पत्रकार राजीव प्रताप की मौत सड़क दुर्घटना में, पुलिस ने हत्या की आशंका की जांच की बंद
उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जिले में वरिष्ठ पत्रकार राजीव प्रताप की मौत के बाद उठे सवालों पर अब पुलिस ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। परिजन और परिचितों ने उनकी हत्या की आशंका जताई थी, लेकिन पुलिस की गहन जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद यह मामला सड़क दुर्घटना का पाया गया है।
नशे की हालत में कर रहे थे ड्राइविंग
पुलिस जांच के अनुसार, 18 सितंबर की रात राजीव प्रताप अपने एक परिचित आरक्षी सोबन सिंह और पूर्व कैमरामैन के साथ थे। तीनों ने टैक्सी स्टैंड पर शराब पी। देर रात लगभग 11 बजे राजीव प्रताप को सीसीटीवी फुटेज में होटल से बाहर निकलते हुए नशे की हालत में लड़खड़ाते हुए देखा गया। थोड़ी देर बाद वे गाड़ी में अकेले बैठे और ड्राइविंग सीट पर सवार हो गए। पुलिस का कहना है कि वे उस वक्त अत्यधिक नशे में थे और गाड़ी पर नियंत्रण नहीं रख पाए।
पुलिस ने की गहन जांच
पुलिस उपाधीक्षक जनक पंवार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि राजीव प्रताप की मौत दुर्घटना के कारण हुई थी। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि हादसे के वक्त उनके शरीर में अल्कोहल की मात्रा काफी अधिक थी। साथ ही, ड्राइविंग के दौरान कोई अन्य व्यक्ति वाहन में मौजूद नहीं था।
हत्या की आशंका खारिज, लेकिन जांच जारी
पुलिस ने कहा कि अब तक के साक्ष्य हत्या की किसी भी संभावना की पुष्टि नहीं करते। इसके बावजूद, सभी तकनीकी और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की जांच जारी है ताकि कोई भी पहलू छूट न जाए।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सक्रिय पत्रकार थे राजीव प्रताप
राजीव प्रताप अपनी तेजतर्रार पत्रकारिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर आवाज उठाने के लिए जाने जाते थे। उन्हें पहले भी कई बार धमकियाँ मिल चुकी थीं। इसी कारण उनकी मौत के बाद हत्या की आशंका ने जोर पकड़ा था। लेकिन अब पुलिस की जांच से मामला साफ होता दिख रहा है।
