मानसून और बारिश से बिहार में जारी है बाढ़ की तबाही, उत्तराखंड में भी नदियां उफान पर
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बिहार के 11 जिलों में अच्छी बारिश
बिहार में मानसून के आगमने के साथ हुई बारिश का असर ऐसा है कि 11 जिलों में औसत 25 मिमी बारिश दर्ज की गई है. पटना में गंगा नदी का जलस्तर भी पिछले 24 घंटे में खतरे के निशान से 2.67 मीटर ऊपर पहुंच गया है तो वहीं गंगा के किनारे बसे अन्य जिलों मसलन बक्सर से भागलपुर जिले के कहलगांव तक गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. गंगा खतरे के लाल निशान से लगभग डेढ़ मीटर नीचे है. पटना से सटे हथीदह में गंगा लाल निशान से 1.66 मीटर नीचे, मुंगेर में लाल निशान से पौने तीन मीटर नीचे है तो वहीं भागलपुर में भी गंगा लगभग 2.75 मीटर नीचे है.
कई इलाकों में नदियां उफान पर
बिहार के उत्तरी इलाके की बात करें तो गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और वैशाली जिलों में गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सीमांचल क्षेत्र के पूर्णिया और कटिहार जिलों में महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर है तो वहीं वीरपुर और सहरसा में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से क्रमश: 43 और 9 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया. अररिया जिले के जय नगर और परमन नदी में भी कमला बालन खतरे के निशान से ऊपर हैबाढ़ के कहर के बीच पश्चिम चंपारण जिले के 13 प्रखंडों की करीब 1.5 लाख आबादी इससे बुरी तरह से प्रभावित है तो वहीं गोपालगंज के छह प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुस गया. समस्तीपुर, हाजीपुर, पुनपुन में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
उत्तराखंड पर बाढ़ के साथ-साथ भूस्खलन का खतरा
बात अगर उत्तराखंड की करें तो उत्तराखंड के ऋषिकेश, उत्तरकाशी, चमौली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग समेत कई इलाकों में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है. उत्तराखंड के कई जिलों में पिछले 3 दिनों से लगातार बारिश हो रही है. बारिश के कारण प्रदेश से गुजरने वाली गंगा मंदाकिनी, अलकनंदा और पिंडर जैसी नदियां लगातार उफान पर हैं. पिथौरागढ़ में नदियों का जलस्तर जहां खतरे से निशान से ऊपर बह रहा है तो जोशीमठ में भी पिछले 4 दिनों से लगातार बारिश हो रही है . अलकनंदा का सबसे रौद्र रूप रुद्रप्रयाग में दिख रहा है जहां यह नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है
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