उत्तराखंड

पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय, मोहकमपुर में अभिभावक-शिक्षक बैठक का आयोजन

अभिभावक-शिक्षक सहयोग से आयेगी विद्यार्थियों की पढ़ाई में नई ऊर्जा -एम.एस रावत

देहरादून। पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय आईआईपी, मोहकमपुर (देहरादून) में प्राचार्य मनोज कुमार के निर्देशन में कक्षा पाँचवीं के छात्रों के अभिभावकों एवं शिक्षकों की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की शैक्षिक प्रगति, अनुशासन, आगामी परीक्षाओं की तैयारी और अभिभावक–शिक्षक के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना रहा।

विद्यालय परिसर में पहुँचे सभी अभिभावकों का स्वागत विद्यालय के मुख्य अध्यापक एम.एस. रावत ने किया। उन्होंने बैठक के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल कक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी से ही बच्चों का समग्र विकास संभव हो सकता है। मुख्य अध्यापक एम.एस. रावत ने अभिभावकों को आवधिक परीक्षा में छात्रों के प्रदर्शन, आगामी अर्धवार्षिक परीक्षा की समय-सारणी, पाठ्यक्रम की तैयारी, छात्रों में अनुशासन बढ़ाने तथा पठन-पाठन की गुणवत्ता में सुधार के लिए अभिभावकों की भूमिका पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि अभिभावक और शिक्षक मिलकर ही विद्यार्थियों के अंदर सकारात्मक दृष्टिकोण और अध्ययन के प्रति उत्साह पैदा कर सकते हैं।

अभिभावकों के सुझाव
बैठक के दौरान अभिभावकों ने भी सक्रियता से अपने सुझाव प्रस्तुत किए। अभिभावक अवधेश नौटियाल ने गणित विषय को अधिक रोचक एवं छात्र–हितैषी बनाने के साथ-साथ बच्चों में गणित के प्रति आत्मविश्वास बढ़ाने पर जोर दिया। अभिभावक प्रदीप रावत ने विद्यालय में शिक्षकों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इससे बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। अभिभावक मनोज कुमार सिन्हा ने बच्चों के पुनरावृत्ति कार्य (रीविजन) पर अधिक ध्यान देने और स्कूल बैग के भार को कम करने का सुझाव दिया। अभिभावक अंजना पुंडीर एवं श्रीमती चारु चंदोला ने शिक्षण–अधिगम प्रक्रिया को और आकर्षक एवं सहभागितापूर्ण बनाने के संबंध में अपने विचार रखे।

छात्रों के समग्र विकास हेतु सहयोगात्मक प्रयास
बैठक में कक्षा अध्यापक संदीप उनियाल, दुर्गम सिंह राणा एवं तुषार अरोड़ा भी उपस्थित रहे। उन्होंने भी अभिभावकों को छात्रों की पढ़ाई, अनुशासन और गतिविधियों से जुड़े बिंदुओं की जानकारी दी और उनकी सहभागिता की अपेक्षा की। बैठक के अंत में पारस्परिक संवाद के साथ अभिभावकों एवं शिक्षकों ने छात्रों के समग्र विकास हेतु सहयोगात्मक प्रयास जारी रखने का संकल्प लिया। सभी ने यह माना कि अभिभावक और शिक्षक मिलकर बच्चों के लिए बेहतर और अनुकूल शैक्षिक वातावरण तैयार कर सकते हैं।