Chamoli Glacier Tragedy: अब तक निकाले जा चुके 70 से ज्यादा शव, जानें 1 महीने बाद कितने बदले हालात
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उत्तराखंड त्रासदी को आज एक महीना पूरा हुआ. लेकिन, बुरी यादें आज भी ताजा हैं. (File)
Chamoli Glacier Tragedy: उत्तराखंड त्रासदी, तपोवन जल प्रलय. जो भी कहें, लेकिन इस त्रासदी की यादें भूले नहीं भूल रहीं. आज इस प्राकृतिक आपदा को एक महीना पूरा हो गया. प्रशासन अब भी लापता लोगों के शवों की तलाश कर रहा है.
बता दें, आज ही के दिन 7 फरवरी को चमोली में ग्लेशियर हादसा हुआ था. तपोवन रैणी क्षेत्र में ग्लैशियर टूटने के कारण भारी तबाही मची थी और ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट (Rishiganga Power Project) पूरी तरह नष्ट हो गया था. नदी का जल स्तर लगातार बढ़ने से अलकनंदा नदी उफान पर थी. हादसे के वक्त स्थानीय प्रशासन 10 हजार से अधिक लोगों के प्रभावित होने की आशंका जता रहा था. हादसे के तुरंत बाद ITBP, उत्तराखंड पुलिस, नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स और स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स की टीम मौके पर रवाना हो गई थीं.
NTPC का पावर प्रोजेक्ट हुआ था तबाह
त्रासदी के एक दिन बाद 8 फरवरी को सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हादसे को लेकर जानकारी दी थी. सीएम ने कहा कि पूरी रात रेस्क्यू चलता रहा. तपोवन गांव के पास एनटीपीसी परियोजना का काम चल रहा था. हमें पता चला है कि वहां तपवोन में एक कंपनी थी, जहां 24-25 लोग थे, जो काम कर रहे थे. हादसे के बाद लापता लोगों का आंकड़ा 203 के पार पहुंच गया है. इनमें से 11 का शव बरामद कर लिया गया है. राहत कार्य जारी है.
NTPC का पावर प्रोजेक्ट हुआ था तबाह
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