उत्तराखंड

बड़ी खबर: उत्तराखंड के 10वें मुख्यमंत्री के तौर पर तीरथ सिंह रावत ने ली शपथ, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

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शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी तीरथ सिंह रावत को बधाई दी.

शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी तीरथ सिंह रावत को बधाई दी.

उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. गौरतलब है कि सूबे के पूर्व सीएम ‌त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार शाम को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, उसके बाद से ही सीएम पद के लिए कई नामों पर चर्चा चल रही थी.

देहरादून. उत्तराखंड में चल रही सियासी हलचल आखिर थमती नजर आ रही है. बीजेपी (BJP) आलाकमान की तरफ से उत्तराखंड की कमान मिलने के बाद तीरथ सिंह रावत (Teerath Singh Rawat) ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई. शपथ लेने के बाद टीएस रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के प्रति अभार प्रकट किया. साथ ही उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपना बड़ा भाई बताया. रावत ने कहा कि उनका अब पूरा ध्यान राज्य की जनता के लिए दिन रात काम करना और उनके भरोसे पर खरा उतरना होगा.

तीरथ सिंह रावत के सीएम के तौर पर शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी. प्रधानमंत्री ने कहा कि वे अपने साथ प्रशासनिक और संगठन का बेहतरीन तजुर्बा लेकर आते हैं. ऐसे में मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि उनके नेतृत्व में राज्य का विकास नई ऊंचाइयों को छुएगा.

आगे हैं कई चुनौतियां
तीरथ सिंह रावत के सामने कई चुनौतियां भी होंगी. जिनको पार पाना इतना आसान नहीं होगा. सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव तीरथ सिंह रावत के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती उपचुनाव जीत कर विधानसभा का सदस्य बनना होगी. इसके बाद ही वे सीएम की कुर्सी पर बरकरार रह सकते हैं. माना जा रहा है कि वे सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद खाली हुई सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं.

पार्टी की अंदरूनी कलह खत्म करना
तीरथ सिंह के सामने एक बड़ी समस्या राज्य में पार्टी को संगठित रखना भी होगी. जिस तरह से ‌‌त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पद से इस्तीफा दिया उससे पार्टी में खेमेबंदी हो सकती है. ऐसे में चुनावों से पहले इस तरह की खेमेबंदी को रोकना भी बड़ी चुनौती साबित होगी. वहीं तीरथ सिंह के लिए काम करने को एक साल का ही समय बाकि है. उसमें भी किसी फैसले के लिए उनके पास महत 8 से 10 महीने का ही समय रहेगा.






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