Chamoli Tragedy: अब ली जाएगी नेवी डाइवर्स की मदद, हादसे के बाद बनी झील की गहराई का पता लगाएंगे
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नेवी डाइवर्स हादसे के बाद बनी झील की गहराई का पता लगाएंगे. (File)(फोटो साभार-PTI)
उत्तराखंड के चमोली (Chamoli) जिले में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में अब नेवी डाइवर्स ( Navy Divers) की मदद ली जाएगी. झील की गहराई का पता लगाने के साथ नीचे फंसे शवों को खोजने की भी कोशिश की जाएगी.
- News18Hindi
- Last Updated:
February 25, 2021, 6:16 PM IST
सैन्ट्रल वाटर कमीशन इस बात की जांच कर रहा है कि किन किन स्रोतों से पानी इस झील में जमा हुआ है. पर्यावरण मंत्रालय के विशेषग्यों की टीम ये अध्यन कर रही है कि इस झील में पानी कितना इकट्ठा हुआ है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ इसका आंकलन कर रहे हैं कि किस ओर इस झील का पानी छोड़ा जाए और अब भारतीय नौसेना के नेवी डाइवर्स इस झील की गहराई का पता लगाएंगे
क्या होते हैं नेवी डाइवर्स
भारतीय नौसेना में खास तरीके की ट्रेनिंग इन्हें दी जाती है. इनका काम होता है गहरे पानी में जाना और नौसेना के जहाजों की मरम्मत करना, समुद्र के नीचे संभावित प्राकृतिक आपदाओं को लेकर आगाह करना, जहाजों के वेस्ट को हटाना और जहाज पर तैनात नौसेनिकों को सपोर्ट सिस्टम मुहैया करवाना. दुनियाभर की नौसेनाओं में इनकी तैनाती का प्रचलन सौ साल से भी ज्यादा समय से हो रहा है. बीते कुछ सालों में बाढ़ से हुई प्राकृतिक आपदाओं में पानी के गहराई की सूक्ष्म जांच के लिए इनका उपयोग किया जा रहा है.ये भी पढ़ें: Dharamshala News: नए गैस सिलेंडर से रिसाव, जल गई पूरी फास्ट फूड वैन, जान बचाने भागे लोग
चमोली हादसे में कितने कारगर होंगे नेवी डाइवर्स
एनडीआरएफ के पूर्व डीआईजी जेपी यादव का कहना की हादसे के बाद भीड़ ने पानी स्थिर है और उसका बहाव कम है. लिहाजा इनकी तैनाती काफी ज्यादा कारगर होगी न केवल या गहराई का पता लगाएंगे, बल्कि अगर कोई शव नीचे की ओर फंसा हुआ है तो उसको भी इनकी मदद से निकाला जा सकता है. इन नेवी डाइवर्स के पास अत्याधुनिक उपकरण भी बचाव के है जिस वजह से बचाव की अन्य एजेंसियों को भी इनसे बेहतर जानकारी मिलेगी जिस वजह से यह अपने काम में और ज्यादा तेजी लाएंगी.
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