प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीरथ रावत ने अपनी उपलब्धियां गिनाईं, इस्तीफे पर साध गए चुप्पी
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अपने संबोधन में सीएम तीरथ ने कहा, “कोविड महामारी से काफी निजात पाए हैं, लेकिन साथ है जो हमारे ट्रांसपोर्ट थे, टूरिज्म विभाग था, उनको काफी कठिनाई आई है, ऐसे लोगो केलिए बिजली पानी वो भी एक समस्या रही है, उनको कुछ सुविधाएं जो माफ की जा सकती थीं, वो किया है. इसको लेकर राहत सहायता देने के लिए बहुत कदम उठाए हैं जिसमें लगभग 2 हजार करोड़ राहत सहायता प्रदान हम लोग करने जा रहे हैं. सभी बिंदुओ को छुआ, स्वास्थय एंव परिवार कल्याण, उर्जा परिवहन, महिला एंव बाल विकास, इन विभागों में ऐसे 2 हजार करोड़ की सहायता दी है, अलग-अलग मद से दी है.”
उन्होंने आगे कहा, “मैने कहा था कि हर विभाग मे हम नियुक्तियां करने जा रहे हैं. ये हमारा तैयार था केवल मुझे घोषणा करनी थी, रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. राजकीय विभागों मे सीधी भर्ती को पूर्ण कर, 20 हजार नियुक्तियां प्रदान करने का प्रयास किया है. ऐसे 22 हजार 340 संख्या बनती है. साथ ही कक्षा 11 और 12 के छात्रों के लिए अपना लैपटॉप. ये हमने किया है.”
CM तीरथ सिंह रावत के देहरादून लौटते ही हलचल तेज़ हो गई है. देहरादून में बीजेपी के विधायक जुटने लगे हैं. बीजेपी के राज्य में 56 विधायक हैं. सूत्रों के मुताबिक, सीएम तीरथ आज रात 9.30 पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद वह गवर्नर से मिल सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक हो सकती है.
देहरादून में कल दोपहर 3 बजे पार्टी मुख्यालय में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी. प्रदेश के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की अध्यक्षता में बैठक होगी. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में देहरादून में बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें मौजूदा विधायकों में से नया नेता चुना जाएगा. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कल सुबह 11 बजे राज्यपाल से मिलेंगे.
सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड के सीएम ने तीरथ सिंह रावत ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस्तीफा सौंप दिया है. उन्होंने लिखा कि संवैधानिक प्रक्रिया कहती है कि सीएम को किसी सदन का सदस्य होना चाहिए और जब विधानसभा चुनाव में एक साल बचा हो तो उपचुनाव नहीं कराया जा सकता इसलिए मैं पद से इस्तीफा दे रहा हूं.
गौरतलब है कि तीरथ सिंह रावत ने इसी साल मार्च में प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला था. त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर उन्हें प्रदेश की बागडोर सौंपी गई थी. तीरथ सिंह को छह महीने के अंदर विधायक बनना ज़रूरी है. उत्तराखंड की दो सीटों पर उपचुनाव होने हैं लेकिन कोरोना महामारी के चलते उपचुनाव पर रोक है. ऐसे में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है.
नए सीएम के चयन में आरएसएस का रोल अहम
प्रदेश बीजेपी संगठन की गतिविधि तेज़ हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, संगठन के पदाधिकारी कर रहे गोपनीय बैठक कर रहे हैं. शनिवार की हलचल को लेकर बैठक हो रही है. महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आरएसएस को बीजेपी का मेंटर माना जाता है. आरएसएस कैडर से आने वाले विधायक में किसी को मौका देने के फेवर में है. विधायकों की सीनियरिटी रहेगा दूसरा फैक्टर रहेगा.
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