पिथौरागढ़-घाट हाइवे पर भारी लैंडस्लाइड से जिले का शेष राज्य से कटा संपर्क, हजारों यात्री फंसे
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चीन और नेपाल बॉर्डर को जोड़ने वाले इस हाइवे पर भारी बोल्डर्स और टनों मलबा गिरा है
एनएचए के अधिशासी अभियंता पी.एल चौधरी का कहना है कि हाइवे को खोलने के लिए मशीनें लगाई गई हैं. लेकिन लैंडस्लाइड (Landslide) से मलबा बहुत ज्यादा गिरा है, जिस कारण गुरूवार को दोपहर बाद ही हाइवे दोबारा खुलने के आसार हैं.
चिपकोट बैंड के पास हुए भारी लैंडस्लाइड ने पांच लाख की आबादी की रफ्तार को भी थाम दिया है. हालात यह है कि लैंडस्लाइड के बाद बैंड के दोनों तरफ हजारों लोग जहां हैं वहीं कैद हो कर रह गए हैं. भूपाल भट्ट की मां बीमार हैं, वो उन्हें लेकर इलाज के लिए हल्द्वानी जा रहे थे लेकिन लैंडस्लाइड की वजह से हाइवे के जाम में फंसे हुए हैं. इसी तरह गोविंद पांडे भी हाइवे पर फंसे हुए हैं, उनका कहना है कि बुधवार सुबह वो पिथौरागढ़ मुख्यालय से हरिद्वार के लिए चले थे. लेकिन कोई भी यह बताने वाला नहीं था कि हाइवे बंद है. पच्चीस किलोमीटर का सफर करने के बाद उन्हें पता चला कि लैंडस्लाइड के कारण हाइवे बंद है. इस दौरान यात्री प्रशासन की उपेक्षा से भी नाराज दिखे. उनका कहना है कि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं है और न ही उन्हें कोई राहत दी जा रही है.
वहीं हाइवे पर फंसे कुछ यात्री इंतजार करने के बाद पैदल ही सुरक्षित ठिकानों के लिए निकल पड़े. लेकिन दिक्कत उन लोगों को अधिक हो रही है, जिनके पास कोई रास्ता नहीं है. प्राइवेट वाहनों से आ-जा रहे लोगों के पास भी कोई चारा नजर नहीं आता. एनएचए के अधिशासी अभियंता पी.एल चौधरी का कहना है कि हाइवे को खोलने के लिए मशीनें लगाई गई हैं. लेकिन मलबा बहुत ज्यादा गिरा है, जिस कारण गुरूवार को दोपहर बाद ही हाइवे दोबारा खुलने के आसार हैं.
इस हाइवे को ऑल वेदर रोड में तब्दील किया जा रहा है. लेकिन कटिंग के दौरान दर्जनों ऐसे लैंडस्लाइड प्रोन एरिया तैयार हो गए हैं जो कभी भी हाइवे की रफ्तार पर लगाम लगा सकते हैं. (विजय उप्रेती की रिपोर्ट)
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