उत्तराखंड

हल्द्वानी: कॉर्बेट से सटे जंगल में बन रही थी शराब, पुलिस के पहुंचने से पहले फरार हुए माफिया

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साथ ही मौके से एक शख्स भी गिरफ्तार किया गया.

साथ ही मौके से एक शख्स भी गिरफ्तार किया गया.

Uttarakhand News: उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध शराब बनाने का भंडाफोड़. पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी माफिया की करतूतों पर नहीं लग पा रही लगाम.

हल्द्वानी. उत्तराखंड कॉर्बेट नेशनल पार्क (Uttarakhand Corbett National Park) से सटे कालाढूंगी, बाजपुर और बैलपड़ाव के जंगल शराब माफियाओं के मुफीद अड्डे बन चुके हैं. यहां शराब माफिया खुले आसमान के नीचे पहले भट्टियां बनाता है और फिर उनमें अवैध शराब बनाने का काम होता है. हालांकि, आबकारी और पुलिस की टीमें समय-समय पर छापेमारी कर इन माफियाओं की धड़-पकड़ का अभियान चलाते रहती हैं लेकिन इसके बावजूद शराब माफिया (Wine Mafia) कुछ न कुछ रास्ता निकाल ही लेते हैं. पुलिस की तमाम कोशिशें शराब माफियाओं को रोकने में नाकाम हैं. लेकिन इसके बावजूद शनिवार को पुलिस ने जंगल में छापेमारी की. इस दौरान खुले आसमान के नीचे शराब बन रही थी. जिस भट्टी में शराब बन रही थी उसे पुलिस (Police) ने तोड़ डाला है. साथ ही मौके से एक शख्स भी गिरफ्तार किया गया.

राम पौरी, चौकी प्रभारी बेलपड़ाव को सूचना मिली कि बन्नाखेड़ा-बेलपड़ाव बॉर्डर पर बेलपड़ाव की तरफ दाबका नदी के किनारे अवैध देसी शराब बन रही है. पुलिस टीम ने मौके पर छापेमारी की. इस दौरान पुलिस को वहां काम करता एक शख्स मिला, जो ऊधम सिंह नगर के बाजपुर का रहने वाला था. पुलिस को मौके से शराब बनाने वाले सामान मिले. जिसमें ट्यूब, लोहे के ड्रम, टिन और शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाला लहन और इंस्ट्रूमेंट्स थे. पुलिस ने सबसे पहले शराब भट्टी को तोड़ा और इसके बाद बनी हुई कच्ची शराब और 800 लीटर लहन को जमीन में गिरा दिया. पुलिस ने मौके से मिले शख्स के खिलाफ आबकारी एक्ट में कार्रवाई  की और जेल भेज दिया.

यहां बनती है अवैध शराब 
शराब माफिया के लिए जंगल शराब बनाने का सबसे मुफीद अड्डे हैं. कॉर्बेट से सटे जंगल में पानी आसानी से मिल जाता है. साथ ही गांवों से सटे होने के कारण देसी शराब के ग्राहक भी मिल जाते हैं, जिससे शराब बिकने में भी कोई परेशानी नहीं होती. इसलिए शराब माफियाओं के लिए ये जंगल सबसे सुरक्षित अड्डे हैं. क्योंकि यहां किसी भी सरकारी टीम के पहुंचने से पहले माफिया को इसकी सूचना मिल जाती है. और पुलिस टीम के आने से पहले ही माफिया मौके से फरार हो जाता है. ऐसे में पुलिस की कार्रवाई मुश्किल हो जाती है.






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