपी ने कही ये बात उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने महाकुंभ के दूसरे शाही स्नान पर कहा,’हमारा पूरा प्रयास है कि जहां तक संभव है कोरोना की गाइडलाइन का पालन कराया जा सके. सुरक्षा की दृष्टि से भी उत्तराखंड पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती है. कोविड की वजह से जितने लोगों के आने की संभावना थी उसके 50 फीसदी लोग आए हैं.

13 अखाड़े गंगा में उतरे
शाही स्नान पर के दिन 13 अखाड़े गंगा (Ganges) में स्नान करने उतरे. इस दौरान मेला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम किए थे. इन अखाड़ों में 7 संन्यासी अखाड़े, 3 बैरागी अखाड़े और 3 वैष्णव अखाड़े शामिल हैं. इन सभी ने स्नान हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर किया. निरंजनी अखाड़े के संतों ने सबसे पहले शाही स्नान किया. जबकि श्री निर्मल अखाड़ा के संतों को सबसे आखिर में मौका मिला. अखाड़ाां के स्नान करने के बाद ही अन्य श्रद्धालुओं के लिए ब्रम्हकुंड स्नान के लिए खोले गए.

मरकज से कुंभ की तुलना पर सीएम भड़के
कुंभ में सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सोमवती अमावस्या पर शाही स्नान किया. शाही स्नान के दौरान घाटों पर उमड़ी भीड़ के फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हुए. लोगों ने इसकी तुलना 2020 में दिल्ली स्थित निजामुद्दीन दरगाह में हुए मरकज से करते हुए आलोचनाएं भी की. लेकिन इसका जवाब उत्तराखंड के सीएम तीरथ‌ सिंह रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सहजता से दिया और कहा कि कुंभ की तुलना मरकज से नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि मरकज एक हॉल के अंदर था. उसी हॉल में लोग सोते भी थे. वहीं कुंभ में 16 घाट हैं. केवल हरिद्वार ही नहीं कुंभ ऋषिकेश से लेकर नीलकंठ तक फैला है. लोग एक सही जगह पर स्नान कर रहे हैं और इसके लिए भी समय सीमा है. इसकी तुलना मरकज से कैसे की जा सकती है.

ये भी पढ़ें- Mahakumbh 2021: वाराणसी में 6 साल पहले साधु-संतों पर हुए लाठीचार्ज के लिए अखिलेश यादव ने मांगी माफी, जानें पूरा मामला

इसके अलावा सीएम ने सोमवार को कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सोमवती अमावस्या पर हुआ शाही स्नान पूरी तरह से सफल रहा है और इसमें संत समाज का पूर्ण सहयाग रहा. साथ ही उनहोंने कहा कि साधु संत जिस तरह की सुविधाएं चाहते थे वे सभी मुहैया करवाई गई हैं. सीएम रावत ने इस दौरान अधिकारियों और मीडिया का भी आभार जताया.





[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *