हरीश रावत ने BJP में गए बागियों को कहा ‘उज्याड़ू बल्द’, ‘मां के संघर्ष’ वाले VIDEO पर भी दी सफाई
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देहरादून. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य में कुछ कांग्रेसी नेताओं के भाजपा में जाने के बाद किए जा रहे कटाक्षों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा को अपनी करनी का फल मिलेगा क्योंकि जो दूसरों के लिए अंधेरा खोजता है, कालचक्र उसी के लिए अंधेरे का इंतज़ाम कर देता है. सोशल मीडिया पर जारी अपने जवाब में रावत ने उत्तराखंड और पंजाब के उन नेताओं को ‘उज्याड़ू बल्द’ कहा, जो कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. वहीं, एक अन्य पोस्ट में रावत ने अपनी ‘मां के संघर्ष’ वाले वीडियो को लेकर लग रहे आरोपों का भी जवाब दिया.
‘भाजपा पंजाब में किस कोठरी में जाएगी!’
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में रावत ने लिखा कि भाजपा ने ‘उज्याड़ू बल्दों’ यानी खेत में घुसकर उसे उजाड़ देने वाले बैलों को स्वीकारा है तो देखना होगा कि अब उनके साथ क्या सलूक होता है. वहीं, पंजाब में दलबदल के संदर्भ में उन्होंने लिखा, ‘यह तो भाजपा को चुनाव में मालूम पड़ जाएगा कि वह पंजाब में किस कोठरी में जाने वाली है!’ रावत ने कटाक्ष के ढंग से कहा कि कालचक्र ने पंजाब और उत्तराखंड में भाजपा के लिए अंधेरे का इंतज़ाम कर दिया है.
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दल बदलने वाले कांग्रेसी नेताओं के मुद्दे पर भाजपा को जवाब देता हरीश रावत का ट्वीट.
संयोग या सोशल मीडिया मीम्स?
रावत के इस बयान के संदर्भ में दो रोचक बातें सोशल मीडिया पर ही सामने आईं. एक तो खुद इस पोस्ट से पहले रावत ने आवारा छोड़े गए बैलों, गायों को किसानों के लिए परेशानी का कारण बताया और कहा ये ‘झुंड बनाकर जिस गांव की खेती में घुसते हैं, उसे पूरा बर्बाद कर देते हैं.’ इसके बाद बागी नेताओं को ‘उज्याड़ू बल्द’ कहने के साथ बेशक इस पोस्ट का कोई सीधा संबंध नहीं बताया गया, लेकिन कटाक्ष तो जुड़ ही गया.
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दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक बैल एक छोटी सी दुकान में घुसता दिखता है और उसे उजाड़कर चला जाता है. इसे भी पंजाब कांग्रेस में चल रहे घटनाक्रम से जोड़कर मीम की तरह प्रसारित किया जा रहा है.
‘इमोशनल कार्ड तो नहीं खेल रहा हूं’
हरीश रावत लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. दो दिन पहले ही ‘उत्तराखंडियत’ शीर्षक से उनका एक वीडियो जारी हुआ था, जिसमें उन्होंने परिवार की गरीबी के दिन, मां के संघर्ष और बचपन में संकट के समय का ज़िक्र किया था. इसके बाद विरोधी खेमे ने रावत पर आरोप लगाया था कि वह चुनाव नज़दीक होने के कारण लोगों की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.
#मेरी_माँ….
इमोशनल कार्ड के रूप में तो इस्तेमाल नहीं कर रहा हूँ। आप #मुख्यमंत्री के रूप में मेरी अभिव्यक्ति को जो मैंने फेसबुक में भी पोस्ट की थी, उसको देखिये तो उसमें भी मैंने जो #महिलाओं के लिए जब भी कोई योजना बनाई तो अपनी #माँ के,……https://t.co/0WTcvOatOE#uttarakhand pic.twitter.com/w0j4G4pleC— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) September 28, 2021
इसका जवाब देते हुए रावत ने एक और वीडियो ट्विटर पर जारी करते हुए सफाई दी कि वह इमोशनल कार्ड नहीं खेल रहे, बल्कि स्वाभाविक अभिव्यक्ति दे रहे थे. उन्होंने यह भी दावा किया कि सीएम रहते हुए भी उन्होंने महिलाओं और वृद्धों के लिए कई योजनाएं चलाई थीं. ‘मेरे बुज़ुर्ग मेरे तीर्थ’ योजना का ज़िक्र भी उन्होंने अपनी पोस्ट में करते हुए अपनी मां की कहानी को अनेक मांओं की कहानी करार दिया.
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