Covid-19 Update: उत्तराखंड में आने वाले दिनों में गहरा सकता है कोरोना संकट, जाने क्यों ?
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दो अप्रैल से देहरादून में प्रसिद्व झंडा मेला भी शुरू होने जा रहा है. इसमें पंजाब और हरियाणा समेत देश के कई राज्यों से हर साल लाखों की संख्या में श्रदालु जुटते हैं. (सांकेतिक फोटो)
ऋषिकेश (Rishikesh) के पास व्यासी में स्थित एक होटल से 16 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. पिछले दस दिनों में इस होटल से करीब 23 कर्मचारी पॉजिटिव आ चुके हैं.
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड पर कोरोना संक्रमण का बड़ा खतरा मंडरा रहा है. सावधानी नहीं बरती गई, तो उत्तराखंड में आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण का संकट गहरा सकता है. इसका कारण है कि उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच एक के बाद एक ऐसे सामूहिक आयोजन जिसमें देश-दुनिया के लोग उत्तराखंड में होंगे. सबसे पहले होली, होली के बाद उत्तराखंड में एक अप्रैल से तीस अप्रैल तक चलने वाला महाकुंभ. जिसमें तीन बड़े स्नान हैं और इनमें लाखों की भीड़ जुटने का अनुमान है. हालांकि, हाईकोर्ट के कड़े रूख के बाद प्रशासन ने कुंभ में आने वाले श्रदालुओं के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य कर दी है, लेकिन जब लाखों की संख्या में श्रदालु हरिद्वार पहुंचेंगे तो एक दिन में इतने बड़े पैमाने पर आने वाले श्रदालुओं की रिपोर्ट चेक करना संभव नहीं है.
टूरिस्टों का आना जाना लगा रहता है
दो अप्रैल से देहरादून में प्रसिद्व झंडा मेला भी शुरू होने जा रहा है. इसमें पंजाब और हरियाणा समेत देश के कई राज्यों से हर साल लाखों की संख्या में श्रदालु जुटते हैं. प्रशासन अभी तक ये तय नहीं कर पाया है कि झंडा मेले में जुटने वाली भीड़ का क्या किया जाए. कोविड-19 प्रोटोकॉल का किस तरह पालन कराया जाए. खासकर हरिद्वार और ऋषिकेश दोनों ऐसे स्थान हैं, जहां बड़े पैमाने पर टूरिस्टों का आना जाना लगा रहता है.वैक्सिनेशन की रफ्तार बढ़ाई जाए
उत्तराखंड में इसके बाद दस मई से सिक्खों के पबित्र धार्मिक स्थल हेमकुंड साहिब की यात्रा भी शुरू होने वाली है. इसके बाद मई में ही गंगोत्री, यमनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम की यात्रा भी शुरू होने जा रही है. इससे पूर्व उत्तराखंड में अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट लानी जरूरी थी. लेकिन अब कुंभ में स्नान पर्व को छोड़ दिया जाए तो पूरे उत्तराखंड में इस बाध्यता को भी समाप्त कर दिया गया है. हालांकि, चीफ सेक्रेटरी ओमप्रकाश का कहना है कि सरकार की कोशिश है कि ऐसे स्थानों पर वैक्सिनेशन की रफ्तार बढ़ाई जाए.
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