श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में विश्व अंगदान दिवस पर किडनी दानदाताओं का सम्मान
अब तक 30 सफल किडनी प्रत्यारोपण कर चुका है अस्पताल
देहरादून। विश्व अंगदान दिवस के अवसर पर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल, देहरादून ने समाज के सच्चे नायकों – गुर्दा दानदाताओं – को सम्मानित कर उनके अद्वितीय योगदान को सराहा। बुधवार को आयोजित इस विशेष समारोह में दानदाताओं को सम्मान-पत्र और पुरस्कार प्रदान किए गए।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज़ के प्राचार्य डॉ. अशोक नायक, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल मलिक और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय पंडिता द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक कुमार ने अंगदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “अंगदान किसी को दिया गया जीवन का सबसे बड़ा तोहफा है। एक मृत व्यक्ति अपने अंगों से आठ लोगों को नया जीवन दे सकता है।” उन्होंने एक प्रेरणादायक उदाहरण साझा करते हुए बताया कि पिछले वर्ष एक 19 वर्षीय युवक की असमय मृत्यु के बाद उसके परिजनों ने साहसी निर्णय लेकर उसकी दोनों किडनियां, लिवर और आंखें दान कीं, जिससे छह लोगों को नया जीवन और दृष्टि मिली।
डॉ. आलोक कुमार ने यह भी बताया कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में अब तक 30 सफल किडनी प्रत्यारोपण हो चुके हैं। इस कार्य में अस्पताल की अनुभवी और समर्पित टीम – डॉ. विवेक रुहेला, डॉ. गौरव शर्मा, डॉ. कमल शर्मा, डॉ. विवेक विज्जन और डॉ. विमल कुमार दीक्षित का महत्वपूर्ण योगदान है।
कार्यक्रम में अंगदान की प्रक्रिया, जनजागरूकता और परिवार की भूमिका पर भी चर्चा की गई। सभी उपस्थितजन इस बात पर एकमत रहे कि अंगदान को जन-जन तक पहुंचाना ही सबसे बड़ी सेवा है। इस अवसर पर डॉ. डोरछम ख्रेमे और किडनी ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर सुषमा कोठियाल भी उपस्थित रहीं।
