उत्तराखंड

Exclusive : कांवड़ यात्रा मार्ग से ज्यादा खतरनाक स्थिति हरिद्वार में, इसीलिए उठाए गए कड़े कदम

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नई दिल्ली. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा से कुछ लाख नहीं, बल्कि 3 करोड़ लोग कांवड़ यात्रा के लिए आते हैं. संक्रमण का खतरा कांवड़ मार्ग पर भी है, लेकिन हरिद्वार से ज्यादा नहीं. हरिद्वार में ज्यादा इसलिए है कि सभी अलग-अलग रास्तों से यहीं जल लेने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में संक्रमण बहुत तेजी से फैल सकता है, इसलिए हमने कांवड़ यात्रा को रद्द करने का आदेश दिया हैं. मैं खुद शिव का भक्त हूं, लेकिन संक्रमण को रोकना और कोरोना की तीसरी लहर को थामना ही हमारा सबसे बड़ा उद्देश्य है. ये बातें दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहीं.

2027 तक विश्व पर्यटन के मानचित्र पर उभरेगी देवभूमि

उन्होंने कहा कि आज मेरी केंद्रीय पर्यटन मंत्री और पर्यटन राज्य मंत्री से मुलाकात हुई थी. पर्यटन रोजगार का प्रमुख जरिया है. हमारी योजना कुछ दिनों की नहीं है, बल्कि दीर्घकालीन है. 2027 तक का ब्लूप्रिंट तैयार है. हमारी कोशिश है कि आने वाले 6 सालों के अंदर उत्तराखंड विश्व टूरिज्म के मानचित्र पर अंकित हो जाए.

पर्यटन के साथ कनेक्टिविटी पर जोर

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड 2017 चुनाव में दो इंजन की सरकार का वादा किया गया था. हम उस वादे को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं. चाहे वह रुड़की रेलवे लाइन हो, कर्णप्रयाग रेलवे लाइन हो या सामूहिक सीमावर्ती क्षेत्रों और चार धाम यात्रा को जोड़ने वाली रेल लाइन. हमारी कोशिश है कि रेल के जरिए भी उत्तराखंड की कनेक्टिविटी बढ़ाई जाए, इसलिए आज मेरी केंद्रीय रेल मंत्री से भी चर्चा हुई. कई योजनाओं पर बात हुई.

आंतरिक सुरक्षा पर हुई विपिन रावत से गहन चर्चा

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की अंतरराष्ट्रीय सीमा नेपाल और चीन दोनों से लगती है. हमारी कोशिश है कि भारत नेट के जरिए सूचना और संचार को पर्वतीय और सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचाया जाए, ताकि सीमावर्ती इलाकों से पलायन पर रोक लगे. आंतरिक सुरक्षा भी हमारे लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है. सीडीएस बिपिन रावत से आज मेरी दिल्ली में इसी पर ही चर्चा हुई है.

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