उत्तराखंड

बाबा रामदेव के बदले सुर, कहा- इमरजेंसी में और सर्जरी के लिए एलोपैथी ही श्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति

[ad_1]

आईएमए से विवाद के बाद अब बुधवार को बाबा रामदेव के सुर बदले बदले दिखे. (फाइल फोटो)

आईएमए से विवाद के बाद अब बुधवार को बाबा रामदेव के सुर बदले बदले दिखे. (फाइल फोटो)

रामदेव (Ramdev) ने कहा कि उनका किसी संगठन या चिकित्सा पद्धति से कोई बैर नहीं है. डॉक्टर धरती पर देवदूत की तरह हैं. लेकिन इलाज के नाम पर किसी का शोषण नहीं होना चाहिए.

पुलकित शुक्ला

हरिद्वार. एलोपैथी को लेकर विवादित बयान देकर सुर्खियों में आए बाबा रामदेव (Baba Ramdev) अब यू-टर्न लेते हुए दिख रहे हैं. रामदेव ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि सर्जरी और आपातकाल की स्थिति में एलोपैथी ही श्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति है. रामदेव ने कहा कि उनका किसी भी संगठन या चिकित्सा की पद्धति से बैर नहीं है. जो अच्छे डॉक्टर हैं वे धरती पर देवदूत की तरह हैं. हालांकि इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि गैर जरूरी दवाइयों और इलाज के नाम पर किसी का भी शोषण नहीं किया जाना चाहिए. गौरतलब है कि वे पतंजलि योगपीठ में योग ग्राम के उद्घाटन के दौरान ये कह रहे थे.

स्वामी रामदेव ने इस दौरान प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की सराहना करते हुए कहा कि इन से लोगों को कम दामों में जेनेरिक दवाइयां आसानी से उपलब्ध हो रही हैं, जो कि एक सराहनीय कदम है.

IMA से विवादगौरतलब है कि डॉक्टरों के सबसे बड़े संगठन आइएमए और योग गुरु स्वामी रामदेव में इन दिनों विवाद चल रहा है. हाल ही में स्वामी रामदेव ने डोक्टरों पर कुछ विवादित टिप्पणियां की थी जिसके बाद आईएमए से जुड़े डॉक्टरों ने रामदेव के बयान पर आपत्ति जताई थी. हालांकि स्वामी रामदेव ने अपनी टिप्पणी पर सफाई देते हुए खेद जताया था. बाबा रामदेव की इस बयानबाजी के बाद केंद्रीय स्वास्‍थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी रामदेव को पत्र लिख आपत्ति जताई थी. वहीं रामदेव की इन टिप्पणियों के खिलाफ कई शहरों में उन पर मामला भी दर्ज किया गया है.

कोरोना की तीसरी लहर पर बोले रामदेव

कोरोना की तीसरी लहर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि ये तो आती जाती रहेंगी, लेकिन इस वक्त जरूरी है कि हर व्यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक घोषणा करते हुए 21 जून से सभी के लिए कोरोना वैक्सीन मुफ्त कर दी है. अब सभी को कोरोना वैक्सीन लगवाने के साथ-साथ योग और आयुर्वेद की डबल डोज भी लेनी चाहिए. इससे सभी के स्वास्‍थ के लिए ऐसा सुरक्षा कवच तैयार होगा कि भारत में एक भी मौत कोरोना से नहीं होगी.





[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *