दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलेंगे हरीश रावत, क्या पंजाब प्रभार छोड़ेंगे! हां, तो क्यों?
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देहरादून. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पार्टी में अपना ‘वर्कलोड’ कम करना चाह रहे हैं, वह भी तब जबकि कांग्रेस की पंजाब इकाई में समस्याएं उभरकर आ रही हैं. कांग्रेस के महासचिव के तौर पर रावत के पास पंजाब प्रभारी का दायित्व है, लेकिन रावत इस दायित्व को और संभालने के इच्छुक नहीं दिख रहे हैं. इसके दो कारणों का खुलासा खुद रावत ने ही कर दिया है. वहीं, पंजाब कांग्रेस के संबंध में बातचीत करने के लिए गुरुवार शाम को रावत दिल्ली रवाना होने वाले हैं और शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ उनकी एक बैठक होगी. इस बैठक के बाद किसी बड़े ऐलान या फैसले की सुगबुगाहट है.
उत्तराखंड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा है कि कोविड संक्रमित होने के बाद से ही वो आराम करना चाहते थे, लेकिन पंजाब की ज़िम्मेदारी उन्हें पार्टी से मिली. एक समाचार पत्र के साथ बातचीत में रावत ने कहा कि उन्होंने पार्टी द्वारा दी गई असम की ज़िम्मेदारी को भी बखूबी निभाया था, लेकिन कोविड के बाद से वह स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे हैं और अब आराम करना चाहते हैं. इस संबंध में वह जल्द ही पार्टी हाईकमान से बात करेंगे.
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से शुक्रवार को हरीश रावत मुलाकात करेंगे.
स्वास्थ्य के अलावा दूसरी वजह बताते हुए रावत ने कहा कि वह उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र अपने राज्य में पार्टी को मज़बूत करने की तरफ ध्यान दे सकें इसलिए भी पंजाब प्रभारी की ज़िम्मेदारी छोड़ना चाहते हैं. पिछले दिनों रावत को उत्तराखंड में चुनाव अभियान कमेटी की कमान सौंपी जा चुकी है और वह पार्टी के सीनियर पदाधिकारियों के साथ मिलकर चुनावी रणनीति तैयार कर रहे हैं.
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‘पंजाब में पार्टी के भीतर कोई कलह नहीं’
हाईकमान के साथ मुलाकात करने के लिए दिल्ली जाने वाले रावत ने दो बातें एकदम साफ तौर पर कहीं कि एक तो पंजाब में पार्टी के भीतर दोफाड़ या कलह जैसी कोई स्थिति नहीं है. सभी पार्टी के बैनर तले खड़े हैं और संगठन में अगर किसी को कोई बातचीत करनी है या शिकायत तो उसकी एक प्रक्रिया है, जिसे हाईकमान तक रखा जाएगा. दूसरे, रावत ने साफ किया कि पंजाब में चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. बताया जा रहा है कि रावत पंजाब में विधायकों व मंत्रियों के साथ हुई बातचीत के बारे में सोनिया गांधी को अपडेट देंगे.
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